रिजर्व बैंक के पास आर्थिक वृद्धि दर बढ़ाने के ब्याज दर के अलावा और भी हैं उपाय: दास

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने लगातार दूसरी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर स्थिर रखने के बाद बृहस्पतिवार को कहा कि आर्थिक वृद्धि दर की गति बढ़ाने के लिये मुख्य ब्याज दर में घटबढ़ करने के अलावा और भी कई अन्य उपाय हैं।

रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की छठी द्वैमासिक मौद्रिक नीति समिति बैठक में 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर छह प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया। उसने कहा कि मुद्रास्फीति का परिदृश्य बेहद अनिश्चित बना हुआ है।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने 31 जनवरी को जारी बयान में 2018-19 के लिये आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान मई 2019 के 6.8 प्रतिशत के अनुमान से घटाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया। इसके आधार पर रिजर्व बैंक ने कहा कि अर्थव्यवस्था में अभी भी क्षमता से कम उत्पादन हो रहा है।

दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा परिणाम जारी करने के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘रिजर्व बैंक के पास आर्थिक वृद्धि दर में जारी नरमी से निपटने के लिये और भी कई अन्य उपाय हैं।’’

मौद्रिक नीति समिति ने रेपो दर को 5.15 प्रतिशत पर यथावत रखा है। समिति ने मौद्रिक नीति के रुख को भी उदार बनाये रखा है।

दास ने कहा कि पिछली बैठक के बाद इस बैठक में भी रेपो दर यथावत रखे जाने को भविष्य के कदमों के संकेत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिये। उन्होंने कहा, ‘‘भले ही इस बार का निर्णय अनुमानों के अनुरूप है, लेकिन रिजर्व बैंक की भूमिका को कम नहीं आंकना चाहिये।’’

(साभार- पीटीआई भाषा)
शेयर बाजार से पैसा बनाने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें



Plz Follow Me on: 


1 टिप्पणी