विनियामक सैंडबॉक्स - विषय तटस्थ ‘ऑन-टैप’ आवेदन सुविधा

 विनियामक सैंडबॉक्स - विषय तटस्थ ‘ऑन-टैप’ आवेदन सुविधा

भारतीय रिज़र्व बैंक 2019 से विनियामक सैंडबॉक्स (आरएस) ढांचे का संचालन कर रहा है, जिसके अंतर्गत अब तक चार विषयगत कोहोर्ट की घोषणा की गई है और उन्हें आज की तिथि तक पूरा किया गया है। प्राप्त अनुभव और हितधारकों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर, बंद कोहोर्ट के विषयों के लिए ‘ऑन टैप’ आवेदन सुविधा की घोषणा अक्तूबर 2021 में की गई थी।

2. आवेदन प्राप्त करने के लिए एक निर्दिष्ट समय-सीमा के साथ पांचवें ‘विषय तटस्थ’ कोहोर्ट की भी अक्तूबर 2023 में घोषणा की गई थी, जिसके मई 2025 में बंद होने की आशा है। इस कोहोर्ट के अंतर्गत, चयनित संस्थाएं रिज़र्व बैंक के विनियामक दायरे में किसी भी नवोन्मेषी उत्पाद या समाधान का परीक्षण करने के लिए पात्र थीं।

3. अब तक के आरएस अनुभव का सार नीचे दिया गया है:

कोहोर्टविषयप्राप्त आवेदनपरीक्षण के लिए चयनितसफलतापूर्वक निकास
1.खुदरा भुगतान3266
2.सीमापारीय भुगतान2784
3.एमएसएमई ऋण2285
4.वित्तीय धोखाधड़ी की रोकथाम और शमन963
5.विषय तटस्थ225परीक्षण जारी है
ऑन टैपबंद कोहोर्ट विषय1132

4. जैसा कि 9 अप्रैल 2025 को विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में घोषित किया गया है, आरएस के अंतर्गत ‘ऑन टैप’ सुविधा के भाग के रूप में ‘विषय तटस्थ’ आवेदनों को अनुमति देने का निर्णय लिया गया है। यद्यपि इसके अंतर्गत किसी भी प्रौद्योगिकी/ विषय से संबंधित आवेदन किया जा सकता है, मार्गदर्शन के लिए निम्नलिखित विषयों की एक उदाहरण स्वरूप सूची दी गई है:

  • डिजिटल वित्तीय साक्षरता

  • डिजिटल उधार और वैकल्पिक साख अंकन

  • ई-केवाईसी और पहचान सत्यापन

  • वित्तीय सेवाओं में उभरती हुई प्रौद्योगिकियाँ जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), ब्लॉकचेन, मशीन लर्निंग (एमएल), स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स, टोकनाइजेशन आदि

  • वित्तीय समावेशन

  • म्यूल खाते की पहचान और ट्रैकिंग

  • निर्बंध वित्त

  • रेगटेक

  • सुपटेक

  • (ए) दिव्यांगों के लिए समाधान जिसमें आवाज/ भाषा आधारित वित्तीय सेवाएं शामिल हैं, (बी) शिकायत निवारण आदि।

  • धारणीय वित्त और जलवायु जोखिम शमन

5. इच्छुक संस्थाएँ अपना आवेदन सहायक दस्तावेजों (कुल आकार 10 एमबी से अधिक नहीं) के साथ ईमेल के माध्यम से प्रस्तुत कर सकती हैं। आवेदनों का मूल्यांकन विनियामक सैंडबॉक्स के लिए सक्षम ढाँचे के प्रावधानों (28 फरवरी 2024 को यथा अद्यतित) के अनुसार किया जाएगा।

6. इस सुविधा का उद्देश्य प्रवर्तकों के साथ निरंतर नवाचार और रचनात्मक जुड़ाव में मदद करना तथा उभरते फिनटेक परिदृश्य पर सक्रिय प्रतिक्रिया देना है।

(साभार: www.rbi.org.in)


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