भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्राधिकृत व्यापारी बैंक - सिटीबैंक एन.ए. पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने उदारीकृत विप्रेषण योजना के अंतर्गत किए गए लेनदेन की रिपोर्टिंग से संबंधित भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के उल्लंघन के लिए फेमा, 1999 की धारा 11(3) के प्रावधानों के अंतर्गत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सिटी बैंक एन.ए. पर ₹36,28,000/- (छत्तीस लाख अट्ठाईस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसके प्रतिउत्तर में बैंक ने लिखित जवाब प्रस्तुत किया और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान मौखिक प्रस्तुतियाँ भी की। मामले से संबंधित तथ्यों और इस संबंध में बैंक के जवाब पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि उक्त उल्लंघन सिद्ध हुआ है और फेमा, 1999 के अंतर्गत दंड लगाया जाना आवश्यक है।
यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
(Source: www.rbi.org.in)
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