लिशियस ने निवेश के नये दौर में 5.2 करोड़ डॉलर जुटाए, यूनिकॉर्न बनी

ताजा मांस और सीफूड बेचने वाली टेक स्टार्टअप लिशियस ने मंगलवार को कहा कि उसने आईआईएफएल एएमसी सहित निवेशकों से 5.2 करोड़ डॉलर (करीब 387 करोड़ रुपये) जुटाए हैं और यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल कर लिया है।

बेंगलुरु की कंपनी ने एक बयान में कहा कि वह आईआईएफएल एएमसी के नेतृत्व में 5.2 करोड़ डॉलर का वित्त जुटाने के साथ भारत की पहली डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (डी2सी) यूनिकॉर्न बन गयी है। उसने निवेश के मौजूदा दौर सीरीज जी में यह वित्त जुटाया।

कारोबार की भाषा में यूनिकॉर्न एक ऐसी निजी स्टार्टअप कंपनी को कहते है जिसका मूल्य एक अरब डॉलर को पार कर जाता है।

कंपनी ने कहा कि उसने आईआईएफएल एएमसी के लेट स्टेज टेक फंड के नेतृत्व में 5.2 करोड़ डॉलर का वित्त हासिल करने के बाद एक अरब डॉलर का बाजार मूल्यांकन हासिल किया है।

इससे पहले जुलाई में, लिशियस ने निवेश के सीरीज एफ दौर में टेमासेक सहित कई निवेशकों से 19.2 करोड़ डॉलर जुटाए थे।

कंपनी के सह-संस्थापक विवेक गुप्ता और अभय हंजुरा ने कहा, "भले ही डी2सी क्षेत्र के लिए वित्त पोषण में काफी वृद्धि हुई है, एफएमसीजी को अब भी सबसे आकर्षक श्रेणी नहीं माना जाता है। हम उम्मीद करते हैं कि लशियस के यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल करने के बाद स्थिति बदल जाएगी।"

(साभार-पीटीआई भाषा)

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