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पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के ग्राहक अपना एटीएम कार्ड तुरंत बदल लें, वरना 31 जुलाई के बाद हो जाएगा बेकार
अगर आप पंजाब नेशनल बैंक (PNB) का डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो हो सकता है कि 31 जुलाई के बाद आपका ये कार्ड बेकार हो जाए। दरअसल, बैंक ने मौजूदा Maestro debit card को इससे ज्यादा सुरक्षित ईवीएम चिप आधारित कार्ड से बदलने का फैसला किया है। बैंक ने पुराने एटीएम कार्ड के बदलने की आखिरी तारीख 31 जुलाई रखी है। नए एटीएम कार्ड के लिए बैंक फिलहाल कोई शुल्क नहीं ले रहा है। फिलहाल बैंक का 5.65 करोड़ एटीएम कार्ड इस्तेमाल हो रहा है। बैंक ने इसके बारे में अपने ग्राहकों को जानकारी दे दी है। बैंक ने कहा है कि करीब एक लाख Maestro debit card होल्डर्स को एसएमएस के जरिये इसकी सूचना दे दी गई है।
बैंक का यह कदम आरबीआई की 2015 की उस दिशा-निर्देश के अनुरूप है जिसमें बैंकों से ज्यादा सुरक्षित ईवीएम चिप आधारित कार्ड जारी करने को कहा गया था। आरबीआई ने सारे पुराने एटीएम कार्ड को 31 दिसंबर 2018 तक नए एटीएम कार्ड में बदलने की समयसीमा तय की है, पुराने कार्ड की वैलिडिटी चाहे कुछ भी हो। आपको बता दें कि 31 जनवरी, 2016 के बाद से बैंकों को ईवीएम चिप आधारित एटीएम कार्ड ही जारी करने का निर्देश दिया गया है।
डेबिट कार्ड लेनदेन पर RBI ने कुछ सुझाव मांगे हैं, 28 फरवरी तक सुझाव भेजें

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भारतीय रिजर्व बैंक ने डेबिट कार्ड लेनदेनों के लिए मर्चेंट डिस्काउंट दर (एमडीआर) को युक्तिसंगत बनाए जाने के मसौदा परिपत्र पर राय मांगी है
भारतीय रिजर्व बैंक ने आज डेबिट कार्ड लेनदेनों के लिए मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) के युक्तिसंगत पर मसौदा परिपत्र को सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिए अपनी वेबसाइट पर रखा है। टिप्पणी/सुझाव/प्रतिक्रिया, यदि कोई हो, को मुख्य महाप्रबंधक, भुगतान और निपटान प्रणाली विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय भवन, 14 वीं मंजिल, शहीद भगत सिंह रोड, मुंबई- 400 001, को डाक द्वारा या ईमेल द्वारा 28 फरवरी 2017 को या उससे पहले भेजा जा सकता है।
हाल के घटनाक्रम ने छोटे व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में भी इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन सहित कार्ड से भुगतान को बढ़ावा दिया है। इसे ध्यान में रखते हुए, कार्ड से भुगतान स्वीकार करने के लिए व्यापारियों के एक व्यापक क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए, डेबिट कार्ड से लेनदेन के लिए एमडीआर संरचना को युक्तिसंगत बनाने के लिए हितधारकों के साथ विचार-विमर्श किया गया। यह मसौदा परिपत्र इन चर्चाओं की परिणति है और लेन-देन के मूल्य के आधार पर वर्तमान स्लैब-दर एमडीआर से व्यापारी कारोबार आधारित एमडीआर संरचना में बदलाव चाहता है, जिसके लिए व्यापारियों को उपयुक्त रूप में वर्गीकृत किया गया है। आगे, आस्ति सरल कार्ड स्वीकृति बुनियादी सुविधाओं जैसे क्यूआर कोड, सरकारी लेनदेन लिए विशेष व्यापारी श्रेणी और गैर विवेकाधीन खर्च में शामिल अन्य लेनदेन के लिए एक भिन्न एमडीआर संरचना को भी प्रस्तावित किया गया है। प्रत्येक श्रेणी के लिए दर्शाए गए नियामक कैप्स से नीचे एमडीआर निर्धारित करने के लिए बैंक स्वतंत्र हैं।
पृष्ठभूमि
मार्च 2016 में, रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर एक संकल्पना पत्र प्रकाशित किया गया था जिसमें एमडीआर संरचना को युक्तिसंगत बनाने के लिए विभिन्न विकल्पों के साथ देश में कार्ड स्वीकृति के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की रणनीति बताई गई थी। आगे, 16 दिसंबर 2016 को, डेबिट कार्ड लेनदेन पर एमडीआर से संबंधित विशेष उपाय 01 जनवरी 2017 से 31 मार्च 2017 से तीन महीने की अवधि के लिए शुरू किए गए, जिसमें यह संकेत दिया गया था कि हितधारकों के साथ परामर्श के बाद इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन पर प्रभारों के ढांचे की समीक्षा की जाएगी, क्योंकि यह कार्ड कारोबार का अधिग्रहण करने में लगी लागत का आकलन करते समय एक दीर्घावधि एमडीआर संरचना को तैयार करने के लिए आवश्यक है।
पहले, जून 2012 में, यथामूल्य आधार पर डेबिट कार्ड लेनदेन के लिए एमडीआर के स्थान पर एक नियामक कैप को डाल दिया गया था।
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