RBI ने ओडिशा के दि बरहामपुर को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक पर जुर्माना लगाया, जानें क्यों और कितना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 10 नवंबर 2022 के आदेश द्वारा दि बरहामपुर को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, ओडिशा (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी (i) एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध-यूसीबी (ii) भारतीय रिज़र्व बैंक (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016 के कतिपय प्रावधानों, और (iii) जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता निधि संबंधी निदेशों के उल्लंघन/ अननुपालन के लिए 3.10 लाख (तीन लाख दस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों के अनुपालन में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2020 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर बैंक की निरीक्षण रिपोर्ट और बैंक के दस्तावेजों की जांच से पता चला कि बैंक (i) विवेकपूर्ण अंतर-बैंक (सकल) एक्सपोजर मानदंड और विवेकपूर्ण अंतर-बैंक काउंटर-पार्टी सीमा संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों का अनुपालन करने (ii) अपने वैयक्तिक ग्राहकों को विशिष्ट ग्राहक पहचान कोड (यूसीआईसी) आवंटित करने और (iii) जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता निधि में अंतरण के संबंध में सही प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने में विफल रहा। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि निदेशों का अननुपालन करने के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

बैंक के उत्तर और इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

 

(साभार- www.rbi.org.in)

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