इक्विटी मार्केट से मिल रहे शानदार रिटर्न निवेशकों को खूब भा रहा है। यही वजह है कि देश में शेयर बाजार के लिए जरूरी डीमैट खाते की संख्या में इस साल अक्टूबर में पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 41% का इजाफा देखा गया है।
शेयर ब्रोकर मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेस ने कहा है कि इस साल अक्टूबर में डीमैट खाते की संख्या बढ़कर 10 करोड़ 40 लाख पर पहुंच गई, जो कि पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 41% ज्यादा है। शेयर ब्रोकर ने हालांकि डीमैट खाते में बढ़ोतरी की रफ्तार में इस साल अगस्त से कमी आने की बात कही है। इस साल अगस्त में 26 लाख नए डीमैट खाते जुड़े, सितंबर में 20 लाख और अक्टूबर में मात्र 18 लाख ही नए डीमैट खाते जुड़ सके। वहीं पिछले साल अक्टूबर 36 लाख नए डीमैट खाते जुड़े थे।
इस साल अक्टूबर तक डीमैट खाते की संख्या बढ़कर 10 करोड़ 40 लाख पर पहुंच गई, जो कि पिछले साल की इसी अवधि तक 7 करोड़ 40 लाख थी, यानी करीब डीमैट खाते की संख्या में करीब 41% इजाफा देखा गया।
डीमैट खाते में बढ़ोतरी की रफ्तार में कमी का कारण इस कैलेंडर साल में शेयर मार्केट में भारी उठा पटक और दिग्गज सूचकांकों के मुकाबले वृहद बाजार का कमजोर प्रदर्शन रहना माना जा रहा है। पिछले साल के मुकाबले इस साल बाजार में कम आईपीओ का आना भी इस रफ्तार में कमी की वजह बताई जा रही है।
('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं!
कोई टिप्पणी नहीं