IIP यानी औद्योगिक उत्पादन के मोर्चे से निराशाजनक खबर है। इस साल सितंबर में सालाना औद्योगिक उत्पादन दर अगस्त के मुकाबले घटकर 3.6% पर आ गई। अगस्त में ये 6.4% थी। हालांकि, पिछले साल सितंबर में औद्योगिक उत्पादन में 2.6% की बढ़ोतरी हुई थी।
माइनिंग और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के अलावा कैपिटल गुड्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, कंज्यूमर नॉन ड्यूरेबल्स सेक्टर के ग्रोथ में कमी ने औद्योगिक उत्पादन के विकास पर जबर्दस्त असर डाला है। ब्याज दरों में कमी के बावजूद इकोनॉमी में मांग नहीं बढ़ना चिंता की बात है।
इस साल जुलाई में आईआईपी 4.2% दर्ज की गई थी, जबकि जून में ये 4.4%( 3.8% से संशोधित) थी जबकि पिछले साल जुलाई में 0.9% थी।
IIP (%) (YoY):
सितंबर: 3.6
अगस्त: 6.4
जुलाई: 4.2
जून: 4.4
मई: 2.5
अप्रैल: 3
मार्च: 2.5
फरवरी: 4.8
जनवरी: 2.8
अप्रैल-सितंबर: 4.00%
सितंबर में अलग-अलग सेक्टर की ग्रोथ (%) (YoY):
माइनिंग: 3.00
मैन्युफैक्चरिंग:2.6
इलेक्ट्रिसिटी:11.4
बेसिक गुड्स: 4.00
कैपिटल गुड्स: 10.5
कंज्यूमर ड्यूरेबल्स : 8.4
कंज्यूमर नॉन ड्यूरेबल्स:(-)4.6
((अगस्त IIP@6.4%
http://beyourmoneymanager.blogspot.in/2015/10/iip64.html
((IIP आंकड़ों का हमारे लिए महत्व
http://beyourmoneymanager.blogspot.in/2015/10/iip.html
माइनिंग और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के अलावा कैपिटल गुड्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, कंज्यूमर नॉन ड्यूरेबल्स सेक्टर के ग्रोथ में कमी ने औद्योगिक उत्पादन के विकास पर जबर्दस्त असर डाला है। ब्याज दरों में कमी के बावजूद इकोनॉमी में मांग नहीं बढ़ना चिंता की बात है।
इस साल जुलाई में आईआईपी 4.2% दर्ज की गई थी, जबकि जून में ये 4.4%( 3.8% से संशोधित) थी जबकि पिछले साल जुलाई में 0.9% थी।
IIP (%) (YoY):
सितंबर: 3.6
अगस्त: 6.4
जुलाई: 4.2
जून: 4.4
मई: 2.5
अप्रैल: 3
मार्च: 2.5
फरवरी: 4.8
जनवरी: 2.8
अप्रैल-सितंबर: 4.00%
सितंबर में अलग-अलग सेक्टर की ग्रोथ (%) (YoY):
माइनिंग: 3.00
मैन्युफैक्चरिंग:2.6
इलेक्ट्रिसिटी:11.4
बेसिक गुड्स: 4.00
कैपिटल गुड्स: 10.5
कंज्यूमर ड्यूरेबल्स : 8.4
कंज्यूमर नॉन ड्यूरेबल्स:(-)4.6
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