बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंद्रशेखर घोष ने कहा कि इस श्रेणी के ग्राहकों को अपने कारोबार में कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ रहा है, क्योंकि वे सामान्य वस्तुओं और स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला से संबंधित कारोबार करते हैं।
उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘लेकिन, लॉकडाउन के कारण हम प्रत्यक्ष रूप से उनके पास जाकर किस्तें नहीं ले पा रहे हैं। इसलिए हमने उन्हें ऋण-स्थगन व्यवस्था में शामिल किया है।’’
घोष ने कहा कि हालांकि इन ग्राहकों ने इस तरह का कोई अनुरोध नहीं किया है। ‘‘वे व्यापार कर रहे हैं और उनके पास पैसा है। उन पर किसी तरह का दबाव नहीं है।’’
घोष ने कहा, ‘‘जब तक लॉकडाउन चलेगा, तब तक कुछ चुनौतियां होंगी। हमने सूक्ष्म ऋण ग्राहकों से बात की और उन्होंने बताया कि रोक हटने के बाद लेनदेन फिर शुरू हो जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन हटाने के बाद उन्हें पूरे ऋण कि किस्त चुकाने के लिए चार से छह सप्ताह के समय की जरूरत होगी।
(साभार-पीटीआई भाषा)
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