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PF खाता से घर बैठे 75% ए़डवांस निकालें, जानें कैसे

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Rajanish Kant रविवार, 5 अप्रैल 2020
लोन की EMI चुकाते हैं तो आपके लिए बहुत बड़ी राहत है...




कोरोना वायरस महामारी के आर्थिक प्रभाव से निपटने के लिये सरकार के साथ कदमताल करते हुए रिजर्व बैंक ने बैंकों का कर्ज सस्ता और सुलभ बनाने की दिशा में रेपो दर में 0.75 प्रतिशत की कमी करने सहित शुक्रवार को कई बड़े कदम उठाये। अप्रत्याशित और लीक से हट कर किए गए इन निर्णयों में आरबीआई ने बैंकों को कर्ज की मासिक किस्तों (ईएमआई) की वसूली में ग्राहकों को तीन महीने की मोहलत देने की छूट भी दी है।


मौजूदा संकट को देखते हुए पूर्व घोषित कार्यक्रम से एक सप्ताह पहले पेश मौद्रिक नीति समीक्षा में रिजर्व बैंक ने कार्य शील पूंजी पर ब्याज भुगतान भी तीन महीने के टालने की बैंकों को अनुमति दी। वहीं नकदी बढ़ाने के विभिन्न उपायों के जरिये बैंकिंग प्रणाली में 3.74 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी जारी करने के कई उपायों की भी घोषणा की । यह अतिरिक्त नकदी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.2 प्रतिशत है।



शीर्ष बैंक ने यह भी कहा कि वह जबतक आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये और कोरोना वायरस के अर्थव्यवस्था पर प्रभाव से निपटने के लिये कदम उठाने की जरूरत होगी, वह नरम रुख बनाये रखेगी।



केंद्रीय बैंक ने बैंकों की फौरी नकदी की जरूरत पर लगने वाले ब्याज यानी रेपो दर 0.75 प्रतिशत घटाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया। अबतक यह 5.15 प्रतिशत थी। वहीं नकदी बढ़ाने के लिये नकद अरक्षित अनुपात (सीआरआर) एक प्रतिशत कम कर 3 प्रतिशत कर दिया गया है। सीआरआर के तहत बैंकों को जमा राशि का एक हिस्सा रिजर्व के रूप में अलग रखना पड़ता है।



नीतिगत दर यानी रेपो में यह कटौती जनवरी 2009 के बाद सबसे बड़ी है। इस कटौती के बाद रेपो दर अक्टूबर 2004 के पश्चात निचले स्तर पर आ गयी है। रिवर्स रेपो दर में 0.90 प्रतिशत की कटौती कर 4 प्रतिशत पर लाया गया है। इससे बैंक आरबीआई के पास पैसा रखने को लेकर उदासीन होंगे।



आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एक मार्च 2020 की स्थिति के अनुसार मासिक किस्त से जुड़े सभी प्रकार के कर्ज पर ईएमआई तीन महीने रोके जाने की अनुमति वाणिज्यिक बैंकों को दी गयी है।



इससे पहले केंद्रीय बैंक ने 2019 में लगातार पांच बार में रेपो दर में 1.35 प्रतिशत की कटौती की थी। हालांकि उच्च मुद्रास्फीति का हवाला देते हुए दिसंबर से रेपो दर को यथावत रखा गया था।



हालांकि इस बार मौजूदा हालात को देखते हुए आरबीआई ने देश की आर्थिक वृद्धि के साथ-साथ मुद्रास्फुीति के बारे में कोई परिदृश्य जारी नहीं किया।



दास ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में 5 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने के लिये जनवरी-मार्च तिमाही में 4.7 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि की जरूरत है लेकिन कोरोना वायरस महामारी के अर्थव्यवस्था पर प्रभाव को देखते हुए ह अब मुश्किल लगता है।



इससे एक दिन पहले ही कोरोना वायरस महामारी के कारण 21 दिन के ‘लॉकडाउन’ (देश व्यापी बंदी) से निपटने के लिये सरकार ने गरीबों और जरूरमंदों के के लिये 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की। इसमें अगले तीन महीने तक गरीबों को राशन में पांच किलो गेहूं या चावल और एक किलो कोई भी दाल मुफ्त देने की बात शामिल है। इसके अलावा जनधन खाता धारक महिलाओं को उनके खाते में तीन महीने में 1,500 रुपये नकद और जिन परिवारों को निशुल्क रसोई गैस दी गई उन्हें अगले तीन महीने एलपीजी सिलेंडर मुफ्त देने का वादा किया गया है।



इस देशव्यापी बंद से कारखाने और संयंत्र ठप हो गये हैं। इसके साथ अस्थायी तौर पर हजारों लोग बेरोजगार हुए हैं।



दास ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस से जुड़ी इस विकट समस्या से निपटने के लिये युद्ध स्तर पर कदम उठाने की जरूरत है और ये पहल की जा रही हैं। हम परंपरागत और गैर-परंपरागत दोनों तरह से तैयार हैं।’’ उन्होंने कहा कि नीतिगत दर में कटौती का मकसद आर्थिक वृद्धि की मदद करना है। कोरोना वायरस के प्र्रभाव को को कम करने के लिये लिये जबतक जरूरी होगा इस तरह के कदम उठाये जाएंगे। ‘‘यह याद रखना चाहिए कि कठिन घड़ी लंबे समय तक नहीं रहती, पर ऐसे दौर में मजबूत लोग और मजबूत संस्थान और मजबूत होकर निकलते हैं।’’



आरबीआई की घोषणा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इससे नकदी बढ़ेगी और कोष की लागत कम होगी तथा मध्यम वर्ग और कंपनियों को मदद मिलेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘‘कर्ज की किस्त और कार्यशील पूंजी पर ब्याज भुगतान पर तीन महीने की रोक से लोगों को जरूरी राहत मिलेगी।’’



सीतारमण ने यह भी कहा कि घटी हुई ब्याज दर का लाभ बैंकों की तरफ से ग्राहकों को जल्द-से-जल्द मिलना चाहिए।



आरबीआई के नीतिगत दर में कटौती के साथ सीआरआर में कमी तथा अन्य उपायों के जरिये नकदी बढ़ाने के उपाय देशव्यापी बंद के प्रभाव को कम करने का एक प्रयास है। इस बंद के कारण खपत और निवेश मांग प्रभावित हुई है।



दास ने कहा, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था की वृहत आर्थिक बुनियाद मजबूत है और वास्तव में 2008 में वैश्विक वित्तीय संकट के समय की स्थिति की तुलना में मजबूत है। चालू खाते का घाटा और राजकोषीय घाटा काफी नीचे है। मुद्रास्फीति की स्थिति नरम है और हाल की तेजी के बाद से शेयर कीमतों द्वारा मापा जाने वाला वित्तीय उतार-चढ़ाव तथा रुपये की विनिमय दर में औसत दैनिक बदलाव अपेक्षाकृत कम है।’’



छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति नीतिगत दर में कटौती के पक्ष में थी लेकिन कटौती की मात्रा को लेकर राय अलग-अलग थी। रेपो दर में 0.75 प्रतिशत की कटौती के पक्ष में 4 जबकि विरोध में 2 सदस्यों ने वोट किये।



उन्होंने कहा कि रिवर्स रेपो दर में कमी का मकसद बैंकों के लिये रिजर्व बैंक के पास जमा रखने को कम आकर्षक बनाना है। बल्कि आरबीआई चाहता है कि वे इसका उपयोग अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों को कर्ज देने में करें।



दास ने कहा, ‘‘एमपीएसी ने स्वीकार किया मांग और आपूर्ति दोनों मोर्चों पर कोरोना वायरस महामारी के कारण वृहत आर्थिक जोखिम गंभीर है...इस सयमय जरूरत घरेलू अर्थव्यवस्था को महामारी से बचाने की है।’’



पांच साल में पहली बार है जब आरबीआई ने निर्धारित तिथि से पहले नीतिगत कदम उठाया। एमपीसी को एक से 3 अप्रैल के बीच बैठक करनी थी। इसे पहले मार्च 2015 में आरबीआई ने बजट घाषणा के बाद निर्धारित समय से पहले कदम उठाया था।

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Rajanish Kant शुक्रवार, 27 मार्च 2020
गरीबों के लिए ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ के तहत 1.70 लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज
  • ‘कोविड-19’ से लड़ने वाले प्रत्‍येक स्वास्थ्य कर्मी को बीमा योजना के तहत 50 लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान किया जाएगा
  • 80 करोड़ गरीबों को अगले तीन महीने तक हर माह किलो गेहूं या चावल और पसंद की किलो दालें मुफ्त में मिलेंगी  
  • 20 करोड़ महिला जन धन खाता धारकों को अगले तीन महीने तक हर माह 500 रुपये मिलेंगे
  • मनरेगा के तहत मजदूरी को 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये प्रति दिन कर दिया गया है, 13.62 करोड़ परिवार लाभान्वित होंगे
  • 3 करोड़ गरीब वरिष्ठ नागरिकोंगरीब विधवाओं और गरीब दिव्‍यांगजनों को 1,000 रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी
  • सरकार वर्तमान ‘पीएम किसान योजना के तहत अप्रैल के पहले सप्ताह में किसानों के खाते में 2,000 रुपये डालेगी, 8.7 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे
  • केंद्र सरकार ने निर्माण श्रमिकों को राहत देने के लिए राज्य सरकारों को ‘भवन और निर्माण श्रमिक कल्याण कोष’ का उपयोग करने के आदेश दिए हैं

केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ने में मदद करने के उद्देश्‍य से आज गरीबों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की। आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्रीमती सीतारमण ने कहा, ‘आज किए गए विभिन्‍न उपायों का उद्देश्य निर्धनतम लोगों के हाथों में भोजन एवं पैसा देकर उनकी भरसक मदद करना है, ताकि उन्‍हें आवश्यक आपूर्ति या वस्‍तुओं को खरीदने और अपनी अनिवार्य जरूरतों को पूरा करने में कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।’
वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर के अलावा आर्थिक कार्य विभाग में सचिव श्री अतानु चक्रबर्ती और वित्तीय सेवा विभाग में सचिव श्री देबाशीष पांडा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज में निम्नलिखित उपाय शामिल हैं: 

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज
  1. सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में कोविड-19 से लड़ने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बीमा योजना
  • सफाई कर्मचारी, वार्ड-ब्‍वॉय, नर्स, आशा कार्यकर्ता, सहायक स्‍वास्‍थ्‍य कर्मी (पैरामेडिक्स), टेक्निशियन, डॉक्टर और विशेषज्ञ एवं अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ता एक विशेष बीमा योजना के तहत बीमा कवर पाएंगे। .
  • कोविड-19 मरीजों का इलाज करते समय किसी भी स्वास्थ्य प्रोफेशनल के साथ दुर्घटना होने पर उन्हें योजना के तहत 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा
  • सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों, वेलनेस सेंटरों और केंद्र के साथ-साथ राज्यों के अस्पतालों को भी इस योजना के तहत कवर किया जाएगा, इस महामारी से लड़ने के लिए लगभग 22 लाख स्वास्थ्य कर्मि‍यों को बीमा कवर प्रदान किया जाएगा

  1. पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना
  • भारत सरकार अगले तीन महीनों के दौरान इस विपत्ति की वजह से खाद्यान्नों की अनुपलब्धता के कारण किसी को भी, विशेषकर किसी भी गरीब परिवार को कष्‍ट नहीं होने देगी।
  • 80 करोड़ व्यक्तियोंअर्थातभारत की लगभग दो-तिहाई आबादी को इस योजना के तहत कवर किया जाएगा।
  • इनमें से प्रत्येक व्‍यक्ति को अगले तीन महीनों के दौरान मौजूदा निर्धारित अनाज के मुकाबले दोगुना अन्‍न दिया जाएगा।
  • यह अतिरिक्त अनाज मुफ्त में मिलेगा।

दालें:
  • उपर्युक्त सभी व्यक्तियों को प्रोटीन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, अगले तीन महीनों के दौरान क्षेत्रीय प्राथमिकताओं के अनुसार प्रत्‍येक परिवार को 1 किलो दालें दी जाएंगी।
  • ये दालें भारत सरकार द्वारा मुफ्त में दी जाएंगी।

III. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत
किसानों को लाभ:
  • 2020-21 में देय 2,000 रुपये की पहली किस्त अप्रैल 2020 में ही पीएम किसान योजना के तहत खाते में डाल दी जाएंगी।
  • इसमें 7 करोड़ किसानों को कवर किया जाएगा।

  1. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत नकद राशि का हस्तांतरण:
गरीबों की मदद:
  • कुल 40 करोड़ पीएमजेडीवाई महिला खाताधारकों को अगले तीन महीनों के दौरान प्रति माह 500 रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।

गैस सिलेंडर:
  • पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत अगले तीन महीनों में 8 करोड़ गरीब परिवारों को गैस सिलेंडर मुफ्त में दिए जाएंगे।

संगठित क्षेत्रों में कम पारिश्रमिक पाने वालों की मदद:
  • 100 से कम कामगारों वाले प्रतिष्‍ठानों में प्रति माह 15,000 रुपये से कम पारिश्रमिक पाने वालों को अपना रोजगार खोने का खतरा है।
  • इस पैकेज के तहत सरकार ने अगले तीन महीनों के दौरान उनके पीएफ खातों में उनके मासिक पारिश्रमिक का 24 प्रतिशत भुगतान करने का प्रस्ताव किया है।
  • इससे उनके रोजगार में व्यवधान या खतरे को रोका जा सकेगा

वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष से अधिक)विधवाओं और दिव्यांगजनों के लिए सहायता :
  • ऐसी लगभग 3 करोड़ वृद्ध विधवाएं और दिव्यांग श्रेणी के लोग हैं, जो कोविड-19 की वजह से उत्‍पन्‍न हुए आर्थिक व्यवधान के कारण असुरक्षित हैं।
  • सरकार अगले तीन महीनों के दौरान कठिनाइयों से निपटने के लिए उन्हें 1,000 रुपये देगी

मनरेगा
  • ‘पीएम गरीब कल्याण योजना’ के तहत अप्रैल, 2020 से मनरेगा मजदूरी में 20 रुपये की बढ़ोतरी की जाएगी। मनरेगा के तहत मजदूरी बढ़ने से प्रत्‍येक श्रमिक को सालाना 2,000 रुपये का अतिरिक्त लाभ होगा।
  • इससे लगभग 62 करोड़ परिवार लाभान्वित होंगे।

  1. स्वयं सहायता समूह:
  • 63 लाख स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के माध्यम से संगठित महिलाएं 85 करोड़ परिवारों को आवश्‍यक सहयोग देती हैं।
 ए. जमानत (कोलैटरल) मुक्त ऋण देने की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये की जाएगी।

  1. पीएम गरीब कल्याण पैकेज के तहत अन्य उपाय
संगठित क्षेत्र:
  • कर्मचारी भविष्य निधि नियमनों में संशोधन कर ‘महामारी’ को भी उन कारणों में शामिल किया जाएगा जिसे ध्‍यान में रखते हुए कर्मचारियों को अपने खातों से कुल राशि के 75 प्रतिशत का गैर-वापसी योग्य अग्रिम या तीन माह का पारिश्रमिकइनमें से जो भी कम हो, प्राप्‍त करने की अनुमति दी जाएगी
  • ईपीएफ के तहत पंजीकृत चार करोड़ कामगारों के परिवार इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।

भवन और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण कोष:
  • ‘भवन और अन्य निर्माण श्रमिकों के लिए कल्याण कोष’ केंद्र सरकार के एक अधिनियम के तहत बनाया गया है।
  • कोष में लगभग 3.5 करोड़ पंजीकृत श्रमिक हैं।
  • राज्य सरकारों को इस कोष का उपयोग करने के लिए निर्देश दिए जाएंगेताकि वे इन श्रमिकों को आर्थिक मुश्किलों से बचाने के लिए आवश्‍यक सहायता और सहयोग प्रदान कर सकें।

जिला खनिज कोष
  • राज्य सरकार से जिला खनिज कोष (डीएमएफके तहत उपलब्ध धनराशि का उपयोग करने को कहा जाएगाताकि कोविड-19 महामारी को फैलने से रोकने के लिए चिकित्सा परीक्षण (टेस्टिंग), स्क्रीनिंग और अन्य आवश्यकताओं की पूरक एवं संवर्धित या बढ़ी हुई सुविधाओं का इंतजाम किया जा सके और इसके साथ ही इस महामारी की चपेट में आए मरीजों का इलाज भी हो सके।

(साभार-पीआईबी )
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Rajanish Kant
कोरोना से लड़ने के लिए सरकार ने की आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा, जानें खास बात
केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के असर से आम लोगों और इकोनॉमी को बचाने के लिए
1.70 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। इस आर्थिक पैकेज को
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का नाम दिया गया है। आइये जानते हैं इस आर्थिक
पैकेज की खास-खास बातों को...

1) लॉकडाउन को देखते हुए प्रवासी श्रमिकों, शहरी और ग्रामीण गरीबों, महिलाओं,
दिव्यांग, किसान, मजदूर आदि को लाभ पहुंचाने के लिए भारत सरकार
ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत 1,70,000 करोड़ के राहत
पैकेज की घोषणा की है : वित्त मंत्री

2)संगठित क्षेत्र के लिए एलान करते हुए केद्रीय वित्त मंत्री  ने कहा कि सरकार ईपीएफ में अगले
तीन महीने तक 12+12 प्रतिशत योगदान देगी

3)63 लाख महिला स्वयंसेवी समूहों के लिए रहन- मुक्त कर्ज (Collateral Free Loan)
10 लाख से दोगुना कर 20 लाख रुपये किया गया, इससे सात करोड़ परिवारों को लाभ होगा

4)प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत जनधन खाताधारक महिलाओं को अगले तीन
महीने तक 500 रूपए दिए जाएंगे। इससे 20 करोड़ जनधन खाताधारक महिलाएं लाभान्वित होंगी

5)उज्ज्वला योजना के तहत महिलाओं को अगले तीन महीने तक मुफ्त गैस सिलेंडर दिए जाएंगे।
इस व्यवस्था से करीब 8 करोड़ महिलाएं लाभान्वित होंगी

6)प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत वृद्धों, विधवाओं और दिव्यांगों को भी दी जाएगी सहायता।
डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से आगामी तीन माह तक दो किस्तों में
दिव्यांग,निराश्रित वृद्धों और विधवाओं को एक हजार रूपए प्रति माह पेंशन के रूप में दिये जाएंगे।

7)प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 5 करोड़ परिवारों को लाभ।
पहुंचाने के उद्देश्य से सरकार ने मनरेगा में मजदूरी वृद्धि की घोषणा की, जिसके अंतर्गत
अतिरिक्त दो हजार रूपए मनरेगा कामगार को दिए जाएंगे।

8)प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत किसानों को दी जाएगी राहत।
8.69 करोड़ किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से पीएम किसान सम्मान
 निधि योजना के तहत दो हजार रूपए की अग्रिम 1 किस्त जारी की जाएगी।

9)डॉक्टर, नर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ, आशा कर्मियों को प्रति व्यक्ति
50 लाख रुपए का बीमा सुरक्षा कवच मिलेगा। साथ ही तकनीकी
सहयोगियों के लिए भी बीमा कवर : वित्त मंत्री

10)प्रधामंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना से 80 करोड़ गरीबों को मिलेगा
फायदा, 5 किलो गेहूं, 5 किलो चावल मासिक के अतिरिक्त प्रति व्यक्ति
5 किलो गेहूं या चावल अगले 3 महीने तक मिलेगा: : वित्त मंत्री


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Rajanish Kant गुरुवार, 26 मार्च 2020
लॉकडाउन में कौन सी सेवा मिलेगी, कौन सी नहीं मिलेगी?

लॉकडाउन में कौन सी सेवा मिलेगी, कौन सी नहीं मिलेगी?

Rajanish Kant बुधवार, 25 मार्च 2020
किसी भी ATM से पैसा निकालने पर शुल्क नहीं, मिनिमम बैलेंस रखने का झंझट खत्म


केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज ‘ कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर विशेषकर अनेक सेक्‍टरों में वैधानिक और नियामकीय अनुपालन के बारे में भारत सरकार द्वारा किए गए कई महत्वपूर्ण राहत उपायों की घोषणा की। आज नई दिल्‍ली में वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाददाता सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए श्रीमती सीतारमण ने आयकरवस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी)सीमा शुल्क एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्ककॉरपोरेट मामलोंदिवाला एवं दिवालियापन संहिता (आईबीसी), मत्स्य पालनबैंकिंग सेक्‍टर और वाणिज्य के क्षेत्रों में अत्‍यंत जरूरी राहत उपायों की घोषणा की।
वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुरवित्त सचिव श्री ए.बी. पांडेय और आर्थिक कार्य विभाग में सचिव श्री अतानु चक्रबर्ती भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
विभिन्न सेक्‍टरों में वैधानिक और नियामकीय अनुपालन के संबंध में निम्नलिखित निर्णय लिए गए हैं:
  1. आयकर रिटर्न (वित्‍त वर्ष 2018-19) दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 मार्च, 2020 से बढ़ाकर 30 जून, 2020 कर दी जाएगी।
  2. आधार कार्ड और पैन को आपस में जोड़ने की अंतिम तारीख 31 मार्च, 2020 से बढ़ाकर 30 जून, 2020 कर दी जाएगी।
  3. विवाद से विश्वास योजना - 30 जून 2020 तक भुगतान किए जाने पर अतिरिक्त 10% राशि नहीं देनी होगी।
  4. नोटिससूचनाअधिसूचनाअनुमोदन आदेशस्‍वीकृति आदेशअपील दाखिल करनेरिटर्न, विवरणआवेदनरिपोर्टकिसी भी अन्य दस्तावेज को प्रस्‍तुत करने की अंतिम तिथियां और प्राधिकरण द्वारा कार्यवाही पूरी करने की समय सीमा तथा आयकर अधिनियम के तहत बचत प्रपत्रों में निवेश अथवा पूंजीगत लाभ को आगे ले जाने के लिए निवेश सहित संपत्ति कर अधिनियमबेनामी संपत्ति लेन-देन का निषेध अधिनियमकाला धन अधिनियमएसटीटी कानूनसीटीटी कानूनसमान लेवी कानून और विवाद से विश्वास कानून के तहत करदाता द्वारा किसी भी अनुपालनजिनमें समय सीमा 20 मार्च 2020 से लेकर 29 जून 2020 के बीच समाप्त हो रही हैके लिए समय सीमा बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दी जाएगी।
  5. 20 मार्च 2020 से लेकर 30 जून 2020 के बीच अग्रिम कर, स्‍व-आकलन कर, नियमित कर, टीडीएस, टीसीएस, समकारी लेवी, एसटीटी और सीटीटी के विलंबित भुगतानों के लिए  ब्‍याज इस अवधि के दौरान 12%/18% वार्षिक के बजाय 9% (अर्थात 1/1.5 प्रतिशत मासिक के बजाय 0.75% मासिक की दर) की घटी हुई दर से लिया जाएगा। इस अवधि से संबंधित देरी के लिए कोई विलंब शुल्क/जुर्माना नहीं लिया जाएगा।
  6. उपर्युक्‍त राहत को प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक कानूनी परिपत्र और विधायी संशोधन उचित समय पर जारी किए जाएंगे।
 जीएसटी/अप्रत्यक्ष कर
  1. जिन लोगों का कुल वार्षिक कारोबार करोड़ रुपये से कम हैवे मार्च, अप्रैल और मई 2020 के लिए जीएसटीआर-3बी को जून, 2020 के अंतिम सप्ताह तक दाखिल कर सकते हैं। कोई ब्याज, विलंब शुल्क, और पेनाल्‍टी नहीं ली जाएगी।
  2. अन्य कारोबारी भी मार्चअप्रैल और मई 2020 के लिए रिटर्न को जून 2020 के अंतिम सप्ताह तक दाखिल कर सकते हैंलेकिन इस पर अंतिम तारीख के 15 दिन बाद से 9% वार्षिक की घटी हुई दर से ब्‍याज देना होगा (वर्तमान ब्याज दर प्रति वर्ष 18% है)। कोई विलंब शुल्क और जुर्माना नहीं लिया जाएगायदि 30 जून 2020 तक या उससे पहले अनुपालन किया गया हो।  
  3. कंपोजिशन स्कीम को अपनाने की तारीख को जून, 2020 के अंतिम सप्ताह तक बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा31 मार्च2020 को समाप्त तिमाही के लिए भुगतान करने के साथ-साथ कंपोजिशन डीलरों द्वारा 2019-20 के लिए रिटर्न भरने की अंतिम तिथि को जून2020 के अंतिम सप्ताह तक बढ़ाया जाएगा।
  4. वित्त वर्ष 2018-19 का जीएसटी वार्षिक रिटर्न भरने की तारीखजो 31 मार्च 2020 तक निर्दिष्‍ट हैको जून 2020 के अंतिम सप्ताह तक बढ़ाया जाएगा।
  5. नोटिसअधिसूचनाअनुमोदन आदेशस्‍वीकृति आदेशअपील दाखिल करनेरिटर्न, विवरणआवेदनरिपोर्टकिसी भी अन्य दस्तावेज को प्रस्‍तुत करने की अंतिम तिथियां और जीएसटी कानूनों के तहत किसी भी अनुपालनजिनमें समय सीमा 20 मार्च 2020 से लेकर 29 जून 2020 के बीच समाप्त हो रही हैके लिए समय सीमा बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दी जाएगी।
  6. जीएसटी परिषद की मंजूरी के बाद उपर्युक्‍त जीएसटी राहत को प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक कानूनी परिपत्र और विधायी संशोधन जारी किए जाएंगे।
  7. सबका विश्‍वास योजना के तहत भुगतान की अंतिम तारीख बढ़ाकर 30 जून, 2020 कर दी जाएगी। 30 जून, 2020 तक भुगतान कर दिए जाने पर इस अवधि के लिए कोई ब्याज नहीं लिया जाएगा।
कस्‍टम
  1. 24X7 कस्टम क्लीयरेंस 30 जून2020 के आखिर तक।
  2. नोटिसअधिसूचनाअनुमोदन आदेशस्‍वीकृति आदेशअपील दाखिल करनेआवेदनरिपोर्टकिसी भी अन्य दस्तावेज इत्‍यादि को प्रस्‍तुत करने की अंतिम तिथियां और कस्‍टम अधिनियम एवं अन्‍य संबद्ध कानूनों के तहत किसी भी अनुपालनजिनमें समय सीमा 20 मार्च 2020 से लेकर 29 जून 2020 के बीच समाप्त हो रही हैके लिए समय सीमा बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दी जाएगी।
वित्तीय सेवाएं
  1. माह के लिए ढील
    • डेबिट कार्डधारक 3 माह तक किसी भी अन्य बैंक के एटीएम से नकदी नि:शुल्‍क निकाल सकेंगे।
    • न्यूनतम बैलेंस शुल्‍क माफ
    • सभी व्यापार वित्त उपभोक्ताओं हेतु डिजिटल व्यापार लेन-देन के लिए बैंक शुल्क घटाए गए।
कॉरपोरेट कार्य

  1. एमसीए-21 रजिस्ट्री में दाखिल किए जाने वाले किसी भी आवश्‍यक दस्तावेजरिटर्नस्टेटमेंटइत्‍यादि के संबंध में 01 अप्रैल से लेकर 30 सितंबर2020 तक की स्थगन अवधि के दौरान देर से दाखिल करने पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगाभले ही इसकी निर्दिष्‍ट तिथि कुछ भी हो। इससे न केवल कंपनियों/एलएलपी का वित्तीय बोझ सहित अनुपालन बोझ कम हो जाएगाबल्कि लंबे समय से गैर-अनुपालन वाली कंपनियां/एलएलपी भी नई शुरुआत करने में सक्षम हो जाएंगी।  
  2. कंपनी अधिनियम, 2013 में उल्लिखित निर्धारित अंतराल (120 दिन) के भीतर कंपनियों के बोर्ड की बैठकें आयोजित करने की अनिवार्यता  अगली दो तिमाहियों तक 60 दिनों की अवधि के लिएयानी 30 सितंबर तक बढ़ा दी जाएगी।
  3. कंपनी (ऑडिटर की रिपोर्ट) ऑर्डर, 2020 को पहले अधिसूचित 2019-2020 के बजाय वित्त वर्ष 2020-2021 से लागू किया जाएगा। इससे वर्ष 2019-20 के लिए कंपनियों और उनके ऑडिटरों पर बोझ काफी कम हो जाएगा।
  4. कंपनी अधिनियम, 2013 की अनुसूची के अनुसारस्वतंत्र निदेशकों को गैर-स्वतंत्र निदेशकों और प्रबंधन के सदस्यों की उपस्थिति के बिना ही कम से कम एक बैठक आयोजित करनी होती है। वर्ष 2019-20 के लिएयदि किसी कंपनी के स्वतंत्र निदेशक एक भी बैठक नहीं कर पाए हैंतो उसे उल्लंघन नहीं माना जाएगा।
  5. 30 अप्रैल 2020 से पहले वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान परिपक्व होने वाले डिपॉजिट के 20% का डिपॉजिट रिजर्व बनाने की आवश्यकता के अनुपालन के लिए अब 30 जून 2020 तक का समय दिया जाएगा।
  6. किसी विशेष वर्ष के दौरान परिपक्व होने वाले डिबेंचरों के 15% को 30 अप्रैल 2020 से पहले निर्दिष्ट प्रपत्रों में निवेश करना आवश्‍यक हैजिसे अब 30 जून 2020 से पहले किया जा सकता है।
  7. नई निगमित कंपनियों के लिए निगमन के महीने के भीतर अपना कारोबार शुरू करने से संबंधित घोषणा पत्र दाखिल करना आवश्यक है। अब इसके लिए महीनों का अतिरिक्त समय दिया जाएगा।
  8. इस संबंध में विस्तृत अधिसूचनाएं/परिपत्र कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा अलग-अलग जारी किए जाएंगे।
मत्स्य पालन विभाग
  1. एसपीएफ झींगा ब्रूडस्टॉक और कृषि संबंधी अन्‍य कच्‍चे माल के आयात के लिए सभी स्वच्छता परमिट (एसआईपी) की अवधि 01.03.2020 से लेकर 15.04.2020 के बीच समाप्‍त हो रही है जिसे माह बढ़ा दिया गया है।
  2. खेप के आगमन में 1 महीने तक की देरी को माफ किया जाएगा। .
  3. जलीय संगरोध सुविधा (एक्‍यूएफचेन्नई में रद्द की गई खेपों के लिए क्‍वारंटाइन (संगरोध) क्यूबिकल्स की फि‍र से बुकिंग अब अतिरिक्त बुकिंग शुल्क के बिना ही हो सकेगी।  
  4. दस्तावेजों के सत्यापन और क्‍वारंटाइन के लिए एनओसी अब दिन के बजाय दिन में ही मिल जाएगा।
 वाणिज्य विभाग
विभिन्न अनुपालनों और प्रक्रियाओं के लिए समयसीमा बढ़ाई जाएगी। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा विस्तृत अधिसूचनाएं जारी की जाएंगी। 

किसी भी ATM से पैसा निकालने पर शुल्क नहीं, मिनिमम बैलेंस रखने का झंझट खत्म

Rajanish Kant