एफ़एसडीसी उप-समिति की 32वीं बैठक
वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी-एससी) की उप-समिति की बैठक भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई में आयोजित की गई। श्री संजय मल्होत्रा, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैठक की अध्यक्षता की।
उप-समिति ने प्रमुख वैश्विक और घरेलू समष्टि-आर्थिक एवं वित्तीय क्षेत्र की गतिविधियों और वित्तीय स्थिरता पर प्रभाव डालने वाले विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। उप-समिति ने केवाईसी प्रक्रियाओं के सरलीकरण और वित्तीय समावेशन के लिए विशेष अभियानों सहित विभिन्न अंतर-विनियामकीय मामलों में प्रगति की समीक्षा की। इसने राष्ट्रीय वित्तीय समावेशन कार्यनीति (एनएसएफआई) 2025-30 पर भी विचार-विमर्श किया। उप-समिति ने राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में राज्य-स्तरीय समन्वय समितियों (एसएलसीसी) के कामकाज और विभिन्न तकनीकी समूहों की गतिविधियों की भी समीक्षा की।
एफएसडीसी-एससी ने अंतर-विनियामकीय समन्वय के माध्यम से वित्तीय क्षेत्र के आघात-सहनीयता में सुधार लाने पर अपना ध्यान केंद्रित करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की; तथा बढ़ती व्यापार अनिश्चितता और निरंतर भू-राजनीतिक संघर्ष सहित उभरती चुनौतियों पर कड़ी नजर रखने की बात कही।
बैठक में उप-समिति के सदस्य, श्री तुहिन कांत पाण्डे, अध्यक्ष, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी); श्री अजय सेठ, अध्यक्ष, भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई), श्री एस रमन, अध्यक्ष, पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए), श्री रवि मित्तल, अध्यक्ष, भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई), श्री नागराजू मद्दिराला, सचिव, वित्तीय सेवाएं विभाग; डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन, मुख्य आर्थिक सलाहकार; श्री चंचल सरकार, सचिव, वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद; रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर - श्री एम. राजेश्वर राव, श्री टी. रबी शंकर, श्री स्वामीनाथन जे., डॉ. पूनम गुप्ता; और डॉ. ए. आर. जोशी, रिज़र्व बैंक के कार्यपालक निदेशक उपस्थित थे।
(साभार- www.rbi.org.in)
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