उन्होंने कहा कि इस समय मुख्य मसला खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति, रोजगार और प्रवासी कामगार हैं। इनका तत्काल समाधान होना जरूरी है।
उद्योग मंडल बंगाल चैंबर ऑफ कामर्स द्वारा आयोजित ‘वेबिनार’ (इंटरनेट के माध्यम से होने वाला सेमिनार) में कोरनेल विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र के प्रोफेसर ने कहा, ‘‘भारत ने तुरंत ‘लॉकडाउन’ का जो निर्णय किया, वह सही था। अब बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि देश इससे किस प्रकार बाहर निकलता है क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था का परिदृश्य तबतब पूरी तरह बदल जाएगा।’’
विश्वबैंक के पूर्व अर्थशास्त्री बसु ने कहा कि केवल कर लाभ देना पर्याप्त नहीं है बल्कि गरीबों को प्रत्यक्ष रूप से नकदी के रूप में मदद की जरूरत है।
(साभार-पीटीआई भाषा)
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