जैसे कि संभावना थी RBI ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट यानी0.50% का इजाफा कर दिया है। 28 सितंबर को शुरू हुई तीन दिनों की बैठक के बाद आज इसकी घोषणा की गई। रेपो रेट वह रेट होता है, जिस पर आरबीआई बैंकों को लोन देता है। रेपो रेट में बढ़ोतरी करके महंगाई पर काबू पाने की कोशिश भी की जाती है।
जानकार भी मान रहे थे कि देश में बेलगाम होती महंगाई, दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी को देखते हुए आरबीआई प्रमुख दरों में 0.50 % तक इजाफा कर सकता है। हाल ही में अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने प्रमुख दरों में 0.75% का इजाफा किया था। साथ ही आने वाले दिनों में भी दरों में और बढ़ोतरी करने के संकेत दिये थे।
RBI के इस फैसले से लोन की ईएमआई महंगी हो सकती है और लोन लेना भी महंगा हो सकता है। हालांकि, बैंकों में एफडी करने वालों को इससे फायदा मिल सकता है।
आरबीआई के कुछ और फैसले के बारे में जान लीजिए....
-मौजूदा वित्त वर्ष का ग्रोथ अनुमान 7.2 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया है
-इस वित्त वर्ष में महंगाई दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान कायम रखा है
-इस वित्त वर्ष में अभी तक डॉलर के मुकाबले रुपया 7.4 प्रतिशत गिरा
('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं!
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