दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को भूषण स्टील के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी नितिन जौहरी की जमानत अर्जी खारिज कर दी। उन्हें गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ने कथित तौर पर धोखाधड़ी गतिविधियों में लिप्त रहने पर गिरफ्तार किया था।
जौहरी को पिछले साल अगस्त में उच्च न्यायालय द्वारा दी गई जमानत को उच्चतम न्यायालय द्वारा खारिज कर दिये जाने के बाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ब्रजेश सेठी ने यह फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने इससे पहले फैसला सुनाते हुए मामले में नये सिरे से सुनवाई करने को कहा था।
शीर्ष अदालत का आदेश एसएफआईओ की अपील पर आया, जिसमें उच्च न्यायालय के 14 अगस्त 2019 के फैसले को चुनौती दी गयी थी।
एसएफआईओ ने जोहरी को 2 मई 2019 को गिरफ्तार किया था। उन पर विभिन्न बैंकों में फर्जी दस्तावेज जमा करने समेत कथित रूप से धोखाधड़ी वाली गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।
गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय का कहना है कि जोहरी भूषण स्टील के कामकाज को देख रहा था। उसके जिम्मे बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों से कोष जुटाना था। वह 2016-17 तक कंपनी के वित्तीय लेखा-जोखा पर हस्ताक्षर करने वालों में शामिल था।
एसएफआईओ ने कहा है कि जांच के दौरान यह पाया गया कि जोहरी के कार्यकाल के दौरान कंपनी में कथित रूप से धोखाधड़ी की कई गतिविधियां हुई। कंपनी खातों में हेरी फेरी से लेकर वित्तीय लेखा जोखा में भी गड़बड़ियां हुई हैं।
(साभार- पीटीआई भाषा)
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