देश का CAD (चालू खाता घाटा - सीएडी) अक्टूबर तिमाही में 10.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 11.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर पहुंचा- RBI

2024-25 की तीसरी तिमाही (अक्तूबर - दिसंबर) के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की गतिविधियां

तीसरी तिमाही अर्थात् अक्तूबर - दिसंबर 2024-25 के लिए भारत के भुगतान संतुलन (बीओपी) से संबंधित प्रारंभिक आंकड़े, विवरण I और II में प्रस्‍तुत किए गए हैं।



2024-25 की तीसरी तिमाही के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की मुख्य बातें

  • भारत का चालू खाता घाटा (सीएडी) 2023-24 की तीसरी तिमाही के 10.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.1 प्रतिशत) से बढ़कर 2024-25 की तीसरी तिमाही में 11.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.1 प्रतिशत) हो गया, लेकिन 2024-25 की दूसरी तिमाही के 16.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.8 प्रतिशत)1 से कम हो गया।2

  • वाणिज्य वस्तु व्यापार घाटा 2023-24 की तीसरी तिमाही के 71.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2024-25 की तीसरी तिमाही में 79.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।

  • निवल सेवा प्राप्तियां एक वर्ष पहले के 45.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2024-25 की तीसरी तिमाही में 51.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गईं। व्यावसायिक सेवाओं, कंप्यूटर सेवाओं, परिवहन सेवाओं और यात्रा सेवाओं जैसी प्रमुख श्रेणियों में सेवा निर्यात में वर्ष-दर-वर्ष आधार पर वृद्धि हुई है।

  • प्राथमिक आय खाते पर निवल व्यय, जो मुख्य रूप से निवेश आय के भुगतान को दर्शाता है, 2023-24 की तीसरी तिमाही के 13.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2024-25 की तीसरी तिमाही में 16.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।

  • निजी अंतरण प्राप्तियां, जो मुख्य रूप से विदेशों में कार्यरत भारतीयों द्वारा विप्रेषण को दर्शाती हैं, 2023-24 की तीसरी तिमाही के 30.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2024-25 की तीसरी तिमाही में 35.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गईं।

  • वित्तीय खाते में, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 2024-25 की तीसरी तिमाही में 2.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल बहिर्वाह दर्ज किया गया, जबकि 2023-24 की इसी अवधि में 4.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अंतर्वाह हुआ था।

  • विदेशी पोर्टफोलियो निवेश में 2024-25 की तीसरी तिमाही में 11.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का शुद्ध निवल दर्ज किया गया, जबकि 2023-24 की तीसरी तिमाही में 12.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अंतर्वाह हुआ था।

  • भारत में बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) के अंतर्गत निवल अंतर्वाह 2024-25 की तीसरी तिमाही में 4.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जबकि एक वर्ष पहले इसी अवधि में 2.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का बहिर्वाह हुआ था।

  • अनिवासी जमाराशियों (एनआरआई जमाराशियां) में 3.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल अंतर्वाह दर्ज किया गया, जो एक वर्ष पहले के 3.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर से कम है।

  • 2024-25 की तीसरी तिमाही में विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों (बीओपी आधार पर) में 37.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी दर्ज की गई, जबकि 2023-24 की तीसरी तिमाही में 6.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई थी (तालिका 1)।

अप्रैल-दिसंबर 2024 के दौरान भुगतान संतुलन

  • भारत का चालू खाता घाटा अप्रैल-दिसंबर 2024 के दौरान बढ़कर 37.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.3 प्रतिशत) हो गया, जो अप्रैल-दिसंबर 2023 के दौरान 30.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.1 प्रतिशत) था इसका मुख्य कारण उच्च वाणिज्य वस्तु व्यापार घाटा है।

  • सेवाओं और अंतरण के कारण अप्रैल-दिसंबर 2024 के दौरान शुद्ध अदृश्य प्राप्तियां एक वर्ष पहले की तुलना में अधिक थीं।

  • अप्रैल-दिसंबर 2024 के दौरान निवल एफडीआई अंतर्वाह 1.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जो अप्रैल-दिसंबर 2023 के दौरान 7.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर से कम है।

  • अप्रैल-दिसंबर 2024 के दौरान, पोर्टफोलियो निवेश में 9.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल अंतर्वाह दर्ज किया गया, जो एक वर्ष पहले इसी अवधि के दौरान 32.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर से कम था।

  • अप्रैल-दिसंबर 2024 के दौरान विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों (बीओपी आधार पर) में 13.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी आई।

तालिका 1 : भारत के भुगतान संतुलन की प्रमुख मदें
(बिलियन अमेरिकी डॉलर)
 अक्तूबर - दिसंबर 2023 पीआरअक्तूबर - दिसंबर 2024 पीअप्रैल – दिसंबर 2023 पीआरअप्रैल – दिसंबर 2024 पी
 जमानामेनिवलजमानामेनिवलजमानामेनिवलजमानामेनिवल
क. चालू खाता236.0246.4-10.4261.6273.1-11.5689.3719.9-30.6753.2790.2-37.0
1. वस्तु106.6178.3-71.6109.8189.0-79.2319.8512.7-192.9325.5552.8-227.2
जिसमें से:            
पीओएल20.246.0-25.912.648.4-35.761.9130.0-68.149.3141.4-92.1
2. सेवाएं87.842.845.0103.552.351.2251.7131.6120.1285.5150.0135.5
3. प्राथमिक आय10.123.2-13.112.329.0-16.731.065.9-34.941.378.6-37.3
4. द्वितीयक आय31.52.229.336.12.933.286.89.777.1100.98.992.0
ख. पूंजी लेखा और वित्तीय लेखा216.3205.011.3320.0309.110.9603.9573.030.9898.7862.236.4
जिसमें से:            
1. प्रत्यक्ष निवेश18.914.94.020.823.6-2.854.746.97.866.264.61.6
2. पोर्टफोलियो निवेश125.5113.512.0171.4182.8-11.4327.2294.532.7513.4503.99.4
3. अन्य निवेश65.962.43.583.490.4-7.0205.2176.928.2261.9235.526.4
जिसमें से:            
एनआरआई जमाराशियाँ22.418.53.925.922.83.162.553.29.378.364.913.3
भारत को ईसीबी3.96.6-2.711.26.94.321.720.71.032.121.111.0
4. आरक्षित आस्तियाँ [वृद्धि (-)/कमी (+)]0.06.0-6.037.70.037.70.032.9-32.937.723.813.8
ग. भूल-चूक (-) (क+ख)0.00.9-0.90.60.00.60.00.3-0.30.60.00.6
पीआर: आंशिक रूप से संशोधित; और पी: प्रारंभिक।
नोट: पूर्णांकन के कारण उप घटकों का योग कुल योग से भिन्न हो सकता है।

1 2024-25 की दूसरी तिमाही के लिए सीएडी को 11.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 16.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर कर दिया गया था, जो मुख्य रूप से वाणिज्य वस्तु आयात पर सीमा शुल्क डेटा के ऊर्ध्वगामी समायोजन के कारण हुआ। 2024-25 की पहली तिमाही के लिए, सीएडी को 10.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर से घटाकर 8.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर कर दिया गया, जो मुख्य रूप से वाणिज्य वस्तु आयात पर सीमा शुल्क डेटा के अधोगामी समायोजन के कारण था।

2 https://www.rbi.org.in/Scripts/BS_PressReleaseDisplay.aspx?prid=59395. दीर्घावधि शृंखला के आंकड़ों के लिए कृपया देखें: CIMS DBIE (rbi.org.in) › Statistics › External Sector › International Trade › Quarterly/Yearly.

 


(Source: www.rbi.org.in)

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