भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि कृष्णा डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड, मछलीपट्टनम,
कृष्णा जिला, आंध्र प्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 2 मार्च 2022 के आदेश द्वारा दि कृष्णा डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड, मछलीपट्टनम, कृष्णा जिला, आंध्र प्रदेश (बैंक) पर आरबीआई द्वारा जारी ‘आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और प्रावधानीकरण’ पर परिपत्र और नाबार्ड के 'धोखाधड़ी-धोखाधड़ी के वर्गीकरण, रिपोर्टिंग और निगरानी के लिए दिशानिर्देश' पर परिपत्र में निहित कुछ निदेशों का अननुपालन/उल्लंघन करने के लिए ₹2 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
31 मार्च 2019 और 31 मार्च 2020 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर इसके निरीक्षण रिपोर्ट से अन्य बातों के साथ-साथ उपरोक्त निदेशों का उल्लंघन/अननुपालन पाया गया। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि निदेशों का अनुपालन नहीं करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए।
बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
(साभार-www.rbi.org.in)
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