भारतीय रिज़र्व बैंक ने अनियमित उधार पद्धतियों के कारण मेसर्स एसमनी (इंडिया) लिमिटेड का पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त किया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, निम्नलिखित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) को जारी पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) निरस्त किया:
क्र. सं. | एनबीएफसी का नाम | पंजीकृत कार्यालयीन पता | सीओआर सं. | सीओआर जारी करने की तारीख | सेवा प्रदाता/ मोबाइल ऐप का नाम |
1 | एसमनी (इंडिया) लिमिटेड | डब्ल्यूपी-501डी, दूसरी मंजिल, यूनिट नंबर 203ए, शिव मार्केट, अशोक विहार, उत्तर पश्चिम दिल्ली, दिल्ली-110052 | एन-14.03358 | 21 फरवरी 2017 | एक्टलोन, एग्मनी, नाइसकैश, कैशलेंडर, क्विकरुपी, लीडिंग कैश, टॉपकैश, क्रेडिटईजी, इनहैनकैश, कीबॉरो, रशलोन, केमैनकैश, लोन यूनियन, इंस्टेंट लोन, यूरुपी, कैशयस, रुपीअप, रुपीयस, कैशफुल, ड्रीमलोन, ग्रैंडलोन, होपलोन, क्रेडिटलोन, लेलोलोन, लेंडनाउ, पंचमनी, रोकलोन, रुपीगो, हैवकैश, क्विककैश, कैशियर, कैश डिलीवरी, बिजीएंट, कैश डव |
अतः उक्त कंपनी भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आई के खंड (ए) में यथापरिभाषित गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्था (एनबीएफ़आई) का कारोबार नहीं करेगी।
अन्य पक्षकार ऐप्स के माध्यम से किए जाने वाले डिजिटल ऋण परिचालन में वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग में जोखिम प्रबंधन और आचार संहिता संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देशों के उल्लंघन के कारण उपरोक्त कंपनी का सीओआर निरस्त किया गया है। कंपनी अत्यधिक ब्याज वसूलने और ग्राहक जानकारी की गोपनीयता सुनिश्चित करने से संबंधित मौजूदा विनियमों का भी अनुपालन नहीं कर रही थी।
(साभार: www.rbi.org.in)
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