सतत वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए लगातार आर्थिक सतर्कता की जरूरत: वित्त मंत्रालय रिपोर्ट

वित्त मंत्रालय की मासिक आर्थिक समीक्षा में शनिवार को कहा गया कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच, सतत वृद्धि और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए लगातार व्यापक आर्थिक सतर्कता की जरूरत है।

समीक्षा में आगाह किया गया कि आगामी सर्दियों के मद्देनजर ऊर्जा सुरक्षा पर विकसित अर्थव्यवस्थाओं के बढ़ते ध्यान से भू-राजनीतिक तनाव बढ़ सकता है। इस दौरान अपनी ऊर्जा जरूरतों को संभालने के लिए भारत को चतुराई से काम लेना होगा।

भारत अपनी जरूरत का 85.5 प्रतिशत कच्चा तेल आयात करता है और इसलिए वैश्विक बाजार में ऊंची कीमतों का घरेलू मुद्रास्फीति पर बड़ा असर पड़ता है।

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘अनिश्चितता से भरे इस वक्त में, संतुष्ट रहना और लंबे समय तक हाथ पर हाथ रखकर बैठना संभव नहीं हो सकता। स्थिरता और स्थायी वृद्धि के लिए लगातार व्यापक आर्थिक सतर्कता जरूरी है।’’

ऐसे समय में जब धीमी वृद्धि और उच्च मुद्रास्फीति दुनिया की अधिकांश प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित कर रही है, भारत की वृद्धि मजबूत रही है और मुद्रास्फीति नियंत्रण में रही है।

रिपोर्ट में कहा गया कि भारत की वृद्धि आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सतर्क और विवेकपूर्ण वित्तीय प्रबंधन और विश्वसनीय मौद्रिक नीति जरूरी है।

(साभार- पीटीआई भाषा)

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