उच्च न्यायालय ने विशेष अदालत में मामले को स्थगित करने की मेहुल चोकसी की याचिका खारिज की


बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को मेहुल चोकसी की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उसके खिलाफ विशेष अदालत में चल रही प्रक्रिया को स्थगित करने का आग्रह किया था। हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को पंजाब नेशनल बैंक से जुड़े दो अरब डालर के घोटाले में भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने को लेकर कानूनी प्रक्रिया चल रही है।


इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है। निदेशालय ने नये भगोड़ा आर्थिक अपराध कानून के प्रावधानों के तहत मनी लांड़िंग रोधी कानून (पीएमएलए) की विशेष अदालत में मेहुल चोकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किये जाने को लेकर आवेदन किया है। नया भगोड़ा आर्थिक अपराध कानून पिछले साल अगस्त से लागू है।



मेहुल चोकसी ने इसके बाद उच्च न्यायालय का रुख किया जहां उन्होंने पीएमएलए अदालत में उनके खिलाफ चल रही कानूनी प्रक्रिया को स्थगित करने का आग्रह किया।



हालांकि न्यायमूर्ति बी पी धर्माधिकारी और एस एस जाधव ने बुधवार को चोकसी की इस याचिका को खारिज कर दिया।



जांच एजेंसियों के मुताबिक मामले में एक और प्रमुख ओरापी नीरव मोदी और उनके मामा चोकसी ने कुछ बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर कथित रूप से पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को धोखाधड़ी के साथ गारंटी पत्र (एलओयू) जारी करा कर 14,000 करोड़ रुपये का चूना लगाया।



ये गारंटी पत्र मार्च 2011 से ही मुंबई की पीएनबी की एक बैंक शाखा से कथित तौर पर धोखाधड़ी करके मोदी से जुड़ी कंपनियों के समूह के पक्ष में जारी किये जाते रहे। ये गारंटी पत्र तब तक जारी होते रहे जब तक कि यह मामला सामने नहीं आ गया।



भगोड़े आर्थिक अपराध कानून के तहत ऐसे किसी भी व्यक्ति को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जा सकता है जो कि 100 करोड़ रुपये अथवा इससे अधिक के मामले में लिप्त हो और जिसके खिलाफ वारंट जारी किया गया लेकिन वह व्यक्ति विदेश भाग गया हो और कानूनी एजेंसियों के समक्ष हाजिर होने के लिए वापस नहीं आ रहा हो।


(साभार-पीटीआई भाषा)



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