RBI ने नासिक के दि फ़ैज़ मर्कन्टाइल को-ऑपरेटिव बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया, जानें कितना और क्यों

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि फ़ैज़ मर्कन्टाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नासिक (महाराष्ट्र) पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 9 मार्च 2022 के आदेश द्वारा दि फ़ैज़ मर्कन्टाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नासिक (महाराष्ट्र) (बैंक) पर आरबीआई द्वारा शहरी सहकारी बैंकों को जारी निदेशक मंडल और एक्सपोजर मानदंड तथा सांविधिक एवं अन्य प्रतिबंध- यूसीबी संबंधी निदेशों के उल्लंघन/अननुपालन के लिए 25,000 (पचीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2020 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर इसके निरीक्षण रिपोर्ट से अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला है कि बैंक ने आरबीआई द्वारा जारी निदेशक मंडल और एक्सपोजर मानदंड तथा सांविधिक एवं अन्य प्रतिबंध- यूसीबी संबंधी निदेशों का उल्लंघन/अननुपालन करते हुए निदेशक के रिश्तेदार को ऋण की मंजूरी दी है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि निदेशों का अनुपालन नहीं करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए।

बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(साभार-www.rbi.org.in) 

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