मजबूत डिजिटल भुगतान अवसंरचना ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज’ के तहत नकद भुगतान के तत्काल हस्तांंतरण में मददगार

मजबूत डिजिटल पेमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत नकद भुगतान के शीघ्र हस्तांतरण को सक्षम करता है ।
जन धन खातों के साथ-साथ खाता धारकों के मोबाइल नंबर और आधार के साथ अन्य खातों को जोड़ने के माध्यम से एक डिजिटल पाइपलाइन रखी गई है । यह बुनियादी ढांचा पाइपलाइन डीबीटी प्रवाह, सामाजिक सुरक्षा / पेंशन योजनाओं आदि के लिए आवश्यक रीढ़ प्रदान कर रही है ।
इस डिजिटल भुगतान बुनियादी ढांचे का उपयोग करके, 30 करोड़ से अधिक गरीब लोगों को 28,256 करोड़ रुपये (10.04.2020 के रूप में) की वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है जो एफएम श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा लॉकडाउन के कारण लॉकडाउन के प्रभाव से बचाने के प्रभाव से बचाने के लिए 28,256 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है

प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण सुनिश्चित करता है कि राशि को सीधे लाभार्थी के खाते में जमा किया जाता है, इसलिए रिसाव को समाप्त करता है और दक्षता में सुधार करता है ।

जन-धन खातों के साथ-साथ अन्य खातों को भी खाताधारकों के मोबाइल नंबरों और आधार नंबरों [जन धन-आधार-मोबाइल (जैम)] के साथ जोड़ (लिंक) कर एक डिजिटल पाइपलाइन की व्‍यवस्‍था की गई है। यह बुनियादी ढांचागत या अवसंरचना पाइपलाइन दरअसल डीबीटी (प्रत्‍यक्ष लाभ हस्‍तांतरण) के प्रवाह, सामाजिक सुरक्षा/पेंशन योजनाओं को अपनाने, इत्‍यादि के लिए आवश्यक रीढ़ अथवा मजबूत आधार प्रदान कर रही है। प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) को अगस्त 2014 में लॉन्‍च किया गया था, जिसका उद्देश्य बैंकिंग सुविधाओं से वंचित व्यक्तियों को ‘अपना बैंक खाता होने’ की सुविधा प्रदान करना है। 20 मार्च, 2020 तक लगभग 126 करोड़ ‘कासा (करंट अकाउंट एंड सेविंग अकाउंट यानी चालू खाता एवं बचत खाता)’ का संचालन हो रहा था जिनमें से 38 करोड़ से अधिक खाते ‘प्रधानमंत्री जन धन योजना’ के तहत खोले गए हैं।  

  • अंतर-संचालनत्‍वरित और सटीक लेन-देन संभव होना:
    • बैंक खातों को दरअसल बैंक शाखाओं में, बिजनेस कॉरस्पोंडेंट (बीसी) प्‍वाइंट्स, व्‍यावसायिक स्‍थलों यानी दुकानों और इंटरनेट पर नकद एवं डिजिटल लेन-देन दोनों ही करने में सक्षम बना दिया गया है। बायोमीट्रिक आईडी का उपयोग करके
    • डिजिटल भुगतान व्‍यवस्‍था में निम्नलिखित मोड शामिल हैं:
  1. एईपीएस: शाखा/बीसी प्‍वाइंट्स पर आधार प्रमाणीकरण का उपयोग करके नकदी की निकासी में मदद करता है।
  2. भीम आधार पे: आधार प्रमाणीकरण का उपयोग करके कारोबारियों को भुगतान करने में सक्षम बनाता है।
  3. रुपे डेबिट कार्ड: 31 मार्च 2020 तक कुल मिलाकर 60.4 करोड़ रुपे कार्ड जारी किए गए हैं जिनमें पीएमजेडीवाई खातों के तहत जारी किए गए 29 करोड़ रुपे कार्ड भी शामिल हैं। ये कार्ड नकदी की निकासी के लिए एटीएम पर और डिजिटल भुगतान के लिए प्‍वाइंट्स ऑफ सेल (पीओएस) पर तथा ई-कॉमर्स में उपयोग किए जा सकते हैं।
  4. यूपीआई: यह वास्तविक समय वाली तत्काल भुगतान प्रणाली है जो व्यक्ति से व्यक्ति के बीच (पी2पी) और व्यक्ति से कारोबारी के बीच (पी2एम) दोनों ही तरह के लेन-देन में मददगार है।
  5. बीबीपीएस: यह नकद एवं डिजिटल मोड दोनों का ही उपयोग करके इंटरनेट और बीसी प्‍वाइंट्स के माध्यम से उपयोगिता (यूटिलिटी) बिलों के भुगतान में मददगार है।

ऊपर उल्लिखित डिजिटल भुगतान अवसंरचना का उपयोग करते हुए 30 करोड़ से भी अधिक गरीब लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत 28,256 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मुहैया कराई गई है, जिसकी घोषणा 26 मार्च को केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने की थीताकि कोविड-19 के कारण किए गए लॉकडाउन के प्रतिकूल प्रभावों से उन्हें बचाया जा सके।  
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत 10 अप्रैल 2020 तक लाभार्थियों को निम्नलिखित धनराशियां जारी की गई हैं:
योजना
लाभार्थियों की संख्‍या
अनुमानित धनराशि
 पीएमजेडीवाई महिला खाताधारकों को सहायता
19.86  करोड़ (97%)
 9930 करोड़ रुपये
पीएम-किसान के तहत  किसानों के खातों में डाली गई धनराशि
6.93  करोड़ (8  करोड़ में से)
13,855  करोड़ रुपये
 एनएसएपी लाभार्थियों (विधवाओंवरिष्ठ नागरिकों और  दिव्यांगजनों) को सहायता
2.82  करोड़
1405  करोड़ रुपये
भवन और अन्य निर्माण श्रमिकों को सहायता
2.16  करोड़
3066  करोड़ रुपये
कुल
31.77  करोड़
28,256  करोड़ रुपये





(साभार-पीआईबी)
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