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यूआईडीएआई ने सीएससी के जरिये आधार अद्यतन सुविधा की अनुमति दी

20,000 सीएससी नागरिकों को इस सुविधा की पेशकश करेंगे

ग्रामीणक्षेत्रों में रहने वाले लोगों को एक बड़ी राहत देते हुए यूनिक आईडेंटीफिकेशन अथारिटी आफ इंडिया (यूआईडीएआई) ने आईटी एवं इलेक्ट्रोनिक्स मंत्रालय के तहत एक एसपीवीकॉमन सर्विस सेंटर को अपने 20,000 सीएससी परआधार अद्यतन सुविधा आरंभ करने की अनुमति दे दी है जो बैंकिंगकॉरेस्पॉडेंट (बीसी) के रूप में प्रचालन करते हैं। केंद्रीय संचारएमईआईटीवाई तथा न्याय एवं विधि मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद ने एक ट्वीट में यह जानकारी दी।

केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट किया कि 20,000 सीएससी अबनागरिकों को इस सुविधा की पेशकश करने में सक्षम होंगे। उन्होंने सीएससीवीएलई से जिम्मेदारी पूर्वक एवं इस संबंध में यूआईडीएआई द्वारा निर्देशोंके अनुरुप आधार कार्य आरंभ करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि यहसुविधा बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को अपने निवास स्थान के निकट आधार सेवाएं प्राप्त करने में सहायता करेगी।

यूआईडीएआई ने कार्य के आरंभ के लिए जून की समयसीमा निर्धारित की है जब बैंकिंग सुविधाओं के साथ सीएससी अपनी आवश्यक अवसंरचना को अपग्रेड कर लेगे और अन्य आवश्यक मंजूरियां प्राप्त कर लेंगे। तथापिसीएससी सीईओ डॉ दिनेश त्यागीने कहा कि उन्होंने सभी बीसी को तत्काल तकनीकी एवं अन्य उन्नयनजिसके लिए यूआईडीएआई ने कह रखा हैसंपन्न कर लेने को कहा है जिससे कि आधार अद्यतनका कार्य शीघ्र आरंभ हो सके।

केंद्रीय मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद कोसीएससी के जरिये आधार अद्यतन कार्य फिर से आरंभ कराने के लिए धन्यवाद देतेहुए डाॅ त्यागी ने कहा कि यह डिजिटल इंडिया‘ के लक्ष्यों को अर्जित करनेके प्रयासों को और भी सुदृढ़ बनाएगा जैसी कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रमोदी द्वारा परिकल्पना की गई है।

सीएससी के जरिये आधार अद्यतन सेवाओं की शुरुआत कोविड 19 के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन प्रतिबंधोंके दौरान एक बड़ी राहत के रूप में भी सामने आई है। आधार को अद्यतन करने केलिए उपलब्ध इन 20,000 अतिरिक्त केंद्रों के साथविशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले उपयोगकर्ताओं को इस कार्य के लिए बैंक शाखाओं या डाक घरों में आधार केंद्रों में जाने की आवश्यकता नहीं है।


(साभार-पीआईबी)
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Rajanish Kant मंगलवार, 28 अप्रैल 2020
अब भारत के 125 करोड़ निवासियों के पास आधार है-सरकार
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने यह घोषणा की है कि आधार परियोजना ने 125 करोड़ के अंक को पार करके नई उपलब्धि हासिल की है। इसका मतलब यह है कि भारत के 125 करोड़ से अधिक निवासियों के पास 12 अंकों की विशिष्ट पहचान उपलब्‍ध है।
      यह उपलब्धि आधार धारकों द्वारा आधार के प्राथमिक पहचान दस्तावेज के रूप में तेजी से बढ़ते उपयोग के कारण हासिल हुई है। यह इस तथ्य से यह स्पष्ट है कि आधार-आधारित प्रमाणीकरण सेवाओं का शुरूआत से अब तक लगभग 37,000 करोड़ बार उपयोग हो चुका है। वर्तमान में यूआईडीएआई को प्रतिदिन लगभग 3 करोड़ प्रमाणीकरण अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं।
      इसके अलावा आज नागरिक आधार में अपने विवरण को अद्यतन रखने के अधिक इच्छुक हैं। यूआईडीएआई ने अब तक लगभग 331 करोड़ सफल आधार अपडेट (बायोमेट्रिक और जनसांख्यिकीय) दर्ज किए हैं। वर्तमान में यूआईडीएआई को रोजाना लगभग 3-4 लाख आधार अपडेट अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं।

((साभार-www.pib.gov.in)
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Rajanish Kant शनिवार, 28 दिसंबर 2019
'आधार' को सुरक्षित मानते हैं 90 प्रतिशत भारतीय: सर्वेक्षण
बायोमेट्रिक आधारित पहचान ' आधार ' को 90 प्रतिशत भारतीय लोग सुरक्षित मानते हैं। हालांकि , लोगों का मानना है कि आधार को अद्यतन (अपडेट) कराना सबसे मुश्किल काम है। सामाजिक मसलों पर परामर्श देने वाले गैर - सरकारी संगठन डालबर्ग की एक हालिया सर्वेक्षण रपट में यह बात कही गई है।


संगठन की रपट ' स्टेट ऑफ आधार-2019 ' के सह - लेखक गौरव गुप्ता ने सोमवार को सर्वेक्षण के नतीजों को सामने रखते हुए कहा कि आधार को 90 प्रतिशत लोग सुरक्षित मानते हैं तथा 61 प्रतिशत लोगों का मानना है कि इसके कारण उन्हें मिलने वाला लाभ कोई अन्य नहीं उठा पाता है। सर्वेक्षण में शामिल 92 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे आधार से संतुष्ट हैं।

डालबर्ग ने यह सर्वेक्षण निवेश फर्म ओमिदयार नेटवर्क इंडिया के साथ मिलकर किया है।


रपट में कहा गया कि देश में 95 प्रतिशत व्यस्कों तथा 75 प्रतिशत बच्चों के पास आधार है। उन्होंने कहा कि अभी करीब 2.8 करोड़ व्यस्कों के पास आधार नहीं है । कुल 10.2 करोड़ लोगों के पास आधार नहीं होने का अनुमान है।



असम और मेघालय में अधिकतर लोगों के पास आधार नहीं है। असम में यह आंकड़ा 90 प्रतिशत और मेघालय में 61 प्रतिशत है।



देश के 30 प्रतिशत ट्रांसजेंडर तथा 27 प्रतिशत आवासहीन लोगों के पास अभी तक आधार नहीं है।



रपट के अनुसार , सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने आधार को अपडेट कराना सबसे मुश्किल काम बताया है। आधार को अपडेट करने की कोशिश कराने वाले प्रत्येक पांच लोगों में एक को निराशा मिली है। आधार में दर्ज जानकारियों के बारे में महज चार प्रतिशत ही लोग हैं , जिन्होंने इसमें त्रुटि की बात स्वीकार की है।



गुप्ता ने कहा कि करीब 80 प्रतिशत लोगों का मानना है कि इसके कारण राशन और पेंशन जैसी सुविधाएं सरल हुई हैं . चालीस प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें आधार के कारण एक ही दिन में मोबाइल सिम कार्ड पाने की सहूलियत मिली है। करीब आठ प्रतिशत लोग ऐसे भी हैं , जिनके लिये आधार उनका पहला पहचान पत्र रहा है।



सर्वेक्षण में शामिल करीब आधे लोगों ने माना कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बावजूद अधिकतर कंपनियां मोबाइल सिम के लिए, बैंक खाता खोलने के लिए और स्कूल में बच्चों के दाखिले के लिए केवल आधार को ही पहचान के तौर पर स्वीकार करते हैं।



आधार नहीं होने की वजह से 6 से 14 वर्ष की आयु के करीब 0.5 प्रतिशत बच्चों को स्कूल में दाखिला नहीं मिला है।



पहचान के तौर पर आधार को हर जगह स्वीकार किए जाने को 72 प्रतिशत लोगों ने सुविधाजनक माना है। जबकि इनमें से करीब आधे लोगों ने बहुत सारी सेवाओं के साथ इसे जोड़ने पर चिंता भी व्यक्त की।



आधार के साथ कई नए फीचर जैसे कि एमआधार, क्यूआर कोड, वर्चुअल आधार और मास्क्ड आधार भी शुरू की गयी हैं। लेकिन 77 प्रतिशत लोगों ने इनमें से किसी का भी उपयोग नहीं किया है।


(साभार-पीटीआई भाषा)


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Rajanish Kant मंगलवार, 26 नवंबर 2019
कहीं काम कीजिए, बैंक खाता अब आसानी से खुलेगा

कहीं काम कीजिए, बैंक खाता अब आसानी से खुलेगा

Rajanish Kant शुक्रवार, 15 नवंबर 2019
सरकार ने प्रवासियों के लिये आधार पता बदलने की प्रक्रिया सरल की

कामकाज के सिलसिले में एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने वाले लोगों के लिये अपने आधार कार्ड में नया पता बदलवाने की प्रक्रिया आसान कर दी गई है। 


सरकार ने ऐसे प्रवासियों के लिये आधार का पता बदलने की प्रक्रिया सरल कर दी है। अब प्रवासी लोग स्वघोषणा के आधार पर ही इसमें बदलाव करवा सकेंगे। सरकार ने प्रवासियों को बैंक खाता खुलवाने में सहुलियत देने तथा वित्तीय समावेश को बढ़ावा देने के लिये यह कदम उठाया है।



बुधवार को जारी एक राजपत्रित अधिसूचना के अनुसार, मनी लौंड्रिंग (सूचनाओं का रख-रखाव) रोकथाम अधिनियम में संशोधन कर ये बदलाव किये गये।



आधार में दर्ज पते में बदलाव लाने के नियमों को सरल बनाने की लंबे समय से मांग की जा रही थी। अब प्रवासियों का मूल पता उनके आधार कार्ड में रहेगा और वह कार्यस्थल का वर्तमान पता इसमें लिखवा सकेंगे। 



इस निर्णय से उन प्रवासियों को मदद मिलेगी जिनके आधार में मूलस्थान का पता दर्ज है लेकिन वे कामकाज के सिलसिले में जिस पते पर रहे हैं, उस पते पर ही बैंक खाता खुलवाना चाहते हैं।


(साभार-पीटीआई भाषा)


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Rajanish Kant गुरुवार, 14 नवंबर 2019
PAN-Aadhaar लिंक कराने का समय बढ़ा, जानें घर बैठे कैसे लिंक करें, कैसे स...

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Rajanish Kant रविवार, 29 सितंबर 2019