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दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल में दस्तक दे चुका है, जानिये आपके इलाके में कब आएगा

 

दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल में दस्तक दे चुका है और पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश भागों में आगे बढ़ गया है


अगले 4-5 दिनों के दौरान पूर्वोत्तर भारत में भारी से बहुत भारी वर्षा जारी रहने का अनुमान है

उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में चल रही भीषण गर्मी की स्थिति आज से धीरे-धीरे कम होने की संभावना है




दक्षिण-पश्चिम मानसून का बढ़ना :

  • दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल में प्रवेश कर चुका है तथा आज (30 मई 2024) यह सम्पूर्ण नागालैंडमणिपुरमिजोरमअरुणाचल प्रदेश तथा त्रिपुरामेघालय और असम के अधिकांश भागों सहित पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश भागों की ओर बढ़ चुका है।
  • दक्षिण-पश्चिम मॉनसून दक्षिण-पश्चिम अरब सागर के शेष भागोंपश्चिम मध्य अरब सागर के कुछ भागोंदक्षिण-पूर्व अरब सागर और लक्षद्वीप क्षेत्र के अधिकांश भागोंकेरलमाहे के अधिकांश भागोंदक्षिण तमिलनाडु के कुछ भागोंमालदीव और कोमोरिन क्षेत्र के शेष भागोंबंगाल की खाड़ी के उत्तर-पूर्व के कुछ और भागोंपूरे नागालैंडमणिपुरमिजोरमअरुणाचल प्रदेश सहित पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश भागों और त्रिपुरामेघालय और असम के अधिकांश भागों में आगे बढ़ चुका है। इस प्रकारदक्षिण-पश्चिम मॉनसून आज 30 मई, 2024 को केरल में प्रवेश कर चुका है।
  • मॉनसून की उत्तरी सीमा 13°N/60°E, 12°N/65°E, 11°N/70°E, अमिनीकन्नूरकोयंबटूरकन्याकुमारी, 8.5°N/80°E, 13°N/84°E, 16°N/87°E, 20°N/91°E, अगरतलाधुबरी, 27°N/89.5°E से होकर गुजरती है। (अनुलग्नक IV)
  • अगले 2-3 दिनों के दौरान मध्य अरब सागर के कुछ और भागोंदक्षिण अरब सागर के शेष भागोंलक्षद्वीप क्षेत्र और केरलकर्नाटक के कुछ भागोंतमिलनाडु के कुछ और भागोंदक्षिण-पश्चिम और मध्य बंगाल की खाड़ीउत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी के शेष भागों और असम और मेघालय तथा उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के कुछ भागों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं।
  • निचले क्षोभमंडल स्तरों में पूर्वोत्तर असम और आसपास के क्षेत्रों में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। निचले क्षोभमंडल स्तरों में बंगाल की खाड़ी से पूर्वोत्तर राज्यों तक तेज़ दक्षिण-पश्चिमी/दक्षिणी हवाएँ चल रही हैं। इसके प्रभाव में:  अगले दिनों के दौरान अरुणाचल प्रदेशअसम और मेघालयनागालैंडमणिपुरमिजोरम और त्रिपुरा और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में गरजबिजली और तेज़ हवाओं (30-40 किमी प्रति घंटे) के साथ व्यापक रूप से हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।  अगले दिनों के दौरान अरुणाचल प्रदेशअसम और मेघालयउप हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में भारी/बहुत भारी वर्षा तथा 30 और 31 मई, 2024 को नागालैंडमणिपुरमिजोरम और त्रिपुरा में अलग-अलग जगहों पर भारी वर्षा होने की संभावना है। आज मेघालय में भी अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है।
  • उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश और उसके आसपास के इलाकों में एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है और इसके ऊपर से निचले क्षोभमंडलीय स्तरों में पश्चिमी बांग्लादेश तक एक द्रोणिका बनी हुई है। इसके प्रभाव मेंअगले दिनों के दौरान बिहारझारखंडपश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानओडिशाछत्तीसगढ़ में और एक जून से तीन जून के दौरान मध्य प्रदेशविदर्भमध्य महाराष्ट्रमराठवाड़ा में गरजबिजली और तेज़ हवा (30-40 किमी प्रति घंटे) के साथ छिटपुट से लेकर हल्की/मध्यम वर्षा होने की संभावना है।
  • दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में लगभग अक्षांश 8°N पर एक कतरनी क्षेत्र बना हुआ है और मध्य क्षोभमंडल स्तरों में दक्षिण केरल से दूर दक्षिणपूर्व अरब सागर पर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। केरल तट पर तेज़ पश्चिमी हवाएं चल रही हैं। इसके प्रभाव में:  अगले दिनों के दौरान केरल और माहेलक्षद्वीपअंडमान और निकोबार द्वीप समूहकर्नाटक में गरजबिजली और तेज़ हवाओं (30-40 किमी प्रति घंटे) के साथ व्यापक रूप से हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना हैतमिलनाडुपुडुचेरी और कराईकलतटीय आंध्र प्रदेशतेलंगानारायलसीमा में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।  अगले दिनों के दौरान केरल और माहे में अलग-अलग जगहों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।  आज लक्षद्वीप में कहीं-कहीं पर भारी वर्षा होने की संभावना है31 मई से 2 जून के दौरान अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भारी वर्षा की संभावना हैएक से तीन जून2024 के दौरान तमिलनाडु और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में भारी वर्षा की संभावना है।  31 मई से तीन जून के दौरान तटीय आंध्र प्रदेश और यनमरायलसीमा और कर्नाटक में तेज सतही हवाएं (30-40 किमी प्रति घंटे तक की गति) चलने की संभावना है।
  • जम्मू संभाग और आसपास के इलाकों में एक चक्रवाती परिसंचरण के रूप में देखा जा रहा एक पश्चिमी विक्षोभनिचले और मध्य क्षोभमंडलीय पश्चिमी हवाओं में एक गर्त के साथ है, जो मोटे तौर पर देशांतर 73° पूर्व से अक्षांश 30° उत्तर के उत्तर में है। इसके प्रभाव में 30 मई से दो जून, 2024 के दौरान जम्मू-कश्मीर-लद्दाख-गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबादहिमाचल प्रदेशउत्तराखंड में गरज के साथ छिटपुट हल्की वर्षा होने की संभावना है।  30 मई से दो जून के दौरान उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में गरज के साथ छिटपुट बहुत हल्की/हल्की वर्षा होने की संभावना है।  30 मई से एक जून के दौरान उत्तर प्रदेश में और 30 और 31 मई को हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली में धूल भरी आंधी चलने की संभावना है।
  • 30 और 31 मई को गुजरात में तेज़ सतही हवाएं (गति 30-40 किमी प्रति घंटा) चलने की संभावना है।

पिछले 24 घंटों के दौरान आज 0830 बजे तक का मौसम:

  • पंजाब के अधिकांश भागों में लू से लेकर भीषण लू की स्थिति बनी रहीहरियाणा-चंडीगढ़-दिल्लीउत्तर प्रदेश के कई भागों मेंराजस्थानबिहारपूर्वी मध्य प्रदेश के कुछ भागों मेंओडिशाझारखंड के कुछ स्थानों पर; छत्तीसगढ़विदर्भहिमाचल प्रदेश के कुछ भागों मेंपश्चिमी मध्य प्रदेश के कुछ स्थानों पर लू की स्थिति बनी रही। हरियाणाचंडीगढ़, दिल्ली और राजस्थान में 17 मई से तथा मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 18 मई, 2024 से लू की स्थिति बनी हुई है।
  • पंजाबहरियाणादिल्लीराजस्थानउत्तर प्रदेशबिहारझारखंडओडिशा और मध्य प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में रात में गर्म मौसम रहा।
  • कल देश भर में अधिकतम तापमान 48.8°C रोहतक (हरियाणा) में दर्ज किया गया।
  • मेघालय में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षाकेरल और माहेअसम में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा तथा लक्षद्वीपअरुणाचल प्रदेश और नागालैंडमणिपुर में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा दर्ज की गई।
  • देश भर में तेज़ हवाओं/तूफ़ानी हवाओं के आंकड़े दर्ज किए गए।

अगले दिनों के लिए अधिकतम तापमान अवलोकन और पूर्वानुमान:

  • 42 डिग्री सेल्सियस से ज़्यादा तापमान वाले इलाके: कल, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली के ज़्यादातर इलाकों मेंपश्चिमी राजस्थान के कई इलाकों मेंपश्चिमी मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों मेंपूर्वी मध्य प्रदेशपूर्वी उत्तर प्रदेशझारखंडओडिशा के कुछ इलाकों में42-46 डिग्री सेल्सियस की रेंज में आने वाले इलाके : पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई इलाकेविदर्भ, बिहार के कुछ इलाकेछत्तीसगढ़, मराठवाड़ा के कुछ इलाकेतेलंगानातटीय आंध्र प्रदेश के कुछ इलाके। उत्तर-पश्चिम भारत के कई इलाकों और मध्य और पूर्वी भारत के कुछ इलाकों में तापमान सामान्य से 3-6 डिग्री सेल्सियस ज़्यादा रहा।
  • अगले दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में अधिकतम तापमान में 2-4 डिग्री सेल्सियस की क्रमिक गिरावट होने की संभावना है।
  • अगले दो दिनों के दौरान, पूर्वी भारत में अधिकतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं होने की संभावना है तथा उसके बाद धीरे-धीरे 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है।
  • अगले दिनों के दौरान, महाराष्ट्र और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है तथा इसके बाद कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं होगा।
  • देश के बाकी हिस्सों में अधिकतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन होने की संभावना नहीं है।

विवरण अनुलग्नक में है



(साभार-pib)

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Rajanish Kant शुक्रवार, 31 मई 2024