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भारतीय रेलवे वित्त निगम (Indian Railway Finance Corporation-IRFC) के IPO को हरी झंडी
बाजार रेगुलेटर सेबी ने भारतीय रेलवे वित्त निगम (Indian Railway Finance Corporation-IRFC) के IPO को हरी झंडी दे दी है। ये सरकारी कंपनी है और भारतीय रेलवे की शाखा है। भारतीय रेलवे के विस्तार के लिए ये कंपनी पैसा मुहैया कराती है। कंपनी इस आईपीओ के तहत 93.8 करोड़ नए शेयर और ऑफर फोर सेल के तहत मौजूदा प्रोमोटर यानी भारत सरकार के 46.9 करोड़ शेयरों की बिक्री करेगी। 

आईआरएफसी के इस आईपीओ को 25 फरवरी 2020 को सेबी की तरफ से ऑब्जर्वेशन मिला था। आपको बता दूं कि आईपीओ, एफपीओ और राइट्स इश्यू के लिए सेबी के ऑब्जर्वेशन की जरूरत पड़ती है। 

कंपनी इस आईपीओ से मिले पैसों का इस्तेमाल भविष्य में आने वाली मौद्रिक जरूरतों को पूरा करने और कारोबारी खर्चों को पूरा करने में करेगी। 

इस आईपीओ का प्रबंधन IDFC सिक्योरिटीज, HSBC सिक्योरिटीज, ICICI सिक्योरिटीज और SBI कैपिटल मार्केट्स कर रही है। 

कंपनी के बारे में (Source: कंपनी की वेबसाइट-www.irfc.nic.in)
पृष्ठभूमि
भारतीय रेल वित्त निगम (आइ.आर.एफ़.सी) की स्थापना 12 दिसम्बर, 1986 को भारतीय रेल की एक समर्पित वित्तीय भुजा के रूप में हुई थी| इस संस्था का मुख्य उद्देश्य आंतरिक एवं विदेशी पूँजी बाज़ारों से रेल सम्बंधित सवाओं के लिए धनराशि इकट्ठा करना था | < भारतीय रेल वित्त निगम की गिनती अनुसूची ए के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के में की जाती है. यह रेल मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्यरत है और साथ ही भारतीय रिज़र्व बैंक की नियमानुसार महत्वपूर्ण गैर-जमा वाली, गैर-बैंकिंग कम्पनी ((NBFC – ND-SI) और इंफ्रास्ट्रक्चर फ़ाइनैन्स कम्पनी (NBFC- IFC) के रूप में पंजीकृत है | अपने 30 साल से अधिक के अस्तित्व में आइ.आर.एफ़.सी ने सामरिक महत्व की संस्था के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. इस दौरान इसने रेल्वे की कुल नियोजित लागत में से 25 प्रतिशत का लगातार वित्त पोषण किया है |

प्रोफ़ाइल
आइ.आर.एफ़.सी का मुख्य उद्देश्य भारतीय रेल के ‘अतिरिक्त बजट संसाधनों ‘ की ज़रूरतों के प्रमुख हिस्से को खुले बाज़ार से सबसे प्रतिस्पर्धी  दरों और शर्तों पर ऋण ले पूरा करना है. अततः इस संस्था का प्रमुख व्यवसाय वित्तीय बाज़ार से ऋण ले परिसंपत्ति निर्माण व ख़रीद करना है जिसे वह आगे चल कर भारतीय रेल्वे को पट्टे पर दे देती है |

आइ.आर.एफ़.सी का रेल विभाग को कुल वित्तपोषण 31 मार्च 2017 तक रु 1.80 लाख करोड़ पार कर चुका था।इस राशि का उपभोग भारतीय रेल के वार्षिक पूंजी व्यय के एक बड़े हिस्से के लिए चल-स्टाक परिसंपत्तियां की खरीद तथा अन्य आधारभूत सुविधाएँ एवं विकासात्मक आवश्यकताएँ पूरी करने के लिए किया जाता है। अब तक इस राशि से कुल 8998 रेल इंजन,  47910 सवारी डिब्बे, 214456 माल डिब्बे लिए जा चुके हैं, जो कि भारतीय रेल्वे के कुल चल-स्टाक का 70% है और जिसकी कुल क़ीमत रु. 1.51 लाख करोड़ से भी अधिक है|

आइ.आर.एफ़.सी ने 2011-12 से महत्वपूर्ण रेल्वे परियोजनाओं जैसे की रेल्वे विद्युतीकरण, गेज परिवर्तन, रेल ट्रैक दुग्निकरण का वित्तपोषण भी शुरू किया है| साथ ही इस संस्था को 2019-20 तक की रेल्वे परियोजनाओं के रु. 1.50 लाख करोड़ तक के संस्थागत वित्तपोषण का ज़िम्मा भी दिया गया है |

आइ.आर.एफ़.सी कुछ समय से रेल क्षेत्र की अनेक संस्थाओं जैसे रेल विकास निगम लिमिटेड, रेल टेल, कोंकण रेल्वे प्राधिकरण (KRCL), पीपवाव रेल्वे प्राधिकरण (PRCL) इत्यादि को क़र्ज़ राशि भी देती है |

आइ.आर.एफ़.सी अपने पॉर्ट्फ़ोलीओ का कार्य क्षेत्र इंस्ट्रूमेंट्स, बाज़ार एवं निवेशकों के मामले से निरंतर बढ़ाने के लिए प्रयासरत रहती है. इसके चलते यह संस्था साल दर साल अपने ऋण लक्ष्य को पूरा करना में सक्षम रही है, चाहे वो प्रतिस्पर्धक बाज़ार भाव वाले कर-युक्त या कर-मुक्त बॉंड के द्वारा हो या फिर बैंक या वित्तीय संस्थान से लिए गए निश्चितक़ालीन लोन के द्वारा हो (विदेश स्थित बैंक छोड़)|

आइ.आर.एफ़.सी अपनी व्यावसायिक गतिविधियों को कई अन्य कार्य क्षेत्रों जैसे रेल्वे प्रोजेक्ट फ़ायनैन्सिंग (PPP प्राजेक्ट्स), रेल्वे से सम्बंधित लोन सिंडिकेशन गतिविधियों, सलाहकार सेवाओं, निर्यात क्रेडिट सेवाओं इत्यादि में बढ़ाने में कार्यरत है | 2030 पे अपनी नज़र जमाए ओर अपने भविष्य को सही पटरी पे उतारते हुए, आइ.आर.एफ़.सी नित्य नए आसमान छू रहा है और भारत के रेल ट्रान्स्पोर्ट सेक्टर को नयी उचाइयों पर ले जा रहा है.



>आईपीओ Vs एफपीओ  Vs ओएफएस;  IPO vs FPO Vs OFS 



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Rajanish Kant बुधवार, 4 मार्च 2020
सरकारी कंपनी IRFC ने IPO के लिए सेबी को अर्जी दी
सरकारी कंपनी आईआरएफसी यानी इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन (भारतीय रेलवे वित्त निगम) आईपीओ पेश करने जा रही है। कंपनी ने आईपीओ की मंजूरी के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी को अर्जी दी है। आईआरएफसी सरकारी कंपनी है, जो रेल मंत्रालय के तहत आती है। यह कंपनी रेलवे परियोजनाओं के लिए कर्ज देती है। 

कंपनी द्वारा दायर याचिका मसौदे (डीआरएचपी) के अनुसार, कंपनी के इश्यू में 1,40,70,69,000 शेयर बिक्री के लिए पेश होंगे। इसमें से फ्रेश शेयरों की संख्या 93,80,46,000 होगी, जबकि 46,90,23,000 इक्विटी शेयर ऑफर-फॉर-सेल (ओएफएस) के तहत पेश किए जाएंगे।

इस इश्यू से होने वाली आय का इस्तेमाल भविष्य में पड़ने वाली पूंजी और सामान्य कॉर्पोरेट जरूरतों के लिए किया जाएगा। यह इश्यू सरकार की विनिवेश प्रक्रिया का हिस्सा है।

इस इश्यू के प्रबंधन की जिम्मेदारी आईडीएफसी सिक्योरिटीज, एचएसबीसी सिक्योरिटीज एंड कैपिटल मार्केट्स (इंडिया), आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज और एसबीआई कैपिटल मार्केट्स को सौंपी गई है। कंपनी के शेयर बीएसई और एनएसई दोनों पर लिस्ट होंगे।


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>आईपीओ Vs एफपीओ  Vs ओएफएस;  IPO vs FPO Vs OFS 



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Rajanish Kant मंगलवार, 21 जनवरी 2020