रिजर्व बैंक का प्रतिबंध झेल रहे सहकारी बैंक PMC यानी पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहक बैंक से एक लाख रुपए तक निकाल सकते हैं, लेकिन इसके लिए शर्त है। आरबीआई ने बॉम्बे हाई कोर्ट में पीएमसी बैंक से संबंधित याचिका की सुनवाई के दौरान अपने हलफनामा में कहा है कि मेडिकल इमर्जेंसी के दौरान पीएमसी बैंक का कोई भी ग्राहक आरबीआई द्नारा नियुक्त प्रशासक से एक लाख रुपए तक निकालने के लिए संपर्क कर सकता है। 4 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी।
कुछ दिन पहले ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनियमितताओं के लिए RBI की कार्रवाई का सामना कर रहे PMC बैंक यानी पंजाब एवं महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक के जमाकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई के दौरान RBI को फटकार लगाते हुए पूछा था कि बैंक के ग्राहकों की सुरक्षा के लिए उसने क्या किया। कोर्ट ने RBI से हलफनामा देकर इस मामले में 19 नवंबर तक जवाब मांगा था।
कुछ दिन पहले ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनियमितताओं के लिए RBI की कार्रवाई का सामना कर रहे PMC बैंक यानी पंजाब एवं महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक के जमाकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई के दौरान RBI को फटकार लगाते हुए पूछा था कि बैंक के ग्राहकों की सुरक्षा के लिए उसने क्या किया। कोर्ट ने RBI से हलफनामा देकर इस मामले में 19 नवंबर तक जवाब मांगा था।
याचिका में पीएमसी से आरबीआई द्वारा पैसों की निकासी पर लगाए गए प्रतिबंधों को चुनौती दी गई थी।
आपको बता दूं कि इस साल 23 सितंबर को आरबीआई ने कथित वित्तीय अनियमितताओं को लेकर छह महीने के लिए पीएमसी बैंक पर नियामक प्रतिबंध लगाए। खाताधारकों के लिए निकासी की सीमा शुरू में प्रत्येक ग्राहक पर छह महीने के लिए 1,000 रुपये थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 10,000 रुपये और फिर 40,000 रुपये कर दिया गया। बाद में इस सीमा को बढ़ाकर 50 हजार रुपए प्रति ग्राहक किया गया।
बैंक के संकट के लिए रियल्टी प्लेयर हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) को दिए गए ऋणों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। ये ऋण कथित तौर पर नियामकों की जांच से छिपे हुए थे, गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों को बदल रहे थे।
एचडीआईएल प्रमोटर्स और बैंक के शीर्ष प्रबंधन सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
प्रवर्तन निदेशालय भी मामले की जांच कर रहा है और एचडीआईएल प्रमोटर्स राकेश वाधवन और उसके बेटे सारंग वाधवन की संपत्ति को जब्त कर लिया है।
बैंक के 9,500 करोड़ रुपये में से 6,500 करोड़ रुपये से अधिक एचडीआईएल या उससे जुड़ी डमी कंपनियों को दिया गया, जो एनपीए हो गई हैं।
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