अमेरिका में फेसबुक और गूगल कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिये आने जाने की जगह जैसे व्यक्तिगत आंकड़े के उपयोग की संभावना पर सरकार से बातचीत कर रही हैं। अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट में यह कहा गया है।
परियोजना में बीमारी के फैलने का खाका तैयार करना तथा तत्काल चिकित्सा जरूरतों का अनुमान लगाने को लेकर अमेरिकी नागरिकों के स्मार्टफोन से उसके स्थान (लोकेशन) के बारे में सूचना लेना तथा बिना किसी को उसकी जानकारी दिये उसका उपयोग करना शामिल हैं।
एक बयान में गगूल के प्रवक्ता जॉनी लू ने पुष्टि की कि वे इस बात की संभावना टटोल रही हैं कि व्यक्ति विशेष के स्थान (आने जाने की जगह) के बारे में सूचना से कोरोना वायरस महामारी से निपटने में मदद मिलेगी। व्यक्ति के स्थान यानी लोकेशन के बारे में जानकारी किसी के साथ भी साझा नहीं की जाएगी।
अमेरिका में व्यक्तिगत आंकड़े के उपयोग को संवेदशील माना जाता है और इसको लेकर बखेड़ा हो चुका है। वर्ष 2011 में इसी प्रकार का विवाद उस समय हुआ था जब राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी बिना मंजूरी के फोन रिकार्ड करती पायी गयी।
हालांकि प्रौद्योगिकी कंपनियों पर इस बात का दबाव है कि वे खतरनाक विषाणु से निपटने के लिये अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करें। पिछले सप्ताह करीब 50 वैज्ञानिकों ने एक खुले पत्र पर हस्ताक्षर कर कदम उठाने को कहा था।
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