भारतीय रिज़र्व बैंक ने आदर्श महिला मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुजफ्फरनगर (उ.प्र.) पर
मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 16 मार्च 2022 के आदेश द्वारा आदर्श महिला मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुजफ्फरनगर (बैंक) पर निदेशकों/संस्थाओं, जिनमें उनका हित हो, को ऋण स्वीकृत करने संबंधी निदेशों के उल्लंघन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
31 मार्च 2020 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर इसके निरीक्षण रिपोर्ट से अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए का उल्लंघन किया गया है क्योंकि बैंक, निदेशक से संबंधित ऋणों के संबंध में जारी 'निदेशक मंडल-यूसीबी' संबंधी निदेशों का पालन करने में विफल रहा। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि आरबीआई द्वारा जारी निदेशों और बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की उक्त धाराओं के उल्लंघन के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए।
बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अननुपालन/उल्लंघन के उपरोक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
(साभार-www.rbi.org.in)
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