CBDC रिटेल डिजिटल रुपया (ई₹-आर) का पहला प्रायोगिक परिचालन 1 दिसंबर को शुरू होगा- RBI

केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा – रिटेल (ई-आर) का प्रायोगिक परिचालन

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 1 दिसंबर 2022 को रिटेल डिजिटल रुपया (ई-आर) का पहला प्रायोगिक परिचालन शुरू करने की घोषणा की है। ध्यातव्य है कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 31 अक्तूबर 2022 की प्रेस प्रकाशनी के माध्यम से सूचित किया था कि ई-आर के प्रायोगिक परिचालन की शुरुआत एक महीने के भीतर की जाएगी।

2. इस प्रायोगिक परिचालन में चुनिंदा स्थानों के सीमित उपयोगकर्ता समूह को सम्मिलित किया जाएगा, जिसमें उक्त परिचालन में भाग लेने वाले ग्राहक और व्यापारी शामिल होंगे। ई-आर एक डिजिटल टोकन के रूप में होगा, जिसे वैध मुद्रा की मान्यता प्राप्त होगी। इसे, उसी मूल्यवर्ग में जारी किया जाएगा, जिसमें वर्तमान में कागजी मुद्रा और सिक्के जारी किए जाते हैं। यह मध्यवर्ती संस्थाओं, अर्थात्, बैंकों के माध्यम से वितरित किया जाएगा। उपयोगकर्ता, भाग लेने वाले बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली तथा मोबाइल फोन/ उपकरणों पर संग्रहीत डिजिटल वॉलेट के माध्यम से ई-आर द्वारा लेनदेन करने में सक्षम होंगे। यह लेनदेन पर्सन टू पर्सन (पी2पी) और पर्सन टू मर्चेंट (पी2एम) दोनों तरह से किए जा सकते हैं। व्यापारी के स्थानों पर प्रदर्शित क्यूआर कोड का उपयोग करके व्यापारियों को भुगतान किया जा सकता है। यह ई-आर, भौतिक नकदी की तरह ही विश्वास, सुरक्षा और अंतिम निपटान जैसी सुविधाएं प्रदान करेगा। नकदी की तरह ही, इस पर कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा और इसे बैंकों में जमाराशि जैसे अन्य प्रकार के धन में परिवर्तित किया जा सकता है।

3. यह प्रायोगिक परिचालन वास्तविक समय में डिजिटल रुपये के निर्माण, वितरण और खुदरा उपयोग की पूरी प्रक्रिया की सुदृढ़ता का परीक्षण करेगा। इस प्रायोगिक परिचालन से प्राप्त अनुभवों के आधार पर भावी प्रायोगिक परिचालन में ई-आर टोकन और संरचना की विभिन्न विशेषताओं और अनुप्रयोगों का परीक्षण किया जाएगा।

4. इस प्रायोगिक परिचालन में चरणबद्ध भागीदारी के लिए आठ बैंकों की पहचान की गई है। पहला चरण देश भर के चार शहरों में चार बैंकों, अर्थात्, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के साथ शुरू होगा। चार अन्य बैंक, अर्थात्, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक बाद में इस प्रायोगिक परिचालन में शामिल होंगे। इस प्रायोगिक परिचालन के शुरुआत में चार शहरों, अर्थात्, मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर को शामिल किया जाएगा और बाद में इसे अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला तक बढ़ाया जाएगा। आवश्यकतानुसार अधिक से अधिक बैंकों, उपयोगकर्ताओं और स्थानों को शामिल करने के लिए प्रायोगिक परिचालन का दायरा धीरे-धीरे बढ़ाया जा सकता है।

(साभार- www.rbi.org.in)

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