Results for "मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना"
बिहार में बेटियों को पैदा होने से स्नातक करने तक कुल ₹54,100 देगी सरकार, पूरी खबर जानने के लिए पढ़ें
बिहार की नीतीश सरकार ने सूबे की बेटियों को सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक तौर पर सशक्त बनाने के लिए  मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत सरकार बच्चियों के जन्म से लेकर उसके स्नातक होने तक  कुल ₹54,100 देगी। ये पैसे बच्चियों के माता-पिता या कानूनी अभिभावक के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किए जाएंगे। सारे पैसे एक साथ नहीं बल्कि अलग-अलग अंतराल पर दिए जाएंगे। 

>योजना की खास बातें: 
मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजनान्तर्गत समाज कल्याण विभाग द्वारा कन्या शिशु के जन्म पर माता/पिता/अभिभावक के बैंक खाते में ₹ 2000 देने का प्रावधान है। साथ ही 1 वर्ष पूरा होने तथा आधार पंजीयन  कराने पर माता/पिता/अभिभावक के बैंक खाते में ₹ 1000 देने का प्रावधान किया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 2 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर कन्या के सम्पूर्ण टीकाकरण कराने पर माता/पिता/अभिभावक के बैंक खाते में ₹ 2000  देने का प्रावधान, जबकि शिक्षा विभाग द्वारा वर्ग  1-2 के लिये मुख्यमंत्री पोशाक योजना (बालिकाओं के लिए) के अन्तर्गत ₹ 400 की राशि को बढ़ाकर ₹ 600 किया गया है। 

उसी प्रकार शिक्षा विभाग द्वारा वर्ग 3-5 के लिए मुख्यमंत्री पोशाक योजना (बालिकाओं के लिए) के अन्तर्गत ₹ 500 की राशि को बढ़ाकर ₹ 700 किया गया है। वर्ग 6-8 के लिए मुख्यमंत्री बालिका पोशाक येजना के अन्तर्गत ₹700 की राषि को बढ़ाकर ₹ 1000 किया गया है। वर्ग 9-12 के लिए  बिहार शताब्दी मुख्यमंत्री बालिका पोषाक योजना के अन्तर्गत ₹ 1000 की राशि को बढ़ाकर ₹ 1,500 किया गया है। मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य कार्यक्रम में (सैनेटरी नैपकीन के लिए) ₹ 150 की राशि को बढ़ाकर ₹ 300 किया गया है। ये वर्ग 7-12 की बालिकाओं को देय होगा। मुख्यमंत्री  बालिका (इन्टरमीडिएट) प्रोत्साहन योजना के तहत अविवाहित इन्टरमीडिएट (10+2) उतीर्ण बालिकाओं को ₹ 10,000 दिया जाएगा एवं मुख्यमंत्री बालिका (स्नातक) प्रोत्साहन योजना के तहत स्नातक उतीर्ण बालिकाओं को ₹25,000 दिया जायेगा। इस प्रकार समेकित रूप से एक कन्या को जन्म से स्नातक होने तक कुल ₹54,100 तक मिल सकेगा। 

शिक्षा विभाग के द्वारा संचालित योजनाएं- राजकीय/राजकीयकृत/गैर सरकारी सहायता प्राप्त (अल्पसंख्यक सहित) प्रारंभिक/माध्यमिक एवं  उच्च माध्यमिक विद्यालयों (प्रोजेक्ट विद्यालय सहित)/प्रस्वीकृत/सम्बद्धता प्राप्त विद्यालय/अनुदानित अराजकीय प्रस्वीकृत मदरसा/संस्कृत एवं वित  रहित विद्यालय/राजकीय महाविद्यालय/अंगीभूत एवं विष्वविद्यालय से संबंद्धता प्राप्त (अल्पसंख्यक सहित) महाविद्यालय की छात्राएं लाभान्वित होंगी। इस योजना का कार्यान्वयन समाज कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा किया जायेगा एवं प्रोत्साहन राशि का भुगतान  लाभार्थी  को डी0बी0टी0 के माध्यम से उनके बैंक खाते में किया जायेगा। 

मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना पर प्रति वर्ष ₹ 2,221 करोड़ से अधिक राशि व्यय कर लगभग 1 करोड़ 60 लाख कन्याओं को लाभान्वित करने का अनुमान है। इसके अतिरिक्त आज की कैबिनेट की बैठक में अन्य तीन निर्णय लिये गये। मुख्यमंत्री सामाजिक सहायता एवं प्रोत्साहन  के तहत बिहार  निशक्तता पेंशन योजना में आंशिक संशोधन करते हुये वैसे तेजाब  पीड़ित के मामले में जो बिहार का मूल निवासी हो या तेजाब हमला की घटना बिहार  में हुआ हो, को पेंशन देने हेतु दिव्यांगता की न्यूनतम  अर्हता 40 प्रतिशत की शर्त विलोपित करने की स्वीकृति का निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त केन्द्र प्रायोजित Umbrella ICDS तथा NSAP स्कीम में ससमय केन्द्रांश मद की राशि प्राप्त नहीं होने से योजना का कार्य बाधित हो जाने के कारण कार्य हित में केन्द्रांश मद की राशि की प्राप्ति की प्रत्याशा में उदव्यय/बजट उपबंध के अन्तर्गत राज्यांष मद की राशि की निकासी एवं व्यय हेतु वित विभाग के संकल्प संख्या- 3758, दिनांक- 3105.2017 की कंडिका 7क को umbrella ICDS तथा NSAP स्कीम के लिये शिथिल करने की स्वीकृति का  निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त समेकित बाल विकास योजना  के तहत राज्य योजना से ऑगनबाड़ी केन्द्रां के बच्चों के लिये पोशाक योजना में प्रति लाभार्थी देय राशि ₹250 से बढ़ाकर ₹400 करने की स्वीकृति करने का निर्णय लिया गया।

महिलाओं के सामाजिक, शैक्षिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण तथा उनके समानता के अधिकार को सुदृढ़ करते हुये उन्हें विकास की  मुख्यधारा से जोड़ने हेतु राज्य सरकार ने विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ-साथ अनेक नीतिगत पहल भी की है। पंचायत एवं नगर निकाय निर्वाचन, प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति, पुलिस एवं सरकारी नौकरियों में आरक्षण जैसे कदम से महिलाओं में आत्मनिर्भरता बढ़ी है। जीविका कार्यक्रम ने भी महिलाओं को सामाजिक एवं आर्थिक रूप से सषक्त बनाया है। षिक्षा प्रक्षेत्र में बालिकाओं के लिये पोशाक योजना, साइकिल योजना, छात्रवृति योजना, मेधावृति योजना के फलस्वरूप कक्षाओं में लड़के/लड़कियों का अनुपात लगभग बराबर हो गया है। सामाजिक प्रक्षेत्र में समेकित बाल विकास कार्यक्रम, कन्या विवाह योजना, नारी शक्ति योजना, कामकाजी महिलाओं के लिये छात्रावास, महिला हेल्प लाइन आदि से कन्याएं स्वावलम्बी बन रही हैं। सामाजिक बदलाव के अभियान जैसे- शराबबंदी, बाल-विवाह एवं दहेज प्रथा का उन्मूलन से महिलाओं के जीवन स्तर में बेहतरी आई है। राज्य में महिला सशक्तिकरण नीति भी लागू की गई है। फिर भी देखा जा रहा है कि कन्याओं को जन्म से ही स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण जैसे मुद्दों पर प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। 

बाल-विवाह एवं दहेज प्रथा  अभी भी एक सामाजिक समस्या है। बिहार में शिशु मृत्यु दर 38 है, जिसमें बालकों का दर 31 है, वहीं बालिकाओं में यह 46 है। पोषाहार, टीकाकरण,  उचित चिकित्सा देखभाल की कमी एवं कम उम्र में विवाह के कारण कन्याओं में मृत्यु दर, वजन में गिरावट, कुपोषण, स्टंटिंग आदि की समस्या होती है। इसलिये राज्य सरकार द्वारा बालिकाओं को जीवन के विभिन्न पड़ावों पर जिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उसे समेकित रूपसे देखते हुये दूर करने पर विचार किया गया। इस संदर्भ में सरकार ने बालिकाओं के संरक्षण-स्वास्थ्य-शिक्षा-स्वावलंबन पर आधारित मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का सूत्रण किया है। इस योजना का उद्देष्य कन्या भू्रण हत्या को रोकना, कन्याओं के जन्म, निबंधन एवं सम्पूर्ण टीकाकरण को प्रोत्साहित करना, लिंग अनुपात में वृद्धि लाना, बालिका शिशु मृत्यु दर को कम करना, बालिका षिक्षा को बढ़ावा देना, बाल-विवाह पर अंकुश लागना तथा कुल प्रजनन दर में कमी लाना हैं साथ ही बालिकाओं को शिक्षित कर आत्मनिर्भर बनाना, सम्मानपूर्वक जीवन यापन करने के अवसर प्रदान करना तथा परिवार एवं समाज में उनके आर्थिक  योगदान बढ़ाना भी इस योजना का लक्ष्य है। यह योजना न्दपअमतेंस ब्वअमतंहम अर्थात राज्य की सभी कन्याओं को जन्म से लेकर स्नातक होने के लिये  होगी। इस योजना का लाभ परिवार के दो बच्चों तक सीमित रहेगा। आज मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद सभाकक्ष में राज्य कैबिनेट की बैठक में बालिकाओं के हित में यह ऐतिहासिक निर्णय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में लिया गया। 


Rajanish Kant गुरुवार, 19 अप्रैल 2018