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अब पता चला कि ज्यादातर भारतीय घर क्यों नहीं खरीदते हैं?
ज्यादातर भारतीय घर खरीदने में दिलचस्पी क्यों नहीं लेते हैं, इसके कई कारण हो सकते हैं। एक ताजा सर्वे में इन कारणों का खुलासा किया गया है। इंडिया मोर्टगेज गारंटी कॉरपोरेशन (आईएमजीसी) ने अपने अब तक के पहले होम हंट 1.1 (घर की खोज) सर्वेक्षण में कहा है कि आज की तारीख में केवल 32% भारतीयों के पास घर हैं और 56 %  निकट भविष्य में घर खरीदने की योजना नहीं बना रहे हैं।  

यह वार्षिक अनुसंधान सर्वेक्षण कैनटर आईएमआरबी के साथ मिलकर देश के 14 शहरों (मेट्रो, मिनी मेट्रो और छोटे शहरों) में किया गया है। 25-44 साल के आयु वर्ग वाले 4000 लोगों से इस बारे में सवाल पूछे गए।आईएमजीसी होम हंट 1.1 अनुसंधान में घर खरीद चुके और खरीदने  की योजना बनाने वाले दोनों तरह के लोगों से आंकड़े लिए गए हैं।

इस सर्वेक्षण में भाग लेने वालों ने जो प्रमुख मुश्किलें बताईं उनमें ब्याज की ऊंची दर (38 %), बचत न होना और उधार लेने की इच्छा न होना (38 %), संपत्ति की भारी कीमत (32%) और कर्ज की अपर्याप्त उपलब्धता (32%) शामिल है। इससे संकेत मिलता है कि जीवन के शुरू में घर के लिए पैसे उपलब्ध कराने की गंभीर आवश्यकता है। पहली बार घर खरीदने वाले शुरुआती भुगतान के लिए मुख्य रूप से निजी बचत पर निर्भर करते हैं। इससे भी घर खरीदने में देरी होती है। 

युवाओं में तकरीबन आधे (46%) अभिभावकों के साथ रहते हैं. किराए के और अपने घरों में रहने वाले (31%) हैं. इससे अभिभावकों  पर आर्थिक निर्भरता का पता चलता है। कर्ज लेने वाले युवाओं के लिए 'लोन हिस्ट्री न होना' और 'आवश्यक राशि कर्ज में प्राप्त करना' दूसरों की  तुलना में बड़ी समस्या है। सर्वेक्षण में पता चला है कि ज्यादातर मामलों में किराए पर रहना और घर के शुरुआती भुगतान के लिए निजी बचत पर निर्भर करने से घर खरीदने में देरी होती है। उल्लेखनीय है कि किराए पर घर लेने के मामले मेट्रो शहरों के 29% की तुलना में में छोटे शहरों में बहुत ज्यादा 37% है। मिनी मेट्रो शहरों में तो यह और भी कम 23% ही है।

यह सर्वे यह भी बताता है कि युवा भले ही कम उम्र में कमाने लगे हैं और वे घर के लिए कर्ज की किस्तें चुकाने में सक्षम हैं फिर भी शुरुआती  भुगतान, डाउन पेमेंट के लिए पर्याप्त बचत नहीं कर पाते हैं। इस अनुसंधान से यह बात भी मालूम होती है कि भारत में लोग घर के लिए शुरुआतीभुगतान अपनी बचत से करना चाहते हैं और 62 से 65% लोग इसी पर निर्भर करते हैं।

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Rajanish Kant शुक्रवार, 31 मार्च 2017
घर भी है सस्ता, लोन भी है सस्ता...अभी घर खरीदने का है सही मौका
हर किसी का सपना होता है कि काश, उसका अपना एक घर होता। लेकिन, कुछ वजहों से बहुत सारे लोगों का ये सपना अधूरा ही रहता है। इसके कई कारण हो सकते हैं, मसलन पर्याप्त पैसे नहीं होना, नौकरी की अनिश्चितता, घरों का महंगा होना या महंगा कर्ज मिलना, मनपसंद घर नहीं मिलना बगैरह।

अगर आप नए साल में खुद के रहने के लिए घर खरीदने का मन बना रहे हैं, तो आपके लिए यह सही समय है। कारण, एक तो प्रॉपर्टी बाजार में मांग कम होने की वजह से देश के ज्यादातर शहरों में घरों के दाम कम हैं और दूसरे बैंकों ने होम लोन या गृह कर्ज भी काफी सस्ते कर दिए हैं। नोटबंदी और मोदी सरकार के बेनामी प्रॉपर्टी के संबंध में कानून लाने की संभावना से भी प्रॉपर्टी बाजार में मंदी का माहौल थोड़ा गहरा गया है। साथ ही मोदी सरकार ने सभी के लिए घर मुहिम को पूरे करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर खरीदारों खासकर सस्ता घर खरीदने वालों को कई तरह की छूट की घोषणा की है।

अभी घर खरीदें, क्योंकि: ---------------------------------------कई शहरों में घरों के दाम तो कम हो ही गए हैं और अब बैंकों ने होम लोन भी सस्ते कर दिए हैं। महिलाओं के लिए तो लोन लेने पर कुछ छूट भी है। बैंकों का होम लोन पिछले 6 साल में सबसे कम है। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक 8 फीसदी की दर से एक साल के लिए जबकि दो साल और तीन साल की अवधि के लिए 8.10 फीसदी और 8.15 फीसदी की दर से कर्ज दे रहा है। वहीं, पंजाब नेशनल बैंक एक वर्ष की अवधि वाले कर्ज के लिए 8.45 फीसदी ब्याज वसूल रहा है जबकि तीन वर्ष की अवधि के लिए 8.60 फीसदी और पांच वर्ष की अवधि के लिए 8.75 फीसदी ब्याज।


जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में भारतीय रिजर्व बैंक अपने दरों में और चौथाई फीसदी की कमी कर सकता है, जिससे बैंकों पर कर्ज की दरों में कटौती करने का दबाव बढ़ेगा। अगर बैंक कर्ज की दरों में और कमी करते हैं तो कर्ज लेने वाले ग्राहकों को इसका फायदा जरूर मिलेगा।

जो लोग प्रॉपर्टी के दाम में और कमी का इंतजार कर रहे हैं, उनको जानकार आगाह करते हैं। उनके मुताबिक, अब यहां से प्रॉपर्टी के दाम में शायद ही और कमी आए। सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी के मैनेजिंग डायरेक्टर रेनु सूद कर्नाड ने कहा है कि, हालांकि यह सच है कि फिलहाल मंदी है। लेकिन जब भी आप प्रॉपर्टी की कीमतों या कर्ज की दर के कम होने की बात करते हैं तो लोग इंतजार करने लगते हैं। मुझे नहीं लगता कि आगे प्रॉपर्टी के रेट कम होंगे। अगर 2 से 3 महीने बाद रेट कम भी होते हैं तो लोगों को इसका लाभ मिलेगा। हमारे पास हाउसिंग सीमित है और लोग जरूरतों के लिए मुझे नहीं लगता 3 या 4 महीने से अधिक इंतजार करेंगे।


उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब, निम्न मध्यम वर्ग, मध्यम वर्ग के लोग घर खरीद सकें, इसके लिए दो याजनाओं की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नौ लाख रुपए तक के होम लोन पर ब्याज दर में 4 फीसदी और 12 लाख रुपए तक के होम लोन पर 3 फीसदी की छूट मिलेगी। साथ ही गांवों में घर बनाने के लिए दो लाख रुपए के होम लोन पर ब्याज दर में तीन फीसदी की छूट मिलेगी।

तो अब देर किस बात की। अगर लंबे समय से आप खुद के रहने के लिए घर खरीदने का इंतजार कर रहे हैं तो क्यों ना, हम अपने बजट और जरूरत के हिसाब से घर ढूंढने के साथ ही होम लोन के लिए डाउन पेंमेंट या फिर एक बार में ही घर की पूरी कीमत चुकाने के लिए पैसों का इंतजाम करना शुरू कर दें।                                 

Rajanish Kant बुधवार, 4 जनवरी 2017