('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं!
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आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने आयकर विभाग की स्थायी खाता संख्या (पैन) 2.0 परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना का उद्देश्य पैन और टैन जारी करने और प्रबंधित करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और आधुनिक बनाना है, जिससे इसे अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल और कुशल बनाया जा सके। 78 करोड़ पैन और 73.28 लाख टैन के मौजूदा पैन डेटाबेस के साथ, यह परियोजना करदाताओं की ज़रूरतों को संबोधित करती है, जो कई प्लेटफार्मों/पोर्टलों के एकीकरण और पैन/टैन धारकों के लिए कुशल सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करती है।
वर्तमान में, पैन से संबंधित सेवाएं तीन अलग-अलग प्लेटफार्मों पर उपलब्ध हैं: ई-फाइलिंग पोर्टल, यूटीआईआईटीएसएल पोर्टल और प्रोटीन ई-गॉव पोर्टल। पैन 2.0 के कार्यान्वयन के साथ, इन सभी सेवाओं को एकीकृत कर यूनीफाइड पोर्टल में उपलब्ध कराया जाएगा। यह वन-स्टॉप प्लेटफ़ॉर्म पैन और टैन से संबंधित व्यापक मुद्दों/मामलों को संभालेगा, जिसमें आवेदन, अपडेट, सुधार, आधार-पैन लिंकिंग, पुनः जारी करने के अनुरोध और यहां तक कि ऑनलाइन पैन सत्यापन भी इनमें शामिल है। ऐसा करके, आयकर विभाग प्रक्रियाओं को सरल बनाने, देरी को खत्म करने और शिकायत निवारण तंत्र में सुधार करने का प्रयास कर रहा है।
पैन 2.0 परियोजना डिजिटल इंडिया पहल के साथ जुड़ने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। यह निर्दिष्ट सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए पैन को एक सामान्य पहचानकर्ता के रूप में स्थापित करते हुए पर्यावरण-अनुकूल, कागज रहित प्रक्रियाओं पर ध्यान केंद्रित करता है।
पैन 2.0 की मुख्य विशेषताएं:
• उपयोगकर्ताओं के लिए पहुंच को आसान बनाने के लिए सभी पैन/टैन-संबंधित सेवाओं के लिए एक एकल पोर्टल।
• कागजी काम को कम करने के लिए पर्यावरण-अनुकूल कागज रहित प्रक्रियाएं।
• त्वरित कार्यवाही के साथ पैन निःशुल्क जारी किया जाएगा।
• व्यक्तिगत और जनसांख्यिकीय डेटा को पैन डेटा वॉल्ट सहित उन्नत सुरक्षा उपायों के माध्यम से संरक्षित किया जाएगा।
• उपयोगकर्ता के प्रश्नों और समस्याओं के समाधान के लिए एक समर्पित कॉल सेंटर और हेल्पडेस्क।
यह बदलाव, तेज़ सेवा वितरण, प्रभावी शिकायत निवारण और संवेदनशील डेटा की बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करके करदाताओं के समग्र अनुभव को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह परियोजना उपयोगकर्ताओं के लिए पैन/टैन के लिए ऑनलाइन आवेदन करने, अपना विवरण अपडेट करने और पैन जानकारी को डिजिटल रूप से सत्यापित करने की प्रक्रिया को भी आसान बना देगी। इन प्रक्रियाओं को समेकित और पुन: इंजीनियरिंग करके, आयकर विभाग ने करदाताओं के लिए एक निर्बाध, पारदर्शी और समावेशी प्रणाली बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
अधिक जानकारी के लिए, कृपया नीचे अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) देखें:
पैन 2.0 परियोजना पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यूएस)
प्रश्न 1
पैन 2.0 क्या है?
पैन 2.0 परियोजना, करदाता पंजीकरण सेवाओं की व्यावसायिक प्रक्रियाओं को फिर से इंजीनियरिंग करने के लिए आईटीडी की एक ई-गवर्नेंस परियोजना है। परियोजना का उद्देश्य नवीनतम तकनीक को अपनाकर पैन सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाना है। इस परियोजना के तहत आईटीडी पैन आवंटन/अद्यतन और सुधार से संबंधित सभी प्रक्रियाओं को समेकित कर रहा है। टैन संबंधी सेवाओं को भी इस परियोजना में शामिल किया गया है। इसके अलावा, वित्तीय संस्थानों, बैंकों, सरकारी एजेंसियों, केंद्र और राज्य सरकार के विभागों आदि जैसी उपयोगकर्ता एजेंसियों को ऑनलाइन पैन सत्यापन सेवा के माध्यम से पैन प्रमाणीकरण/सत्यापन प्रदान किया जाएगा।
प्रश्न 2
पैन 2.0 मौजूदा सेटअप से कैसे अलग होगा?
प्रश्न 3
नहीं, मौजूदा पैन कार्ड धारकों को उन्नत प्रणाली (पैन 2.0) के तहत नए पैन के लिए आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है।
प्रश्न 4
क्या लोगों के पास पैन में नाम, वर्तनी, पता परिवर्तन आदि जैसे सुधार करवाने का विकल्प है?
हाँ। यदि मौजूदा पैन धारक अपने मौजूदा पैन विवरण जैसे ईमेल, मोबाइल या पता अन्यथा जनसांख्यिकीय विवरण जैसे नाम, जन्म तिथि आदि में कोई सुधार/बदलाव करना चाहते हैं, तो वे पैन 2.0 परियोजना शुरू होने के बाद बिना किसी शुल्क के ऐसा कर सकते हैं। जब तक पैन 2.0 परियोजना शुरू नहीं हो जाती, पैन धारक नीचे दिए गए यूआरएल पर जाकर ईमेल, मोबाइल और पते के अपडेशन/सुधार के लिए आधार आधारित ऑनलाइन सुविधा का निःशुल्क लाभ उठा सकते हैं:
पैन विवरण के अद्यतन/सुधार के किसी भी अन्य मामले में, कार्ड धारक मौजूदा प्रक्रिया का उपयोग करते हुए या तो भौतिक केंद्रों पर जाकर अन्यथा भुगतान के आधार पर ऑनलाइन आवेदन करके ऐसा कर सकते हैं।
प्रश्न 5
क्या मुझे पैन 2.0 के तहत अपना पैन कार्ड बदलने की ज़रूरत है?
नहीं, पैन कार्ड तब तक नहीं बदला जाएगा, जब तक पैन धारक कोई बदलाव/सुधार नहीं चाहता। मौजूदा वैध पैन कार्ड पैन 2.0 के तहत वैध बने रहेंगे।
प्रश्न 6
कोई भी नया पैन कार्ड तब तक वितरित नहीं किया जाएगा, जब तक कि पैन धारक अपने मौजूदा पैन में किसी भी बदलाव/सुधार के चलते इसके लिए अनुरोध नहीं करता है। जो पैन धारक अपना पुराना पता अपडेट करना चाहते हैं, वे नीचे दिए गए यूआरएल पर जाकर आधार आधारित ऑनलाइन सुविधा का उपयोग करके निशुल्क ऐसा कर सकते हैं:
तदनुसार, पैन डेटाबेस में पता अपडेट किया जाएगा।
प्रश्न 7
प्रश्न 8
"निर्दिष्ट क्षेत्रों में सभी व्यवसाय-संबंधित गतिविधियों के लिए सामान्य व्यवसाय पहचानकर्ता" क्या है?
केंद्रीय बजट 2023 में, यह घोषणा की गई थी कि व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के पास पैन होना आवश्यक है, जिसका उपयोग निर्दिष्ट सरकारी एजेंसियों के सभी डिजिटल सिस्टम के लिए सामान्य पहचानकर्ता के रूप में किया जाएगा।
प्रश्न 9
क्या सामान्य व्यवसाय पहचानकर्ता, मौजूदा विशिष्ट करदाता पहचान संख्या यानी पैन की जगह लेगा?
नहीं, पैन का उपयोग ही सामान्य व्यवसाय पहचानकर्ता के रूप में किया जाएगा।
प्रश्न 10
"एकीकृत पोर्टल" का क्या अर्थ है?
वर्तमान में, पैन से संबंधित सेवाएं तीन अलग-अलग पोर्टलों पर उपलब्ध की जाती हैं। पैन 2.0 परियोजना में, सभी पैन/टैन संबंधित सेवाओं को आईटीडी के एकल एकीकृत पोर्टल पर होस्ट किया जाएगा। उक्त पोर्टल पैन और टैन से संबंधित सभी एंड-टू-एंड सेवाओं जैसे आवंटन, अपडेशन, सुधार, ऑनलाइन पैन सत्यापन (ओपीवी), अपने एओ को जानें, आधार-पैन लिंकिंग, अपने पैन को सत्यापित करें, ई-पैन के लिए अनुरोध तथा पैन कार्ड आदि के पुन: मुद्रण के लिए अनुरोध आदि सुविधाएं प्रदान करेगा, जिससे प्रक्रियाएं और सरल हो जाएंगी, और आवेदन प्राप्त करने के विभिन्न तरीकों (ऑनलाइन ईकेवाईसी/ऑनलाइन पेपर मोड/ऑफ़लाइन) के कारण पैन सेवाओं की डिलीवरी में देरी, शिकायतों के निवारण में देरी आदि से बचा जा सकेगा।
प्रश्न 11
एक से अधिक पैन रखने वाले लोगों के लिए, आप अतिरिक्त पैन की पहचान कैसे करेंगे और उसे कैसे हटाएंगे?
आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के अनुसार, कोई भी व्यक्ति एक से अधिक पैन नहीं रख सकता है। यदि किसी व्यक्ति के पास एक से अधिक पैन हैं, तो वह इसे क्षेत्राधिकार मूल्यांकन अधिकारी के ध्यान में लाने और अतिरिक्त पैन को हटाने/निष्क्रिय कराने के लिए बाध्य है।
पैन 2.0 में, पैन के लिए संभावित डुप्लिकेट अनुरोधों की पहचान के लिए बेहतर सिस्टम लॉजिक है और डुप्लिकेट पैन के मामलों को हल करने के लिए केंद्रीकृत और उन्नत तंत्र के साथ एक व्यक्ति के एक से अधिक पैन रखने की मामले कम हो जाएंगे।
(साभार: pib)
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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने पैन और आधार को लिंक करने से पहले कटौतीकर्ता/संग्रहकर्ता की मृत्यु की स्थिति में टीडीएस/टीसीएस के प्रावधानों में छूट दी है।
करदाताओं की वास्तविक कठिनाइयों को देखते हुए सीबीडीटी ने 2024 की सर्कुलर संख्या 8 दिनांक 05.08.2024 जारी किया और उसी के माध्यम से सरकार ने पैन और आधार को जोड़ने से पहले कटौतीकर्ता/संग्रहकर्ता की मृत्यु की स्थिति में आयकर अधिनियम, 1961 ('अधिनियम') के अनुसार टीडीएस/टीसीएस के प्रावधानों में छूट दी है।
करदाताओं की शिकायतों के समाधान के लिए, जिनमें 31.05.2024 को या उससे पहले तथा पैन और आधार को लिंक करने के विकल्प का उपयोग करने से पहले कटौतीकर्ता/संग्रहकर्ता की मृत्यु के उदाहरणों का उल्लेख किया गया है, परिपत्र में प्रावधान है कि अधिनियम की धारा 206एए/206सीसी के अंतर्गत कर कटौती/संग्रह के लिए कटौतीकर्ता/संग्रहकर्ता पर कोई दायित्व नहीं होगा, जैसा कि मामला 31.03.2024 तक किए गए लेनदेन से संबंधित हो सकता है।
यह सीबीडीटी द्वारा पहले जारी किए गए 2024 की सर्कुलर संख्या 6 दिनांक 23.04.2024 के क्रम में है, जिसमें अधिनियम के अनुसार उच्च टीडीएस/टीसीएस से बचने के लिए करदाताओं के लिए पैन और आधार को लिंक करने की तिथि 31.05.2024 तक बढ़ा दी गई थी (31.03.2024 तक दर्ज किए गए लेनदेन के लिए)। 2024 की सर्कुलर संख्या 06 दिनांक 23.04.2024 और 2024 की सर्कुलर संख्या 08 दिनांक 05.08.2024 www.incometaxindia.gov.in पर उपलब्ध है।
(साभार- pib)
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