आपकी लिखावट में छिपा है आपकी कामयाबी का राज: नवीन तोषनीवाल, Grapho Analysis/Therapy एक्सपर्ट

मनचाहा फल नहीं पा रहे हैं तो अपनी लिखावट बदलिये, Grapho Analysis/Therapy करेगा मदद

Handwriting is Mindwriting: Aristotle (B.C 2000)

Naveen Toshniwal, GRAPHO-ANALYSIS/GRAPHO-THERAPY Expert
इंसान खुशियां पाने के लिए, मनचाहा फल पाने के लिए क्या क्या नहीं करता है, कहां कहां नहीं जाता है। कभी सितारों की चाल बताने वालों के पास जाता है, कभी वास्तुशास्त्र जानने वालों के पास, कभी हस्तरेखा एक्सपर्ट के पास, तो कभी जन्मकुंडली देखनेवालों के पास। लेकिन, Grapho Analysis/Therapy (हस्तलेख विश्लेषण/इलाज) एक्सपर्ट का मानना है कि इंसान अपनी लिखावट की शैली में मामूली बदलाव लाकर अपनी जिंदगी के सफर को और सुहाना बना सकता है। 

भारत में Grapho Analysis हालांकि बहुत ज्यादा लोकप्रिय नहीं है, लेकिन दुनियाभर में यह ईसापूर्व 2000 से
प्रचलन में है। अमेरिका और यूरोपीय देशों में कंपनियां कर्मचारियों के चयन के लिए इस विज्ञान का इस्तेमाल करती हैं।   

राजस्थान के जयपुर के रहने वाले नवीन तोषनीवाल वैसे हैं तो कारोबारी और इंडस्ट्रियल केबल्स का बिजनेस करते हैं, लेकिन शौक और जुनून की वजह से समय निकालकर ग्राफो एनालिसिस/ग्राफो थेरैपी कंसलटेंट का भी काम करते हैं। तोषनीवाल को स्कूल, कॉलेज, आत्रप्रन्योर्स संगठन से लेकर नामी-गिरामी बिजेनस संस्थानों में ग्राफो एनालिसिस/ग्राफो थेरैपी के बारे में जानकारी देने के लिए बुलाया जाता है। 

तोषनीवाल से कोई भी इंसान ऑनलाइन या ऑफलाइन मिल सकता है। उनसे सोशल मीडिया के जरिये भी मिल सकते हैं। Grapho Analysis/Therapy का अगर हिन्दी में मतलब निकालें, तो इसका सीधा मतलब होता है हस्तलेख का विश्लेषण और इलाज। तोषनीवाल किसी की हैंडराइटिंग की शैली को देखकर उसके व्यक्तित्व की खासियत और कमियां बताते हैं और फिर कमियों को दूर करने के लिए हैंडराइटिंग की शैली में जरूरी सुधार की सलाह देकर उस व्यक्ति की जिंदगी में बदलाव लाने में मदद करते हैं। 

beyourmoneymanager की टीम ने तोषनीवाल से ग्राफो एनालिसिस/ग्राफो थेरैपी से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की। पेश है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश। 

beyourmoneymanager: आप अपने बारे में संक्षेप में बताएं। 

नवीन तोषनीवाल: वैसे तो मूलरूप से हम राजस्थान से हैं, लेकिन बचपन से कोलकाता में रहे। वहीं पर पले-बढ़े और हमारी एजुकेशन भी वहीं पर हुई। जादवपुर यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की। हमलोग करीब 20 साल पहले जयपुर शिफ्ट हो गए। जयपुर शिफ्ट होने के बाद फैमिली बिजनेस को संभाल रहा हूं। हमलोग इंडस्ट्रियल केबल्स बनाते हैं। हमारी कंपनी का नाम है तोषनीवाल केबल्स।  

beyourmoneymanager:आपने इंजीनियरिंग की है और अपनी कंपनी भी चला रहे हैं, तो फिर Grapho Analysis/Therapy के क्षेत्र में कैसे हाथ आजमाया। 

नवीन तोषनीवाल: बचपन से इसमें हमारी रुचि रही है। हमारे पिताजी को भी इसकी जानकारी थी। जब हम कॉलेज में थे तो उसके बारे में थोड़ा बहुत सीखना शुरू किया था। खुद से सीखता था। किताबें पढ़ी, इसके अलावा  Grapho Analysis/Therapy का ऑनलाइन कोर्स भी किया। अभी भी मैं इसके बारे में पढ़ता रहता हूं, सीखता रहता हूं। नॉलेज का तो कोई अंत नहीं है। 

beyourmoneymanager: आपके पिताजी ने कहीं से Grapho Analysis/Therapy की ट्रेनिंग ली थी क्या। 
  
नवीन तोषनीवाल: नहीं, उनको भी Grapho Analysis/Therapy का उसी तरह शौक था, जुरून था जैसे मुझे है। उन्होंने भी खुद से ही पढ़ा और सीखा। मैं जब स्कूल में था, कॉलेज में था, तो पढ़ाई के बाद थोड़ा बहुत समय मिलता था, उसमें पिताजी से कुछ समझ लेता था, सीख लेता था। किस Stroke का क्या मतलब है वो पिताजी से थोड़ा बहुत समझ लेता था। 

beyourmoneymanager: Grapho Analysis/Therapy में  Stroke शब्द का काफी इस्तेमाल होता है, Stroke होता क्या है। 

नवीन तोषनीवाल: Stroke का सीधे शब्दों में मतलब हुआ कि आप किस तरह से एक खास लेटर को बनाते हैं यानी शब्द को लिखने की शैली या स्टाइल। जैसे Y को कई तरीके से लिखा जा सकता है। अलग अलग अलग अलग तरीके से Y लिखते हैं। हरेक Stroke का एक अपना अलग मतलब होता है, जिसकी जानकारी Grapho Analysis/Therapy की गहराई से अध्ययन करने पर मिलती है। किसी भी भाषा की Grapho Analysis हो सकती है, चाहे आप हिन्दी में लिखे, बांग्ला में लिखे, अंग्रेजी में लिखें, पर्सियन में लिखें, अरबी में लिखें या फिर उर्दू में लिखें। Stroek से Grapho Analysis होती है, क्या लिखा है वो पढ़ने की जरूरत नहीं होती है। हमारी नॉलेज सिर्फ अंग्रेजी भाषा की Grapho Analysis की है। 

beyourmoneymanager: अगर कोई शख्स अंग्रेजी, हिन्दी, उर्दू या फिर अलग-अलग तीन-चार भाषाओं की जानकारी रखता है, तो क्या उसके अलग- अलग भाषा में लिखने पर उसका व्यक्तित्व या व्यवहार  Stroke के हिसाब से अलग -अलग रह सकता है, या एक ही रह सकता है। 

नवीन तोषनीवाल: अलग-अलग भाषा में लिखने पर भी Stroke के हिसाब से उसका व्यक्तित्व या व्यवहार एक ही रहेगा। हालांकि Grapho Analyst/Therapist की भाषा एक हो सकती है तो वह जिस भाषा की जानकारी होगी, उसी भाषा में  Grapho Analysis करेगा और Therapy देगा। 

beyourmoneymanager: आपको या आपके पिताजी को   Grapho Analysis/Therapy में ऐसा क्या दिखा, जिससे इसमें रुचि बढ़ी। 

नवीन तोषनीवाल: Grapho Analysis/Therapy यूनिक साइंस है। एस्ट्रोलॉजी बहुत लोग जानते हैं, कई लोग फॉलो भी करते हैं, वास्तुशास्त्र भी काफी जाना-पहचाना है, कई लोग इसको भी मानते हैं। हैंडराइटिंग एनालिसिस ऐसा साइंस जिसके बारे में लोग काफी कम जानते हैं। लोगों में जागरूकता की कमी है। इसमें ज्योतिषी या एस्ट्रोल़ॉजी का लेना-देना नहीं है। कई लोग हैंडराइटिंग एनालिसिस को लेकर भ्रम में पड़ जाते हैं। हमारे पास कई लोग आते हैं और कहते हैं हमारा भविष्य बताइये, थोड़ा आगे का बताइये, पीछे का बताइये। लेकिन वो संभव नहीं है। हम तो सिर्फ किसी व्यक्ति का चरित्र या कैरेक्टर आज की तारीख में क्या है, वो बताएंगे। अगर आप दो साल पहले की हैंडराइटिंग देंगे, तो उस समय आपका चरित्र क्या था, वो एनालिसिस हो जाएगा। 

beyourmoneymanager:  Grapho Analysis/Therapy के बारे में विस्तार से बताएं। 

नवीन तोषनीवाल: हैंडराइटिंग के जरिये किसी भी व्यक्ति के कैरेक्टर, चरित्र या व्यवहार (Trait) का एनालिसिस Grapho Analysis कहलाता है। लेकिन सिर्फ एनालिसिस करके आप छोड़ दें तो आप में सुधार नहीं होगा। जैसे आपको मान लीजिए गुस्सा आता है, टेंपर है,या फिर आपकी लाइफ में Goal यानी निश्चित लक्ष्य निर्धारित नहीं है या फिर आपकी क्रिएटिव एबिलिटी सुधर नहीं रही है, आपने बोल के छोड़ दिया तो आपको कोई फायदा तो नहीं है। 

फायदा तो तभी होगा जब आपके अंदर जो कमियां हैं वो दूर हो, वो ठीक हो। तो उन कमियों को ठीक करने के लिए हमारी हैंडराइटिंग के जो Stroke (लिखावट की शैली) हैं, उसमें Conscious Effort करके, उस हैंडराइटिंग
को थोड़ा सा बदल करके लिखना है। कहना का मतलब हुआ है हैंडराइटिंग की स्टाइल में बदलाव लाकर जिंदगी को एक नया मोड़ दे सकते हैं। ध्यान रहे हैंडराइटिंग की पूरी स्टाइल नहीं बदलनी है, तो जो  Stroke आपके जीवन में बाधा बन रहे हैं सिर्फ उसमें बदलाव लाना है। उन Stroke में थोड़ा बदलाव लाकर उसका प्रैक्टिस करने के लिए कहा जाएगा। यही  Grapho Therapy है। वो जो प्रैक्टिस करते हैं वो आपके हाथ के जरिये आपके माइंड को, आपके SubConscious को Hit करता है, उससे आपमें सुधार आता है। इंसान का कैरेक्टर 90% उसके 
SubConscious माइंड पर निर्भर करता है।  

beyourmoneymanager:किसी भी इंसान की जिंदगी में   Grapho Analysis/Therapy का क्या महत्व है। 

नवीन तोषनीवाल: देखिये, Grapho Therapy तो एक ऐसा विषय है, कि किसी भी फील्ड में, किसी भी सेक्टर में अपनाया जा सकता है। आज आप कॉर्पोरेट ले लीजिए। कॉर्पोरेट में लोग नौकरी के लिए आवेदन देते हैं। लोगों को साक्षात्कार देना होता है। यूरोप और अमेरिका में तो कुछ कंपनियां हाथ से लिखा बायोडेटा मंगवाती हैं। फिर उसका एनालिसिस करके आवेदन करने वालों का कैरेक्टर निकालते हैं और उनके अंदर क्या खुबियां हैं, क्या कमियां हैं, पता करते हैं। अब समझ लीजिए, किसी की इंजीनियरिंग की एबिलिटीज ज्यादा हैं तो उसको टेक्नीकल काम में लगाना सही होगा, कोई अगर बहुत ईमानदार आदमी है तो उसको अकाउंट्स में रखा जा सकता है। ये एनालिसिस अमेरिका और यूरोप में कई सालों से चल रहा है। भारत में जागरूकता कम है।   Grapho Analysis के बारे में लोगों को जानकारी है कि कैरेक्टर पढ़ा जा सकता है, लेकिन ये बहुत कम लोग जानते हैं कि कैरेक्टर चेंज भी किया जा सकता है। 

beyourmoneymanager: अगर कोई व्यक्ति आपसे संपर्क करना चाहे, तो कैसे कर सकता है।  

नवीन तोषनीवाल: सोशल मीडिया, वेबसाइट्स, ई-मेल, व्हाट्स नंबर के जरिये संपर्क कर सकता है।  
E-MAIL: toshniwaln@gmail.com
Web-Site: www.traitreader.com
(Mobile): +91 9414079365
What’s App: +91 9929133365 

जयपुर ऑफिस में आकर भी संपर्क किया जा सकता है। इसके अलावा, आपके ब्लॉग beyourmoneymanager.blogspot.com के जरिये भी संपर्क किया जा सकता है।

beyourmoneymanager: क्या इसके लिए पर्सनल मिलना जरूरी है।  

नवीन तोषनीवाल: नहीं, ऐसा नहीं है। कोई भी व्यक्ति एक पेज का ताजा हैंडराइटिंग का फोटो लेकर मेल करके या फिर व्हाट्स एप नंबर पर भेजकर भी Grapho Analysis/Therapy सेवा ले सकता है। वीडियो कॉल पर थेरैपी बता देंगे। क्या प्रैक्टिस करना है, वो बता दिया जाएगा। 

beyourmoneymanager:  भारत में Grapho Analysis/Therapy की ट्रेनिंग की व्यवस्था है क्या। 

नवीन तोषनीवाल: यहां पर कुछ संस्थान हैं जहां Grapho Analysis/Therapy की ट्रेनिंग दी जाती है। पुणे में है, मुंबई में है। कोलकाता में भी है। उन संस्थानों में Grapho Analysis/Therapy की पढ़ाई कराई जाती है, लेकिन हमने किताब से पढ़ाई की है। हमने कभी इस तरह का कोर्स नहीं किया है। कई ऑप्शंस है। अगर लोग सीखना चाहें तो कई ऑप्शंस हैं। इंटरनेट पर ढूंढने से ऑप्शंस मिल जाएंगे। 

beyourmoneymanager: आपने किताब का जिक्र किया। किस लेखक की किताब पढ़नी चाहिए।  

नवीन तोषनीवाल: एम.एन बंकर (M.N. Bunker) की हैंडराइटिंग एनालिसिस की किताब पढ़ी जा सकती है। अमेजन डॉट कॉम से आप ऑनलाइन मंगा सकते हैं। 
(https://www.amazon.com/Handwriting-Analysis-M-N-Bunker/dp/B001OOBAFK)
जानकारी के लिए इस किताब को पढ़ना सही है, लेकिन कई चीजें धीरे-धीरे अनुभव के साथ भी आती है। 
beyourmoneymanager:  Grapho Analysis/Therapy कोर्स करने वालों के लिए कैरियर की क्या गुंजाइश है। 

नवीन तोषनीवाल: देखिये, कैरियर के हिसाब से मैंने कभी इसे पढ़ा नहीं है। शौक, जुनून के कारण हमारी रुचि इसमें है। हम इतने सालों में कुछ ना कुछ सीख रहे हैं। चुंकि, भारत में इसको लेकर जागरूकता नहीं है, इसलिए कैरियर के हिसाब से Grapho Analysis/Therapy कैसा रहेगा, बताना थोड़ा मुश्किल है। लोगों में जागरूकता तो होनी चाहिए। हां, अमेरिका और यूरोप में तो यह जाना-पहचाना है। इसलिए वहां कई प्रोफेशनल्स होंगे। अमेरिका में तो Grapho Analysis/Therapy की यूनिवर्सिटी भी है। 

beyourmoneymanager: Grapho Analysis के दौरान जब किसी व्यक्ति की हैंडराइटिंग के Stroke देखते हैं तो क्या क्या पता चलता है। 

नवीन तोषनीवाल: Stroke से इंसान के बारे में सबकुछ पता लग जाएगा। किस स्थिति में कैसा रिएक्शन होगा उसका, वो एक्सप्रेसिव हैं, या बिल्कुल रिजर्व हैं, वो चीजें जल्दी समझते हैं या डीटेल में जाने के बाद समझते हैं, उनका कोई प्रोपर गोल है या नहीं है, उनका स्वभाव कैसा है, उनमें सीखने की ललक कितनी है, वो शांत हैं या टेंपर आता है, अलग थलग रहने वाले हैं या फिर घुलमिल कर रहने वाले, उनमें लालच है क्या, वो डिप्रेशन में आ जाते हैं क्या, ये सारी चीजों के बारे में पता चल जाता है। मतलब किसी इंसान के कैरेक्टर से संबंधित सारी 
जानकारी उसकी हैंडराइटिंग के Stroke से आप जान पाएंगे। लेकिन, इसके जरिये किसी का भविष्य नहीं पता किया जा सकता है। एक तरह से किसी इंसान का मनोविज्ञान हम जान सकते हैं Grapho Analysis से। इंसान के दीमाग में क्या चल रहा है वो Grapho Analysis से पता कर सकते हैं।  ईसा पूर्व 2000 में एरिस्टोटल के समय से ही माइंड और हैंडराइटिंग के बीच संबंध होने की बात चल रही है। उनका मानना था कि हैंडराइटिंग माइंडराइटिंग है। 

Every trait and unique aspects of one's personality can be deciphered 
through this analysis:
Intelligence
Keenness to learn
Friendliness, loyalty
Emotional chart
Frankness or secretiveness
Determination, enthusiasm
Self-confidence
Short-tempered or cool, egoistic
Sensitive
Organizing ability, engineering ability, 
        creativity & imagination power
Initiative level
Ambition, will-power
Dishonesty, greed
Concentration power, precision
Independence
Resentment… & many more.....

useful for:
·        Corporates/Placement Consultants
·        Parents/teachers/students
·        Matrimonial/Match-making
·        Investigation agencies

·        Simply self-improvement

beyourmoneymanager: किसी के Grapho Analysis/Therapy के लिए कम से कम उसकी उम्र कितनी होनी चाहिए।  

नवीन तोषनीवाल: छोटे बच्चों का Grapho Analysis/Therapy नहीं हो सकता है। कम से कम 13-14 साल के बच्चे की Grapho Analysis/Therapy संभव है। उसका कारण है। 13-14 साल के पहले जो हैंडराइटिंग होती है, वो स्कूल में जो सिखाई जाती है, वो हैंडराइटिंग होती है। एक उम्र के बाद इंसान की हैंडराइटिंग उसके कैरेक्टर के हिसाब से बदल जाती है। माना जाता है कि 13-14 साल की उम्र के बाद इंसान का माइंड सेट होना शुरू हो जाता है। तो आपके कैरेक्टर के हिसाब से आपकी जिंदगी सेट होती है। 

एक नमूना-  किसी शख्स ने 17 अप्रैल 2020 को Grapho Analysis/Therapy के लिए एक पेज अपनी अंग्रेजी की हैंडराइटिंग भेजी -

  
हैंडराइटिंग का नमुना 

नवीन तोषनीवाल द्वारा की एनालिसिस: 

A- हैंडराइटिंग भेजने वाले की खुबियां (Positive Stroke):
1- समझते जल्दी हैं लेकिन डीटेल्स में जाते हैं
2- प्लानिंग बेहतर करते हैं
3-क्रिएटिव हैं
4-इमोशनल हैं, लेकिन इमोशन को सामने नहीं आने देते हैं
5-Composed और Reserved हैं
6-जल्दी किसी से घुलते मिलते नहीं है, एक बार
घुलमिल गए तो भी मजबूत गठबंधन हो जाता है
7- नई चीज सीखने की ललक
8- किसी चीज को विस्तार में देने की आदत
9- Ambition, will-power
10-Concentration power, precision
11- Independence

B- हैंडराइटिंग भेजने वाले की कमियां (Negative Stroke) :
1- शॉर्ट टर्म गोल क्लीयर है, लांग टर्म गोल क्लीयर नहीं
2-चिड़चिड़ा हैं, लेकिन किसी को पता नहीं चलने देते
3- कई बातों को सुनना पसंद नहीं करते, जिससे कई बार अच्छी सलाह से वंचित हो जाते हैं
4-Resentment यानी पहले आपके साथ हो चुकी कुछ बातों को गांट बांधकर रखे हैं,
जिससे आगे बढ़ने में बाधा
5- बहुत जिद्दी स्वभाव
6- Self Doubt
7-Capability का 100% इस्तेमाल करने के बजाय केवल 70-80% ही इस्तेमाल करना

Therapy: Negative Stroke को खत्म करने के लिए नवीन तोषनीवाल का सुझाव 
-t, h stroke में बदलाव करें
इसको रोज 30 बार लिखकर प्रैक्टिस करना है 

(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'



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