सेबी की बोर्ड बैठक, FMC के विलय मुद्दे पर चर्चा मुमकिन

पूंजी बाजार नियामक सेबी की आज बोर्ड बैठक होने वाली है जिसमें कमोडिटी मार्केट रेगुलेटर एफएमसी के विलय के बारे में चर्चा होने की संभावना है। कमोडिटीज डेरिवेटिव्स मार्केट के रेगुलेशन के बारे में सेबी बोर्ड बैठक में बातचीत हो सकती है।

अगले महीने तक एफएमसी की सेबी में विलय की उम्मीद है। इस साल के बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कमोडिटी मार्केट में सट्टेबाजी को रोकने और उसके विकास के लिए एफएमसी का सेबी में विलय का प्रस्ताव किया था।

हाल ही में सेबी चेयरमैन यूके सिन्हा ने कमोडिटी मार्केट से जल्दी मुनाफा कमाने के इरादे से निवेश करने वालों को आगाह करते हुए कहा था कि ये जोखिमभरा काम है और इसके लिए काफी टेक्निकल जानकारी की जरूरत है।

मुंबई स्थित एफएमसी यानी फॉरवर्ड मार्केट कमीशन की स्थापना 1953 में FCRA यानी फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट्स रेगुलेशन एक्ट के तहत कंज्यूमर अफेयर्स मंत्रालय के अधीन वैधानिक संस्था के तौर पर की गई थी। 2013 में इसे वित्त मंत्रालय के अधीन लाया गया।

शुरू में एफएमसी केवल रीजनल कमोडिटी एक्सचेंज को रेगुलेट करता था लेकिन 2000 में नेशनल इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के आने के बाद इसकी भूमिका और बढ़ गई।

फिलहाल देश में तीन नेशनल और छह रीजनल कमोडिटी फ्यूचर एक्सचेंज हैं जिनका कुल कारोबार 2014-15 में करीब 60 लाख करोड़ रुपए जबकि 2013-14 में 101 लाख करोड़ रुपए था। NSEL घोटाले के बाद एफएमसी में सुधार की मांग तेज हो गई।

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