आरबीआई ने दिशानिर्देशों के माध्यम से ग्राहकों से बहुभाषी संचार और बैंकों की ओर से शिकायत का तुरंत निवारण सुनिश्चित किया
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने समय-समय पर इस बात पर जोर दिया है कि बैंकों को स्पष्टता और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए ग्राहकों से उनकी पसंदीदा भाषा में ही संवाद करना चाहिए। बैंकों में ग्राहक सेवा पर आरबीआई के मास्टर सर्कुलर में, अन्य दूसरी बातों के साथ-साथ, यह भी कहा गया है कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की शाखाओं में ग्राहकों से संबंधित सभी जानकारी हिंदी, अंग्रेजी और इससे जुड़ी क्षेत्रीय भाषा में उपलब्ध कराई जानी चाहिए। इसके अतिरिक्त, आरबीआई ने 30 सितंबर, 2024 के अपने पत्र में दोहराया कि ग्राहकों के साथ सभी संवाद अनिवार्य रूप से त्रिभाषी प्रारूप - हिंदी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषा - में जारी किए जाने चाहिए।
सभी बैंकों के पास शिकायतों के समाधान के लिए एक मजबूत बोर्ड-अनुमोदित शिकायत निवारण तंत्र उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त, रिजर्व बैंक - एकीकृत लोकपाल योजना (आरबी-आईओएस), 2021, सेवा में कमी से संबंधित मामलों में आरबीआई-विनियमित संस्थाओं (आरई) के खिलाफ शिकायतों के निवारण हेतु एक निःशुल्क मंच प्रदान करती है, यदि शिकायत का निवारण नहीं किया जाता है या आरई की ओर से निर्धारित समय-सीमा के भीतर जवाब नहीं दिया जाता है।
सरकार ने केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) पोर्टल के जरिए जून 2022 से एक फीडबैक कॉल सेंटर शुरू किया है, ताकि शिकायतों के निपटान के बाद नागरिकों की संतुष्टि का आकलन किया जा सके। फीडबैक डेटा आखिरकार उचित कार्रवाई के लिए संबंधित बैंकों को भेज दिया जाता है। इसके अतिरिक्त, आरबीआई का टोल-फ्री संपर्क केंद्र (14448), जो नवंबर 2021 से चालू है, शिकायत निवारण सिस्टम, शिकायत दर्ज करने में सहायता और मौजूदा मामलों पर अपडेट प्रदान करता है। संपर्क केंद्र (सीसी) इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम (आईवीआरएस) के माध्यम से 24*7 उपलब्ध है, वहीं सीसी कर्मचारियों से जुड़ने की सुविधा सोमवार से शनिवार (राष्ट्रीय अवकाशों को छोड़कर) सुबह 8:00 बजे से रात 10:00 बजे तक हिंदी, अंग्रेजी और दस क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है।
यह जानकारी वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
(साभार- PIB)
('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें