शैक्षणिक संस्थानों के संकाय सदस्यों के लिए छात्रवृत्ति योजना: वर्ष 2024
मौद्रिक और वित्तीय अर्थशास्त्र, बैंकिंग, वास्तविक क्षेत्र के मुद्दों और रिज़र्व बैंक की रुचि के अन्य क्षेत्रों में अल्पावधि अनुसंधान के उद्देश्य से भारतीय रिज़र्व बैंक भारत में किसी भी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) या अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों/ कॉलेजों में अर्थशास्त्र या वित्त का शिक्षण प्रदान कर रहे पूर्णकालिक संकाय सदस्यों से निर्धारित प्रारूप में आवेदन आमंत्रित करता है।
उद्देश्य:
संकाय सदस्यों और छात्र-समुदाय के बीच रिज़र्व बैंक की गतिविधियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना; तथा
अर्थशास्त्र और/या वित्त पढ़ाने वाले संकाय सदस्यों को रिज़र्व बैंक के विभिन्न क्षेत्रों/ गतिविधियों से परिचित कराना।
छात्रवृत्ति की संख्या: अधिकतम पाँच।
चयन प्रक्रिया: उम्मीदवारों को (ए) अधिकतम 1000 शब्दों के अनुसंधान प्रस्ताव (बी) जीवन वृत्त (सीवी) और (सी) एक चयन पैनल द्वारा साक्षात्कार के आधार पर चयन-सूची में रखा जाएगा।
परियोजना की अवधि: तीन महीने, 09 दिसंबर 2024 से प्रारंभ।
आवेदन की अंतिम तिथि: 05 नवंबर 2024
शैक्षणिक संस्थानों के संकाय सदस्यों के लिए छात्रवृत्ति योजना: वर्ष 2024
शैक्षणिक संस्थानों के संकाय सदस्यों के लिए छात्रवृत्ति योजना के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा आवेदन आमंत्रित हैं। संकाय सदस्यों के लिए छात्रवृत्ति योजना का उद्देश्य उन विद्वानों को शामिल करना है, जो महत्वपूर्ण परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा करने और आगे बढ़ाने में सक्षम होंगे और इस प्रकार रिज़र्व बैंक के अनुसंधान के क्षेत्र में योगदान देंगे। भारतीय रिज़र्व बैंक भारत में किसी भी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) या अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों/ कॉलेजों में अर्थशास्त्र या वित्त का शिक्षण प्रदान कर रहे पूर्णकालिक संकाय सदस्यों को मौद्रिक और वित्तीय अर्थशास्त्र, बैंकिंग, वास्तविक क्षेत्र के मुद्दों और रिज़र्व बैंक की रुचि के अन्य क्षेत्रों में अल्पावधि अनुसंधान के लिए आमंत्रित करता है।
1. उद्देश्य
योजना के व्यापक उद्देश्य इस प्रकार हैं:
संकाय सदस्यों और छात्र-समुदाय के बीच बैंक की गतिविधियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना; तथा
अर्थशास्त्र और/या वित्त पढ़ाने वाले संकाय सदस्यों को रिज़र्व बैंक के विभिन्न क्षेत्रों/ गतिविधियों से परिचित कराना।
2. पात्रता
योजना के लिए पात्रता मानदंड इस प्रकार हैं:
भारत में किसी भी यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों/ कॉलेजों में अर्थशास्त्र और/या वित्त पढ़ाने वाले पूर्णकालिक संकाय सदस्य।
भारतीय नागरिक।
आयु 55 वर्ष से कम।
उन उम्मीदवारों को वरीयता दी जाएगी जिन्हें पहले छात्रवृत्ति प्रदान नहीं की गई है।
3. योजना की समय-सारणी
सभी प्रकार से पूर्ण आवेदन 05 नवंबर 2024 तक बैंक को प्राप्त होने चाहिए।
छात्रवृत्ति योजना की शुरुआत 09 दिसंबर 2024 से होगी।
4. चयन प्रक्रिया
आवेदकों को विधिवत भरे हुए आवेदन पत्र के साथ अधिकतम 1000 शब्दों का एक अनुसंधान प्रस्ताव और विस्तृत जीवन वृत्त (सीवी) प्रेषित करना होगा। अनुसंधान प्रस्ताव और जीवन वृत्त (सीवी) के आधार पर उम्मीदवारों की एक सूची बनाई जाएगी। तत्पश्चात, इस चयनित सूची में से उम्मीदवारों का चयन पैनल द्वारा इंटरव्यू लिया जाएगा। उपयुक्त पाए जाने वाले उम्मीदवारों को रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित विषय पर अनुसंधान करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
पश्चलेख: अपूर्ण आवेदन/ नियत तारीख के बाद प्राप्त आवेदन को चयन सूची में सम्मिलित करने पर विचार नहीं किया जाएगा।
5. विषय (थीम)
संबंधित उम्मीदवारों द्वारा प्रस्तुत अनुसंधान प्रस्तावों के आधार पर विद्वानों के लिए अनुसंधान के सटीक विषय का निर्णय आरबीआई द्वारा किया जाएगा।
6. आवेदन प्रस्तुत करना
आवेदन हार्ड कॉपी में ‘निदेशक, विकास अनुसंधान समूह, आर्थिक और नीति अनुसंधान विभाग, 7वीं मंजिल, केंद्रीय कार्यालय भवन, भारतीय रिज़र्व बैंक, फोर्ट, मुंबई – 400001’ को अग्रेषित किया जाए। आवेदन विस्तृत जीवन-वृत्त (सीवी), अनुसंधान प्रस्ताव और अपने विश्वविद्यालय/ महाविद्यालय से एक आधिकारिक पत्र के साथ भेजें जिस पर आवेदन के समय आपकी स्थिति की पुष्टि के रूप में विश्वविद्यालय/ महाविद्यालय की आधिकारिक मुहर लगी हो।
आवेदन का सॉफ्ट वर्शन (हार्ड कॉपी के अलावा) और/ या योजना से संबंधित कोई भी प्रश्न ई-मेल पर भेजे जा सकते हैं।
7. छात्रवृत्ति की संख्या
वर्ष 2024 के लिए अधिकतम पाँच छात्रवृत्तियां प्रदान करने पर विचार किया जाएगा। रिज़र्व बैंक, अपने निर्णय से, किसी भी वर्ष के लिए छात्रवृत्ति की संख्या में परिवर्तन कर सकता है।
8. परियोजना की अवधि
परियोजना की अवधि अधिकतम तीन माह है।
9. योजना का स्थान
यह योजना आर्थिक और नीति अनुसंधान विभाग, केंद्रीय कार्यालय, आरबीआई, मुंबई द्वारा लागू की जाएगी। चयनित उम्मीदवारों को अपने कार्यस्थल से अध्ययन पूरा करना होगा। हालांकि, कुछ मामलों में, रिज़र्व बैंक अध्ययन अवधि के दौरान एक निर्दिष्ट अवधि के लिए विद्वान को आरबीआई केंद्रीय कार्यालय या अपने क्षेत्रीय कार्यालयों में आने (विज़िट करने) के लिए कह सकता है।
10. सुविधाएं
चयनित विद्वान को उपलब्ध कराई जाने वाली प्रमुख सुविधाएं इस प्रकार होंगी:
जब भारतीय रिज़र्व बैंक विद्वान को भारतीय रिज़र्व बैंक में आने के लिए कहता है, ऐसे मामलों में, भारत में निवास स्थान/ कार्यस्थल से भारतीय रिज़र्व बैंक के कार्यालय तक एक विज़िट के लिए इकोनॉमी श्रेणी घरेलू विमान किराया टिकट।
भारतीय रिज़र्व बैंक के दौरे (विज़िट) के दौरान, यदि आवश्यक हो, तो चयनित विद्वानों के लिए बैंक के किसी आवासीय कॉलनी में उपलब्धता के अनुसार, समुचित आवासीय व्यवस्था की जा सकती है।
परियोजना की अवधि के लिए मासिक भत्ता ₹50,000/- (रुपये पचास हजार मात्र) का भुगतान किया जाना है (तीन महीने से अधिक नहीं)।
मासिक पारिश्रमिक के अतिरिक्त, परियोजना/ अनुसंधान पत्र के पूरा होने पर और आरबीआई द्वारा उसकी स्वीकृति पर, मानदेय के रूप में ₹2 लाख (रुपये दो लाख मात्र) का भुगतान किया जाएगा।
नोट: छात्रवृत्ति अवधि के दौरान कोई आवास या आवास के लिए भत्ता प्रदान नहीं किया जाएगा।
11. उत्तरदायित्व
चयनित विद्वान के निम्नलिखित उत्तरदायित्व होंगे:
विद्वान (स्कॉलर) को आरबीआई की अनुसंधान गतिविधियों में योगदान देने वाला एक अनुसंधान पत्र / परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
विद्वान (स्कॉलर) को रिज़र्व बैंक, मुंबई में एक संगोष्ठी (सेमिनार) में अपने कार्य की प्रस्तुति देनी होगी।
विद्वान, यदि वह अपने अनुसंधान कार्य को कहीं और प्रकाशित करना चाहे, तो रिजर्व बैंक की पूर्व अनुमति से ऐसा कर सकता/ती है।
12. भारतीय रिजर्व बैंक के बाहर अनुसंधान पत्र प्रकाशित/प्रस्तुत करने के लिए दिशानिर्देश
परियोजना के सफल समापन के बाद, यदि विद्वान आरबीआई के बाहर अध्ययन प्रकाशित/ प्रस्तुत करना चाहता है, तो विद्वान को निम्नलिखित दिशानिर्देशों का पालन करना होगा -
विद्वान अपने द्वारा किए गए अध्ययन को आंशिक या पूर्ण रूप से प्रस्तुत करने या प्रकाशित करने से पहले भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित स्वीकृति ले।
विद्वान यह उल्लेख करे कि यह परियोजना (प्रोजेक्ट) ‘शैक्षणिक संस्थानों के संकाय सदस्यों के लिए आरबीआई छात्रवृत्ति योजना: 2024’ के तहत है।
पत्र को इस अस्वीकरण के साथ प्रकाशित किया जाए कि “अध्ययन/ पत्र में व्यक्त विचार पूरी तरह से लेखक के हैं, न कि भारतीय रिज़र्व बैंक के”।
यदि विद्वान भारतीय रिज़र्व बैंक से किसी नाम का उल्लेख करना चाहता है, तो पूर्वानुमति लेने के बाद ही ऐसा किया जा सकता है।
उक्त अध्ययन को 'आरबीआई द्वारा वित्तपोषित परियोजना' (आरबीआई फ़ंडेड प्रोजेक्ट)' नहीं माना जाए।
(साभार-www.rbi.org.in)
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