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अब आईटी रिटर्न फाइल कर सकते हैं, क्योंकि...
आयकर दाता आकलन वर्ष (एसेसमेंट ईयर) 2018-19 यानी वित्त वर्ष (फाइनेंशियल ईयर ) 2017-18 के लिए      इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट यानी आयकर विभाग ने  सभी 7  IT रिटर्न फॉर्म ई-फाइलिंग के लिए जारी कर दिया है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ई-फाइलिंग वेबसाइट www.incometaxindiaefiling.gov.in पर जाकर आप आईटी रिटर्न ऑनलाइन भर सकते हैं। विभाग ने इस बारे में जानकारी दी।  

सीबीडीटी ने कहा है कि सभी सात आईटीआर फार्म अब उसकी वेबसाइट पर ऑनलाइन दाखिल करवाए जा सकते हैं हालांकि, कुछ श्रेणी के करदाताओं को यह सुविधा उपलब्ध नहीं होगी
>महत्वपूर्ण तारीख याद रखें:
-31 जुलाई 2018 तक रिटर्न फाइल
कर देना है, जरूरत पड़ने पर तारीख 
बढ़ भी सकती है, लेकिन आप देरी 
मत करें, अंतिम तारीख बढ़ने का भी 
इंतजार मत करें
-31 जुलाई या कोई नई डेडलाइन) के 
बाद रिटर्न भरने पर ₹10,000 तक 
का जुर्माना देना पड़ सकता है

-डेडलाइन के बाद 31 दिसंबर 2018
 तक रिटर्न भरने पर जुर्माना ₹5,000
और 31 दिसंबर के बाद जुर्माना बढ़कर 
₹10,000 हो जाएगा
-अगर किसी टैक्सपेयर की सालाना 
आय ₹5 लाख रुपए तक है तो उसके 
लिए अधिकतम जुर्माना ₹1,000 होगा

-आईटी रिटर्न में रिवीजन की अवधि घटा 
दी गई
-अगर 31 जुलाई 2018 तक रिटर्न फाइल 
करने के दौरान उसमें किसी तरह की गलती 
होती है, तो टैक्सपेयर के पास रिवाइज्ड रिटर्न
फाइल करने के लिए 31 मार्च 2019 तक का 
समय होगा। लेकिन अभी तक टैक्सपेयर को 
इसके लिए दो साल तक का समय मिलता था, 
जिसे अब एक साल कर दिया गया है


आपको बता दूं कि आयकर विभाग ने नियमों में कुछ बदलाव किये हैं। इन बदलावों की वजह से आईटी रिटर्न फाइल  करने में खास सावधानी बरतने की जरूरत है। 

>IT रिटर्न फॉर्म में बदलाव:
-नौकरीपेशा लोगों के लिए जारी ITR फॉर्म 1 
यानी सहज में अब ज्यादा जानकारी देनी होगी
-सहज में अपनी सैलरी का ब्रेकअप बताना होगा
-कुल सैलरी, सारे अलाउंसेस, पर्क्स, इनकम टैक्स
छूट के लिए क्लेम किए गए डिडक्शंस सबकी 
जानकारी देनी होगी 

-कंपनी से मिलने वाले फॉर्म 16 में ये सब जानकारी 
दी जाती है और पहले आईटी रिटर्न फॉर्म में इसकी
जानकारी नहीं देनी होती थी, लेकिन अब फॉर्म 16 
रहने पर भी आईटी रिटर्न में इसकी जानकारी देनी
होगी। 
-घर से होने वाली आय का पूरा ब्यौरा देना जरूरी;
जैसे कुल किराया, किराएदार का पैन नंबर, लोकल 
अथॉरिटी को चुकाए गए टैक्स (प्रॉपर्टी टैक्स),  होम 
लोन लेने पर उस पर चुकाए गए ब्याज, हाउस प्रॉपर्टी 
से होने वाली कमाई की जानकारी 

-छोटे बिजनेसमैन जो ITR-4 फॉर्म भरते हैं, उन्हें 
अब अपना GST आइडेंटिफिकेशन नंबर, GST
के तहत घोषित टर्नओवर का खुलासा करना होगा
-जो लोग किसी फर्म में पार्टनर हैं, अब उन्हें ITR-2 
की बजाय ITR-3 में अपना रिटर्न भरना होगा

>IT रिटर्न -1 यानी सहज किसके लिए:
-जिनकी सालाना इनकम ₹50 लाख 
से अधिक नहीं हो, जिनके आय का 
स्रोत- सैलरी या पेंशन, एक हाउस प्रॉपर्टी,
अन्य स्रोत (लॉटरी या घुड़दौड़ की 
आय छोड़कर) हो
-NRI अब ITR-1 में रिटर्न नहीं 
भरेंगे, उन्हें ITR-2 भरना होगा

>अगर आप IT रिटर्न फॉर्म में 
-इनकम कम बताते हैं या
-कटौती बढ़ा-चढ़ाकर दिखाते हैं या
-इनकम टैक्स कानूनों का उल्लंघन करते हैं,तो
आपके खिलाफ कार्रवाई होगी। साथ ही आपके
Employer को भी इसकी सूचना दी जाएगी। 
-टैक्स सलाहकार या सीए के गलत फायदे की 
सलाह मत मानें:  इनकम टैक्स
-किसी के बहकावे में आकर गलत जानकारी ना दें-इनकम टैक्स
-गलत जानकारी देना कर चोरी मानी जाएगी-इनकम टैक्स 


>किस तरह की कार्रवाई?

-गलत जानकारी पकड़े जाने पर ना
 सिर्फ जुर्माना लगेगा बल्कि जेल भी 
हो सकती है
-इनकम टैक्स के कानून के तहत मुकदमा
दर्ज किया जा सकता है
-अदालती कार्रवाई का सामना करना 
पड़ सकता है
-कोई रिफंड बनता है तो टैक्सपेयर्स को लंबा 
इंतजार करना पड़ सकता है

-विभिन्न जांच एजेंसियों जैसे ईडी बगैरह को 
भी जांच का जिम्मा सौंपा जा सकता है
-जहां आप काम करते हैं, वहां भी आपके 
खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है
-सरकारी कर्मचारी हैं तो सतर्कता विभाग
को जांच सौंपी जा सकती है
-रिटर्न भरने में गलत सलाह देने वालों के 
खिलाफ भी कार्रवाई मुमकिम

>कार्रवाई से कैसे बचें?
-रिवाइज्ड यानी संशोधित रिटर्न फाइल करें,
लेकिन निश्चित समयसीमा के भीतर 

आप पूछेंगे कि अगर किसी ने जानबूझकर नहीं, बल्कि गलती से गलत जानकारी दी है, तो कार्रवाई से बचने के क्या उपाय हैं। अगर आपको पता चल जाए कि आपसे आईटी रिटर्न फाइल करने में गलती हुई है, तो आप रिवाइज्ड यानी संशोधित आईटी रिटर्न फाइल कर सकते हैं, ये काम आपको निश्चित समय सीमा के  भीतर ही कर लेना होगा... 

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(ब्लॉग एक, फायदे अनेक

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Rajanish Kant रविवार, 27 मई 2018
इस बार IT रिटर्नमें गलत जानकारी मत दीजिएगा, जानिए क्यों ...IT Return bharne mein galati ...


इस बार IT रिटर्नमें गलत जानकारी मत दीजिएगा, जानिए क्यों ...IT Return bharne mein galati ...

Rajanish Kant गुरुवार, 19 अप्रैल 2018
गलत IT रिटर्न भरने वाले नौकरीपेशा लोगों को इनकम टैक्स विभाग की चेतावनी...
क्या आप नौकरीपेशा हैं? क्या आपको आकलन वर्ष (एसेसमेंट ईयर) 2018-19 यानी वित्त वर्ष (फाइनेंशियल ईयर ) 2017-18 के लिए आईटी रिटर्न फाइल करना है? क्या आप आईटी रिटर्न फाइल करते समय इनकम कम बताते हैं या फिर ज्यादा टैक्स छूट का दावा करते हैं? अगर ऐसा करते हैं तो इस बार मतलब वित्त वर्ष (फाइनेंशियल ईयर ) 2017-18 के लिए आईटी रिटर्न फाइल करते समय ऐसी गलती मत दोहराइएगा, वरना लेने के देने पड़ सकते हैं। 

दरअसल, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने चेतावनी दी है कि कोई नौकरीपेशा अगर आईटी रिटर्न में अपनी इनकम को कम करते दिखाता है या फिर ज्यादा इनकम टैक्स छूट का दावा करते हुए पकड़ा जाता है या फिर इनकम टैक्‍स नियमों का उल्‍लंघन करता है तो उसके खिलाफ ना केवल मुकदमा दर्ज किया जाएगा, बल्कि उसके एम्‍पलॉयर को भी उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा जाएगा। आईटीआर की जांच-पड़ताल करने वाले बेंगलुरु स्थित इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के केंद्रीय  प्रोसेसिंग सेंटर (सीपीसी) ने टैक्सपेयर्स को टैक्स सलाहकारों और चार्टर्ड अकाउंटेंट आदि की गलत सलाह में नहीं पड़ने की भी नसीहत दी है। डिपार्टमेंट का कहना है कि अक्सर ऐसे टैक्स सलाहकार गलत दावों के जरिये करदाताओं को टैक्स में छूट का लालच देते हैं। 

डिपार्टमेंट ने तो यहां तक कहा कि ऐसी कई शिकायतें सामने आई हैं, जिनमें सलाहकारों के कहने पर आईटीआर में गड़बड़ियां की गईं।

अगर आप ऐसी गड़बड़ियां करते हुए पकड़े जाते हैं तो इनकम टैक्स कानून के तहत ऐसा करने पर जुर्माना और सजा हो सकती है। इससे रिकॉर्ड खराब होने पर रिफंड में भी समस्या आ सकती है। आयकर विभाग ने जनवरी में ऐसे ही एक रैकेट का भंडाफोड़ किया था, जिसमें कर सलाहकारों और आईटी कंपनियों के कर्मियों का गलत रिटर्न भरकर टैक्स रिफंड लिया जाता था। सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है। विभाग ने 50 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले कर्मियों के लिए आईटीआर-1 यानी सहज फॉर्म ई रिटर्न फाइलिंग पोर्टल पर 17 अप्रैल से उपलब्ध करा दिया है। आईटीआर की आखिरी तिथि 31 जुलाई, 2018 है।

Rajanish Kant बुधवार, 18 अप्रैल 2018
'आयकर सेतु'(Aaykar Setu) डाउनलोड करें, स्मार्टफोन से ही पैन-आधार लिंक करें, आईटी रिटर्न भरें, पैन के लिए अर्जी दें
वित्‍त मंत्री ने एक नवीन करदाता सेवा मॉड्यूल ‘आयकर सेतु’ लांच किया, जो आयकर विभाग के अंतर्गत निहित विभिन्‍न टैक्‍स टूल, लाइव चैट फैसिलिटी,  गतिशील अपडेट और विभिन्‍न प्रक्रियाओं से संबंधित महत्‍वपूर्ण लिंक को एकल मॉड्यूल में संकलित करता है

केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरुण जेटली ने यहां एक नवीन करदाता सेवा मॉड्यूल ‘आयकर सेतु’ लांच किया। मोबाइल पर उपयोग संबंधी अनुभव को बेहतर करने के लिए एक मोबाइल अनुकूल एंड्रॉइड वर्जन को भी डेस्‍कटॉप वर्जन के साथ जारी किया गया। श्री जेटली ने करदाता सेवाओं को निरंतर बेहतर करने की दिशा में सरकारी प्रतिबद्धता पर विशेष जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि इस ई-पहल से करदाताओं और कर निर्धारण अधिकारियों के बीच आमने-सामने बैठकर होने वाले संपर्क की जरूरत बहुत कम हो जाएगी और ऐसे में कर संबंधी उत्पीड़न की संभावना भी कम हो जाएगी।

 यह मॉड्यूल आयकर विभाग के अंतर्गत निहित विभिन्‍न टैक्‍स टूल, लाइव चैट फैसिलिटी, गतिशील अपडेट और विभिन्‍न प्रक्रियाओं से संबंधित महत्‍वपूर्ण लिंक को एकल मॉड्यूल में संकलित करता है। करदाता महत्‍वपूर्ण टैक्‍स अपडेट, फॉर्म और अधिसूचनाओं के बारे में नियमित रूप से अपडेट को अपने उस मोबाइल नम्‍बर पर प्राप्‍त कर सकते हैं, जिसे आयकर विभाग में पंजीकृत कराया गया है।

 ऐसे सभी करदाता जो इस तरह के एसएमएस अलर्ट प्राप्‍त करना चाहते हैं, उन्‍हें यह सलाह दी जाती है कि वे अपने मोबाइल नम्‍बर को आयकर सेतु मॉड्यूल पर पंजीकृत करा लें।

((जब वैज्ञानिक न्यूटन शेयर बाजार को समझने में गच्चा खा गए !
(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'




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((निवेश: 5 गलतियों से बचें, मालामाल बनें Investment: Save from doing 5 mistakes 

Rajanish Kant मंगलवार, 11 जुलाई 2017
जानिए 1 जुलाई से क्या-क्या बदलेगा, कहां-कहां आधार के बिना काम नहीं चलेगा, देखिये पूरी लिस्ट
एक जुलाई इतिहास बनने जा रहा है। ये तो आपको पता ही होगा, क्योंकि देश का सबसे बड़ा टैक्स सुधार इसी दिन से लागू होने जा रहा है। जी हां, जीएसटी यानी वस्तु व सेवा कर (गुड्स एंड सर्विसेस) एक जुलाई से लागू होने जा रहा है। 
(जीएसटी ज्ञान GST Gyan : एक देश, एक बाजार, एक कर
>लेकिन, एक जुलाई से इसके अलावा भी बहुत कुछ बदल रहा है, जिसके लिए आपको भी तैयार रहना होगा। देखिये यहां लिस्ट:

- बिना आधार का आईटी  रिटर्न फाइल आप नहीं कर सकेंगे। सरकार ने आईटी रिटर्न फाइल करते समय आधार नंबर की जानकारी देना अनिवार्य बना दिया है। इसलिए एक जुलाई के बाद आईटी रिटर्न फाइल बिना आधार के नहीं कर सकेंगे। 

-पैन से आधार को लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया है। कई लोग टैक्स चोरी करने के लिए एक से ज्यादा पैन बनवा लेते थे। कर चोरी और पैन के दुरुपयोग को रोकने के लिए पैन-आधार को लिंक करना जरूरी किया गया है। अगर आपने पैन-आधार लिंक नहीं किया तो आपका पैन अमान्य हो जाएगा, बेकार हो जाएगा। 

-अगर आप एक जुलाई के बाद पैन बनवाने जा रहे हैं, तो आपको आधार देना जरूरी है। अगर आपके पास आधार नहीं है तो आप इसके लिए अर्जी दीजिए और अर्जी देने के बाद जो आपको रसीद मिली, उसे पैन बनवाते समय प्रस्तुत करें। 

-एक जुलाई से पासपोर्ट बनवाते समय आधार देना जरूरी है। नो आधार, नो पासपोर्ट 

-अपने पीएफ अकाउंट को आधार से जोड़ना जरूरी है। 30 जुलाई आखिरी तारीख है पीएफ अकाउंट से आधार को जोड़ने का। ईपीएफओ के मुताबिक, आधार रहने पर पीएफ निकासी और सेटलमेंट की प्रक्रिया तेजी से होगी। 

-रेलवे टिकट पर आधार केबिना छूट नहीं। भारतीय  रेल ने टिकट पर छूट चाहनों वालों के लिए आधार नंबर की जानकारी देना अनिवार्य बना दिया है। यह नियम एक जुलाई से लागू हो जाएगा। 

-अगर आप स्कूल या कॉलेज में पढ़ रहे हैं और सरकारी स्कॉलरशिप ले रहे हैं या फिर उसके लिए आवेदन करने जा रहे हैं तो आपको अपना आधार नंबर देना जरूरी है। मानव संसाधन मंत्रालय ने  इसे एक जुलाई से अनिवार्य बना दिया है। 

-अगर पीडीएस सब्सिडी लेना चाहते हैं या अभी ले रहे हैं, तो आपको भी आधार देना होगा। इसे एक जुलाई से जरूरी बना दिया गया है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको इसका लाभ नहीं मिलेगा। 





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Rajanish Kant गुरुवार, 29 जून 2017