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अपने बच्चों को गिफ्ट में फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स देंगे, तो कैसा रहेगा? कई फायदे हैं इसके
कोई भी मां-बाप अपने बच्चों को उसके बर्थडे पर, परीक्षा में अच्छे नंबर लाने या कई दूसरे मौकों पर कोई भी ऐसा  गिफ्ट देकर उसे मायूस नहीं करना चाहता, जो उसे पसंद ना हो। लेकिन, गिफ्ट में कोई ऐसी चीज दी जाए जो कि बच्चों के भविष्य के लिए फायदेमंद तो हो ही, समय आने और जरूरत पड़ने पर मां-बाप का भी आर्थिक बोझ कम करे, तो कैसा रहेगा। अब आप पूछेंगे कि ऐसी कौन सी चीज है?  तो, वो चीज है फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स या वित्तीय उत्पाद। इसमें शामिल हैं इंश्योरेंस, म्युचुअल फंड्स, बैंक एफडी, सुकन्या समृद्धि योजना, किसान विकास पत्र जैसे निवेश साधन।  

बच्चों को गिफ्ट के तौर चाहे तो इंश्योरेंस खरीद लीजिए, चाहे म्युचुअल फंड्स, बैंक एफडी, सुकन्या समृद्धि योजना, किसान विकास पत्र में पैसे लगा दीजिए, लंबी अवधि में अच्छा-खासा रिटर्न मिल सकता है। हां, एक बात याद रखियेगा, इनमें निवेशित पैसों के साथ छेड़छाड़ मत कीजिएगा। जब आपको लगे कि बच्चों की हायर एजुकेशन के लिए या फिर उसकी शादी के लिए पैसों की सख्त जरूरत है तब उन पैसों को निवेश साधनों से निकालकर इस्तेमाल कर सकते हैं। 

जिस हिसाब से महंगाई बढ़ रही है, खास कर पढ़ाई-लिखाई और शादी-विवाह की महंगाई दर तो काफी तेजी से बढ़ रही है, भविष्य में इसका मुकाबला करने के लिए हम अभी से निवेश की रणनीति अपनाएंगे तो बेहतर होगा। अब अपने बच्चों को कोई सामान गिफ्ट में दीजिएगा, तो बच्चा तो खुश होगा, लेकिन भविष्य में उस सामान 
की क्या अहमियत रह जाएगी, कभी सोचा है आपने।  बच्चों को उसकी जरूरत का सामान जरूर दीजिए, लेकिन कुछ ऐसे गिफ्ट भी दीजिए जो उसके भविष्य में काम आ सके और आपके भी। 

>गिफ्ट के तौर पर फाइनेंशियल प्रोडक्ट देते समय कुछ ध्यान रखने वाली बातें:
-कोई भी फाइनेंशियल प्रोडक्ट चुनते समय सावधान रहें। लंबी अवधि में जिससे वेल्थ क्रिएशन हो, अपने बच्चे को गिफ्ट के तौर पर उसी प्रोडक्ट में पैसे लगाएं। 
-किसी म्युचुअल फंड स्कीम में पैसे लगा रहे हैं तो उस स्कीम के साथ-साथ उस फंड हाउस का लंबी अवधि का ट्रैक रिकॉर्ड भी देख लीजिएगा। 
-जोखिम वाले फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स से बचना सही रहेगा

तो, अगली बार जब भी अपने बच्चे को कोई गिफ्ट देने की योजना बनाएंगे, तो फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स को जरूर ध्यान में रखेंगे। 
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Rajanish Kant मंगलवार, 28 फ़रवरी 2017
जब आपके बच्चे को बर्थडे गिफ्ट में मिले पैसे, तो ये काम जरूर करें
अपने बच्चे को उनके बर्थडे गिफ्ट के जरिये पैसों के बारे में जागरूक बनाएं


हर बच्चों के लिए उनका बर्थडे गिफ्ट प्यारा होता है। चाहे वो सामान के रूप में, पैसों के रूप में या फिर आशीर्वाद के रूप में मिले। बच्चों को बर्थडे गिफ्ट के तौर लोग शौक से इनमें से ही कुछ देते हैं। सामान का इस्तेमाल हो जाएगा। वैसे पैसों का भी इस्तेमाल हो जाएगा, लेकिन बर्थडे गिफ्ट के तौर  पर मिले पैसों का इस्तेमाल आप अपने बच्चे को पैसों के बारे में जागरूकता बनाने के लिए कर सकते हैं, तो बेहतर रहेगा। लेकिन, सवाल है कैसे। बहुत आसान है। 

एक बार जब बच्चे का बर्थडे सिलिब्रेशन खत्म हो जाए, तब ये काम शुरू करना चाहिए। एक परिवार को तौर पर अपने बच्चे के साथ बैठ जाएं और उसे समझाएं कि बर्थडे गिफ्ट में मिले पैसों का वो कैसे इस्तेमाल कर सकता है। पैसों को लेकर बच्चों को जागरूकता बनाने के लिए यह एक अविश्वसनीय मौका है, जिसे माता-पिता को गंवाना नहीं चाहिए। 

बर्थडे सिलिब्रेशन खत्म हुआ और अपने बर्थडे चिल्ड्रेन के साथ परिवार के तौर पर बैठ जाइए। जब गिफ्ट में मिले सामानों की लिस्ट बनाते हैं तो ये भी गिन लीजिए कि गिफ्ट के तौर पर कितने पैसे आए हैं। पैसों का इस्तेमाल कई तरह के कामों में किया जा सकता है। मसलन, ये पैसे खर्च किए जा सकते  हैं, ये पैसे दान में दिए जा सकते हैं या फिर जरूरतमंदों में बांटे जा सकते हैं, इन पैसों की बचत की जा सकती है और इनमें से कुछ का निवेश भी किया जा सकता है। 

इस तरह से गिफ्ट में मिले पैसों को चार भागों- खर्च, दान, बचत और निवेश में बांट दीजिए। फिर किस भाग के लिए कितना आवंटन करना है, इसे प्रतिशत के हिसाब से आप खुद ही तय करके अपने बच्चों को बताइए। ये चारों भाग के लिए 25 %-25% बराबर भी हो सकता है या फिर खर्च के लिए कम पैसे बाकी तीनों के लिए ज्यादा पैसों का आवंटन किया जा सकता है। एक बात ध्यान रखिये अगर अपने बच्चों को अभी से ही कम खर्च करने की आदत डालेंगे, तो बेहतर होगा। मसलन, कुल पैसों में से खर्च के लिए 10%, दान  के लिए 20, बचत के लिए 30 और निवेश क लिए 40% पैसों का आवंटन कर सकते हैं। ये आप अपनी सुविधा अनुसार कर सकते हैं। 

इस तरह से बच्चों के बर्थडे सिलिब्रेशन को आप और आनंदायक और थोड़ा ज्ञानवर्द्धक भी बना सकते हैं। अपने बच्चे को वित्तीय साक्षरता का गुरुमंत्र देकर।   

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Rajanish Kant सोमवार, 23 जनवरी 2017
बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में महंगाई विलेन बने, तो क्या करें
म्युचुअल फंड में पैसे लगाएं, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के तनाव से बचें   


हर महीने खुदरा और थोक महंगाई दर के आंकड़े जारी होते हैं लेकिन उसमें में ना तो पढ़ाई-लिखाई और ना ही शादी-विवाह की महंगाई दर शामिल रहती है। अगर पढ़ाई-लिखाई और शादी-विवाह की महंगाई दर की बात करें तो जानकारों के मुताबिक, ये आमतौर पर हर महीने  जारी होने वाली खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों के मुकाबले 2-4% अधिक रहती है। जाहिर है, ऐसे में हर मां-बाप को अपने बच्चों के बेहतर कैरियर के लिए रोजमर्रा की चीजों के मुकाबले अधिक से अधिक पैसों की जरूरत पड़ेगी। हर मां-बाप का ख्वाब होता है कि उसके बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में कोई कमी ना रहे। साथ ही वो ये भी चाहते हैं कि उनका बच्चा पढ़-लिखकर बड़ा आदमी बने। ऐसे में महंगाई अगर विलेन बन जाए, तो क्या करना चाहिए। 

ऐसा माना जाता है कि भारत में शिक्षा की महंगाई दर सालाना 8-10% की दर से बढ़ रही है, जबकि शादी-विवाह की महंगाई दर सालाना 10-12% की दर से। 

महंगाई की मार से तो कोई बच नहीं सकता है, लेकिन अपनी बचत का सही जगह निवेश करके उसके असर को जरूर कम कर सकता है। इसके लिए ऐसे निवेश साधन में पैसे लगाने होंगे जो रियल रिटर्न (% रिटर्न-% खुदरा महंगाई दर) देने में महंगाई दर को मात दे। जानकारों की मानें तो लंबी अवधि के लिए इक्विटी म्युचुअल फंड में निवेश इसके लिए बेहतर और फायदेमंद विकल्प साबित हो सकता है। खासकर, जब आप कोई अच्छा सिस्टैमिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) चुनते हैं। 

>बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और शादी-विवाह के खर्चों से निपटने के लिए क्या तैयारी करें 
-सबसे पहले ऑनलाइन कंपाउड इंटरेस्ट कैलकुलेटर से अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और शादी-विवाह की संभावित लागत का पता लगायें। आप पता कर सकते हैं कि कितने साल के बाद, पढ़ाई-लिखाई और शादी-विवाह की अनुमानित महंगाई दर के हिसाब से आपको कितने पैसों की जरूरत पड़ सकती है। इससे आपको उस समय की लागत का एक अनुमान मिल जाएगा। इसको आधार बनाकर आप हर महीने एसआईपी में थोड़ी-थोड़ी रकम डाल सकते हैं। इससे आप पर एक ही बार में जो बोझ आने की आशंका रहेगी, वो नहीं रहेगी। कहने का मतलब है कि आपके खर्च का बोझ कई महीनों में बंट जाएगा। तो, आपके लिए पैसे जुटाना आसान हो जाएगा। 

-किसी अच्छे फंड हाउस की  पिछले कुछ सालों से बेहतर प्रदर्शन करने वाली दो इक्विटी म्युचुअल फंड स्कीम चुनें 

-अपने परिवार के सदस्यों से पूछकर अनुमान लगाएं कि आपका बच्चा कितने साल बाद उच्चतर शिक्षा के योग्य हो पाएगा और कितने साल बाद उसकी शादी होगी

-आपने जो भी स्कीम चुना है, उससे संबंधित आवेदन फॉर्म ठीक से भर कर फंड हाउस में जमा कर दीजिए

-इसके बाद ECS Mandatory फॉर्म भी भर दीजिए, ताकि हर महीने की खास तारीख (जो आपको उपलब्ध कराना है) को आपने जो फंड स्कीम चुनें हैं, उसका ऑटोमैटिक ऑनलाइन भुगतान आपके बैंक  अकाउंट से हो जाए।    

-आपने जो फंड चुना है, उससे संबंधित एसआईपी Mandatory फॉर्म भी भरें। आपको बता दें कि फंड में एकमुश्त रकम जमा करने की भी सुविधा होती है। इसलिए आपको बताना होता है कि आप एसआईपी करना चाहते हैं या फिर एक बार में एकमुश्त रकम का निवेश करना चाहते हैं।

-ध्यान रहे अपने इस  निवेश को किसी भी हालत में मत निकालें। आप जिस वित्तीय लक्ष्य को पूरे करने के लिए निवेश कर रहे हैं, उसी काम के लिए पैसे निकालें। 

-आप अपने इस निवेश की लगातर समीक्षा कीजिए। इस दौरान देखिए कि आपका निवेश सही ट्रैक पर तो है। अगर कुछ पैसे कम पड़ने की आशंका दिख रही है तो आप एसआईपी अमाउंट बढ़ा सकते हैं। 

-हां, सबसे जरूरी बात, आप इस काम के लिए अपने फाइनेंशियल एडवाइजर या प्लानर की मदद लेना ना भूलें। 
-किसी चाइल्ड प्लान के नाम से मिल रहे प्रोडक्ट को लेकर भ्रम में ना रहे हैं। आप हमेशा अपने वित्तीय लक्ष्य को
ध्यान में रखकर ही प्लान बनाएं और पैसे लगाएं। अगर कोई चाइल्ड प्लान आपके फाइनेंशियल प्लान में हर तरह से फिट बैठ रहा हो, तभी उसमें निवेश के बारे में विचार कीजिए।  कई बार प्रोडक्ट बेचने के लिए और ग्राहक को भ्रम में डालने के लिए नामकरण चाइल्ड प्लान के नाम से करते हैं।   

डिस्क्लेमर: Mutual Fund Investments are subject to market risks, read all scheme related documents carefully.

> म्युचुअल फंड से जुड़ी और जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएं............
((म्युचुअल फंड की महफिल: भाग-3: म्युचुअल फंड में निवेश के फायदे
((म्युचुअल फंड में पैसे लगाइए, टैक्स बचाइए; जानें क्यों और कैसे होगा फायदा 
((म्युचुअल फंड में पैसे लगाइए, टैक्स बचाइए; जानें क्यों और कैसे होगा फायदा 
((म्युचुअल फंड के जरिए फाइनेंशियल प्लानिंग पूरी करें
((म्युचुअल फंड: क्यों है निवेश का सबसे बेहतर जरिया: भाग-1
((म्युचुअल फंड: क्यों है निवेश का सबसे बेहतर जरिया: भाग-2
(म्युचुअल फंड के जरिए महिलाओं को कैसे मिलेगी आर्थिक आजादी? 
((रिटायरमेंट फंड बनाएं, म्युचुअल फंड की मदद से  
(एफएमपी (फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान्स) क्या है
((म्युचुअल फंड कंपनियों की सूची
((टीचर हैं तो क्या हुआ, फाइनेंशियल प्लानिंग करना तो, बनता है बॉस
((डॉक्टर कैसे ठीक रखें फाइनेंशियल सेहत 
((शादी की खुशी में फाइनेंशियल प्लानिंग करना कहीं भूल तो नहीं गए
((म्युचुअल फंड के जरिए महिलाओं को कैसे मिलेगी आर्थिक आजादी? 
((रिटायरमेंट फंड बनाएं, म्युचुअल फंड की मदद से  
((चाइल्ड के लिए अभी से करें प्लान, तभी बनी रहेगी उसकी मुस्कान
((बच्चों से है प्यार, तो उनके लिए रखें फाइनेंशियल प्लान तैयार
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Rajanish Kant सोमवार, 28 नवंबर 2016