सुप्रीम कोर्ट में लोन मोरेटोरियम अवधि (कर्ज टालने की अवधि) बढ़ाने और इस अवधि के दौरान ब्याज पर ब्याज को समाप्त करने की याचिका पर सुनवाई 28 सितंबर तक टल गई है। कोर्ट ने आदेश दिया कि लोन मोरेटोरियम के संबंध में विचार करने के लिए RBI, केंद्र सरकार और सभी बैंकों द्वारा लिए इस बारे में लिए गए फैसलों को पेश किया जाए। इस पर हलफनामा दाखिल करने के लिए RBI ने कोर्ट से और समय की मांग की।
RBI ने केंद्र के कहने पर बैंकों से कोरोना महामारी को देखते हुए दो चरणों में लोन मोरेटोरियम की अवधि बढ़ाने की अपील की थी। पहले मार्च-अप्रैल-मई तक फिर जून-जुलाई-अगस्त तक। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में जिन दो याचिकीओं की सुनवाई कर रहा है, उसमें एक में लोन मोरेटोरियम की अवधि दो साल तक बढ़ाने की मांग की गई है और दूसरी याचिका में लोन मोरेटोरियम अवधि में ब्याज पर ब्याज नहीं वसूलने की मांग की गई है। आपको बता दूं कि जो भी लोनग्राहक लोन मोरेटोरियम विकल्प को चुना है, बैंक उनसे बकाए ब्याज पर ब्याज वसूल कर रहे हैं, इससे लोन ग्राहकों पर बोझ घटने के बजाय और बढ़ गया है।
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