भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि गोंदिया डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गोंदिया पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने दिनांक 5 फरवरी 2021 के आदेश द्वारा दि गोंदिया डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गोंदिया (दि बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी “मास्टर परिपत्र- अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016” में निहित कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अलर्ट उत्प्न्न करने के लिए एक मजबूत प्रणाली नहीं होने और एफ़आईयू-आईएनडी को संदिग्ध लेनदेन की रिपोर्ट नहीं करने के कारण लगाया गया है, जिसके बारे में 31 मार्च 2018 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में सांविधिक निरीक्षण के दौरान पता चला।
बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उसे यह सूचित किया गया था कि वह कारण बताएं कि निदेशों का अनुपालन नहीं करने के लिए उस पर दंड क्यों नहीं लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के जवाब पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि रिज़र्व बैंक के उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन के उक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाना अनिवार्य है।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर प्रश्न उठाना नहीं है।
(साभार- www.rbi.org.in)
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