एअर इंडिया के संभावित खरीदारों को विनिवेश प्रक्रिया के शुरुआती चरण में ही कंपनी से जुड़े सभी दस्तावेज और शेयर खरीद समझौते के मसौदे तक पहुंच उपलब्ध करायी जाएगी।
सरकार के निविदा पत्र के अनुसार संभावित खरीदारों को इसके अलावा एअर इंडिया की खरीद के लिए प्रस्ताव पत्र (आरएफपी) भेजने के चरण से पहले कंपनी के लेखा-जोखा की विस्तृत शोध रपट (ड्यू डिलिजेंस रिपोर्ट) भी उपलब्ध करायी जाएगी।
आमतौर पर प्राथमिक सूचना ज्ञापन (पीआईएम) रखे जाने के बाद बोली लगाने वालों के रूचि दिखाने पर उन्हें सभी दस्तावेज और शेयर खरीद समझौते का मसौदा उपलब्ध कराया जाता है।
कर्ज के बोझ से लदी एअर इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की निविदा सरकार ने सोमवार को जारी कर दी है। सरकार ने इच्छुक पक्षों से 17 मार्च तक आरंभिक बोलियों के रुचि पत्र मंगाए हैं। एअर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के तहत सरकार एअर इंडिया की सस्ती विमानन सेवा ‘एअर इंडिया एक्सप्रेस’ में भी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी।
इसके अलावा एअर इंडिया के सिंगापुर एयरलाइंस (सैट्स) के साथ संयुक्त उपक्रम ‘एअर इंडिया-सैट्स एयरपोर्ट सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड’ (एआईसैट्स) की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची जाएगी।
एअर इंडिया का प्रबंधन भी सफल बोली लगाने वाले को हस्तांतरित कर दिया जाएगा।
एक अधिकारी ने बताया कि विस्तृत रपट बनाते वक्त कंपनी के विभिन्न समझौतों के विधिक और प्रौद्योगिकी पक्षों का ध्यान रखा जाएगा। सरकार इसके लिए बहुत जल्द प्रौद्योगिकी और कानूनी सलाहकार की नियुक्ति करेगी।
बोली लगाने वालों में जिन्हें कंपनी के दस्तावेजों और शेयर खरीद समझौते के मसौदे का अध्ययन करना होगा उन्हें उसके लिए एक करोड़ रुपये जमा कराने होंगे।
एअर इंडिया खरीद के लिए रुचि पत्र भेजने की अंतिम तारीख 17 मार्च है जबकि इससे जुड़े सवाल इत्यादि पूछने के लिए अंतिम तारीख एक फरवरी है।
(साभार- पीटीआई भाषा)
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