लोन हुए सस्ते, लेकिन बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ अब भी धीमी

घरेलू मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की धीमी रफ्तार का असर बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ पर भी देखा जा रहा है। कर्ज सस्ते होने के बावजूद क्रेडिट ग्रोथ निराशाजनक बनी हुई है।

इस वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ सालाना आधार पर 8.4% की बढ़ोतरी के साथ 62.02 लाख करोड़ रुपए रही, जो कि पिछले साल की इसी अवधि की क्रेडिट ग्रोथ से 20 बेसिस प्वाइंट (0.20%) कम है। केयर रेटिंग्स ने रिजर्व बैंक के आंकड़ों के आधार पर इसकी जानकारी दी।

बैंक क्रेडिट में सबसे अधिक करीब 42% की हिस्सेदारी रखने वाले मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मंदी का साफ असर क्रेडिट ग्रोथ पर देखा जा सकता है। इस सेक्टर से कर्ज की मांग नकारात्मक रही है।

कुल क्रेडिट ग्रोथ में सर्विस सेक्टर की हिस्सेदारी 23%, कृषि सेक्टर की 13% और पर्सनल लोन सेगमेंट की 20% है। जानकारों के मुताबिक, कंपनियां डेट मार्केट से ज्यादा कर्ज ले रही हैं, जहां कर्ज बैंकों के मुकाबले ज्यादा तेजी से सस्ते हो रहे हैं। डेट मार्केट से कर्ज जुटाने के मामले में इस वित्त साल की पहली छमाही में सालाना आधार पर18 % से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है।

एजेंसी के मुताबिक, इस साल की पहली छमाही में क्रेडिट ग्रोथ की हालत और पतली होती, अगर कृषि सेक्टर और पर्सनल लोन सेगमेंट से कर्ज की मांग नहीं होती।

इस साल की पहली छमाही में 62.02 लाख करोड़ लोन में से फूड लोन की हिस्सेदारी 1.03 लाख करोड़( +3.6%(Y-o-Y), जबकि नॉन-फूड लोन की हिस्सेदारी 60.99 लाख करोड़ (+1.6%(Y-o-Y) रही।

कुल नॉन-फूड क्रेडिट में से कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियों में लोन की हिस्सेदारी 8.13 लाख करोड़ (+6.2%(Y-o-Y)), जबकि औद्योगिक लोन की हिस्सेदारी 26.29 लाख करोड़ (-1.1%(Y-o-Y) रही।

क्रेडिट ग्रोथ के मामले में सर्विस सेक्टर का हाल बुरा रहा। कुल नॉन-फूड क्रेडिट में इस सेक्टर के लोन की हिस्सेदारी 14.01 लाख करोड़ (-0.8%(Y-o-Y) रही। जहां तक बात पर्सनल लोन के मांग की है, तो इस सेगमेंट में इस वित्त साल की पहली छमाही में बैंकों ने 12.55 लाख करोड़ रुपए के लोन बांटे, जो कि पिछले साल की इसी छमाही के मुकाबले 7.6% अधिक है। इस दौरान कंज्यूमर डेयूरेबल्स सेगमेंट में लोन की मांग 5% और होम लोन की मांग 8.6% बढ़ी।

पहली छमाही में लिए गए अन्य लोन: 
क्रेडिट कार्ड: 34,000 करोड़ (+10.7%)(Y-o-Y)
शिक्षा: 67,000 करोड़ (+6.1%)(Y-o-Y)
ऑटो : 1.33 लाख करोड़ (+6.8%)(Y-o-Y)

कोई टिप्पणी नहीं