वक्त कम है, टैक्स सेविंग के लिए प्लानिंग की या नहीं

वक्त कम है, टैक्स सेविंग के लिए प्लानिंग की या नहीं
             अमरजीत मुंबई में मार्केटिंग की नौकरी करता है। पिछले साल अप्रैल में जब उसकी सैलरी आई तो वो हक्का-बक्का रह गया, क्योंकि बाकी महीनों के मुकाबले उसकी सैलरी कम आई थी। उसने अपने सहयोगियों से इस बारे में बात की, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला। आखिरकार वो अपने अकाउंट डिपार्टमेंट से मिला। जब वो इस बारे में अकाउंट डिपार्टमेंट से मिला, उसे ये जानकार बहुत अफसोस हुआ कि टैक्स बचाने के लिए उसने पिछले साल कुछ भी नहीं किया था। इसलिए वित्तीय साल के आखिरी महीने यानी मार्च की सैलरी से
उसका इनकम टैक्स काट लिया गया है।
आप में से भी कई लोगों को अगर ऐसी समस्या आई होगी तो अब कम से कम टैक्स बचाने के लिए अपना पैसा सही जगहों पर लगाने से नहीं चुकें। वित्त वर्ष 2014-15 की अंतिम तिमाही चल रही है। ऐसे में टैक्स सेविंग के लिए आपक पास ज्यादा वक्त नहीं है।
लेकिन, ध्यान रहे कि ऐसा करते समय आपका मकसद सिर्फ टैक्स बचाना ना हो बल्कि आपका पैसा भी बढ़े, साथ ही एक साथ ज्यादा पैसा भी ना लगाना पड़ा और आपके फाइनेंशियल प्लानिंग में भी सटीक बैठे। साथ ही साथ ये भी देखना चाहिए कि जब आपको जरूरत हो, तो उसे आप बिना किसी जुर्माने के अपना पैसा निकाल सकें और उसका इस्तेमाल कर सकें।
               तो उम्मीद है आप टैक्स सेविंग के लिए निवेश करने के लिए तैयार हैं। अगर तैयार हैं को फिर कुछ डेट इंस्ट्रुमेंट में पैसा लगाना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।

1- टैक्स फ्री ऑप्शंस-
PPF: पब्लिक प्रोविडेंट फंड-कई लोग EPFऔर PPF को लेकर असमंजस में  रहते हैं।
EPF यानी Employment Provident Fund से PPF कुछ अलग है। आप जिस कंपनी या संगठन में काम करते हैं वहां आपका नियोक्ता EPF के तहत आपकी सैलरी से कुछ पैसे काट लेता है जिस पर आपको इनकम टैक्स छूट मिलती है। लेकिन PPF कोई भी खुलवा सकता है जिस पर एक सीमा तक उसे जिस साल जमा किया है, उस साल के लिए टैक्स छूट मिलती है।

PPF की खासियत:
-रिटर्न- 2014-15 के लिए 8.7%, हमेशा एक जैसा नहीं
सुरक्षा-काफी सुरक्षित
-लिक्विडिटी-मामूली, 15 साल की अवधि लेकिन 8 साल के बाद आंशिक पैसा निकाल
सकते हैं, 3 साल में लोन की सुविधा
-लचीलापन-मामूली, 1 साल में अधिकतम 1 लाख या फिर हर महीने न्यूनतम 500 रुपए
निवेश की सुविधा
-टैक्सेशन-सेक्शन 80 C के तहत इनकम टैक्स की छूट, ब्याज पूरी तरह से टैक्स फ्री
-किसके लिए उपयोगी- कंसर्वेटिव निवेशक, कर छूट, निश्चित रिटर्न और मैच्यूरिटी पर
टैक्स फ्री पैसा चाहने वालों के लिए उपयुक्त
-सटीक टिप्स-   हर महीने 5 तारीख से पहले पैसा लगाएं ताकि उस महीने का ब्याज मिले

2-टैक्स फ्री बांण्डस:
-रिटर्न-8.25-8.50% सालाना
सुरक्षा-काफी सुरक्षित
-लिक्विडिटी-मामूली, 10-20 साल की अवधि के लिए लेकिन शेयर बाजार में लिस्ट होने के कारण कोई भी उसे मैच्यूरिटी से पहले बेच सकता है
-लचीलापन-बहुत अधिक, रिटेल निवेशक कम से कम 1000 रुपए (1 बॉण्ड की कीमत के बराबर) से लेकर 10 लाख रुपए तक, 10 लाख से अधिक पैसा लगाने पर कम ब्याज मिलने की आशंका
-टैक्सेशन-ब्याज पूरी तरह से टैक्स फ्री लेकिन शेयर बाजार में बेचकर होने वाले कैपिटल
गेन पर 10% टैक्स लगेगा
-किसके लिए उपयोगी- हाई इनकम ग्रुप वालों के लिए जो टैक्स फ्री इनकम चाहते हैं और लंबे समय तक जिनको पैसे की जरूरत नहीं

3-हर साल टैक्स
A- बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट:
-रिटर्न-8.00-9.00% सालाना
सुरक्षा-काफी सुरक्षित, 1 लाख रुपए तक पर डिपॉजिट इंश्योरेंस
-लिक्विडिटी-काफी अधिक, मैच्यूरिटी से पहले निकालने पर जुर्माना, कम ब्याज मिलेगा
-लचीलापन-बहुत अधिक, छोटी रकम भी दस साल तक जमा कर सकते हैं
-टैक्सेशन-इनकम पर टैक्स का प्रावधान, टैक्स के बाद रिटर्न आकर्षक नहीं
-किसके लिए उपयोगी- 5 लाख रुपए तक सालाना इनकम वाले जो जोखिम नहीं ले सकते,
आपातकालीन फंड बनाने के लिए उपयोगी
स्मार्ट टिप्स-जो बैंक मैच्यूरिटी से पहले पैसा निकालने पर जुर्माना नहीं लगाते, वहां पैसे लगाएं

B- बैंक रेकरिंग डिपॉजिट:
-रिटर्न-8.00-9.00% सालाना
सुरक्षा-काफी सुरक्षित, 1 लाख रुपए तक पर डिपॉजिट इंश्योरेंस
-लिक्विडिटी-काफी अधिक, मैच्यूरिटी से पहले निकालने पर जुर्माना, कम ब्याज मिलेगा
-लचीलापन-बहुत अधिक, छोटी रकम भी दस साल तक जमा कर सकते हैं
-टैक्सेशन-इनकम पर टैक्स का प्रावधान, टैक्स के बाद रिटर्न आकर्षक नहीं
-किसके लिए उपयोगी- जिन्हें एक निश्चित समय पर निश्चित पैसे की जरूरत हो
स्मार्ट टिप्स-कई रेकरिंग डिपॉजिट करवाएं ताकि एक बंद हो तो दूसरा चालू रहे

C-कंपनी डिपॉजिट (CD):
-रिटर्न-9-12% सालाना
सुरक्षा-मामूली से न्यून, डिपॉजिट की क्रेडिट रेटिंग पर निर्भर
-लिक्विडिटी-काफी कम, मैच्यूरिटी से पहले निकालने काफी कम पैसे मिलने की आशंका
-लचीलापन-मामूली से लेकर न्यून , न्यूनतम 1000 रुपए से लेकर अधिकतम जितना भी
-टैक्सेशन-ब्याज पर टैक्स , टैक्स के बाद रिटर्न आकर्षक नहीं
-किसके लिए उपयोगी- जो रिटायर हो चुके हैं और मैच्यूरिटी तक पैसे रखने की जिनमें क्षमता हो
स्मार्ट टिप्स-AA से नीचे की क्रेडिट रेटिंग वाली डिपॉजिट में पैसे ना लगाएं, 5 साल से
अधिक अवधि तक पैसे ना रखें

D-कंपनी डिबेंचर्स (CD):
-रिटर्न-9-12% सालाना
सुरक्षा-मामूली से न्यून, डिपॉजिट की क्रेडिट रेटिंग पर निर्भर
-लिक्विडिटी-काफी कम, शेयर बाजार में लिस्टेड, मैच्यूरिटी से पहले बेच सकते हैं,
-लचीलापन-मामूली से लेकर न्यून , न्यूनतम 1000 रुपए से लेकर अधिकतम जितना भी
-टैक्सेशन-ब्याज पर पूरा टैक्स , सामान्य दर पर कैपिटल गेन टैक्स, रिटर्न आकर्षक नहीं
-किसके लिए उपयोगी- जिसके पास मार्केट के लिए समय हो और कैपिटल गेन टैक्स अर्न
कर सके
स्मार्ट टिप्स-अधिक क्रेडिट रेटिंग और 500 करोड़ रुपए से अधिक साइज वाले इश्यू में
पैसे लगाएं

4-मैच्यूरिटी और निकासी पर टैक्स -
A- डेट म्युचुअल फंड :
-रिटर्न-8-10% सालाना
सुरक्षा-मामूली काफी अधिक जोखिम
-लिक्विडिटी-काफी अधिक, रि़डिम्पशन कुछ दिनों में आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर
-लचीलापन-बहुत अधिक
-टैक्सेशन-एक साल से कम रखने पर कैपिटल गेन टैक्स लागू
-किसके लिए उपयोगी- हाई इनकम वाले निवेशकों के लिए
स्मार्ट टिप्स-सिस्टमैटिक विदड्रावल प्लान आपके नुकसान को कुछ हद तक कम कर सकता
है

B-क्लोज्ड एंडेड  FMP (Fixed Maturity Plans):
-रिटर्न-9-9.50% सालाना
सुरक्षा-काफी अधिक, मैच्यूरिटी तक रखने पर  
-लिक्विडिटी-काफी कम, मैच्यूरिटी तक लॉक रहते हैं FMPs  
-लचीलापन-मामूली, कम से कम निवेश 5 हजार रुपए
-टैक्सेशन-डेट फंड की तरह टैक्स लागू
-किसके लिए उपयोगी- मैच्यूरिटी तक निवेश जारी रखने वालों के लिए
स्मार्ट टिप्स-लंबी अवधि (कम से कम दो वित्त वर्ष तक ) वाले FMPs में पैसे लगाएं
           तो अब इनकम टैक्स को लेकर No बहाना, जल्द से जल्द प्लान बनाएं ताकि जब
इस बार अप्रैल में आपकी सैलरी आए तो वो बिना इनकम टैक्स कट के आए।



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