बैंक वालों ब्याज दर कब कम करोगे: RBI

रिजर्व बैंक ने बैंकों द्वारा ब्याज दरों में उसके द्वारा की गई कटौती के मुताबिक कमी नहीं किए जाने को घरेलू इकोनॉमी के लिए चुनौती बताया है।

केंद्रीय बैंक ने 2014-15 की अपनी सालाना रिपोर्ट ( जुलाई-जून)में घरेलू इकोनॉमी के लिए तीन प्रमुख चुनौतियों का जिक्र किया है, जिसमें बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कटौती की इच्छाशक्ति नहीं दिखाने के अलावा
क्षमता के अनुरूप आर्थिक सुधारों की रफ्तार ना होना और महंगाई का अनुमान अभी रिजर्व बैंक के अगले साल जनवरी के अनुमान से अधिक बना रहना शामिल है।

इस साल रिजर्व बैंक अब तक चौथाई-चौथाई परसेंट करके तीन बार प्रमुख दरों में 0.75% की कटौती कर चुका है फिर भी बैंक ग्राहकों को 0.25- 0.30% की ही कटौती का फायदा  दे पाए हैं। इसके लिए बैंक अधिक कॉस्ट ऑफ फंडिंग को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। रिजर्व बैंक के अलावा सरकार भी बैंकों से ब्याज दर नीचे लाने की अपील कर रही है। इंडस्ट्री भी ब्याज दर नीचे आने का इंतजार कर रही है।

भारतीय बैंकों द्वारा ग्राहकों को ब्याज कटौती का फायदा नहीं देने पर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (  IMF) भी खिंचाई कर चुका है। IMF ने कुछ  समय पहले ही कहा था कि भारतीय बैंक ब्याज बढ़ने के समय फिक्स्ड डिपॉजिट के मामले में फायदा नहीं पहुंचाते हैं और ब्याज कम होते  समय बेस रेट में कमी का फायदा नहीं देते हैं।

((ग्राहकों के साथ नाइंसाफी करते हैं भारतीय बैंक!
http://beyourmoneymanager.blogspot.in/2015/06/blog-post_43.html

((तो,17 सितंबर को रघुराम राजन घटाएंगे ब्याज ? 
http://beyourmoneymanager.blogspot.in/2015/08/17_24.html ))


कोई टिप्पणी नहीं