सितंबर के अंत तक 44 फंड हाउस के साथ कुल 85,626,244 म्युचुअल फंड अकाउंट यानी फोलियो रजिस्टर्ड थे जिसकी संख्या अक्टूबर में बढ़कर 86,256, 880 हो गई यानी कुल 6,30,000 फोलियो की बढ़ोत्तरी हुई। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया यानी एएमएफआई की ताजा रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है।
जानकारों का मानना है कि शेयर बाजार में तेजी का फायदा म्युचुअल फंड को भी हुआ है। अक्टूबर में बीएसई के बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स ने 4 प्रतिशत की तेजी दर्ज की है। म्युचुअल फंड स्कीम में जब कोई नया निवेश करता है तो उसे एक नंबर दिया जाता है जिसे तकनीकी भाषा में फोलियो कहा जाता है। किसी भी निवेशक के पास एक से ज्यादा फोलियो हो सकता है।
एएमएफआई के मुताबिक, सितंबर में 3,45,000 नए फोलियो जुड़े थे, जबकि अगस्त में 4,80,000 और जुलाई में 10 लाख से ज्यादा नए फोलियो जुड़े। फोलियो की संख्या बढ़ने के संबंध में म्युचुअल फंड इंडस्ट्री से जुड़े जानकारों का कहना है कि ऐसा लगता है कि निवेशक म्युचुअल फंड से जुड़े बाजार जोखिमों को समझ रहे हैं।
इक्विटी और इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम्स (ईएलएसएस) से जुड़े फोलियो की संख्या सितंबर के 61.8 मिलियन के मुकाबले 3,00,000 बढ़कर 62.1 मिलियन पर पहुंच गई। अक्टूबर में डेट स्कीम से जुड़े फोलियो की संख्या मासिक आधार पर 1,05,000 बढ़कर 6.87 मिलियन पर पहुंच गई। डेट स्कीम में फोलियो की संख्या में बढ़ोत्तरी के लिहाज से लिक्विड फंड पहले पायदान पर रहा। दूसरे पायदान पर लो ड्यूरेशन फंड रहा। लिक्विड फंड से 1.7 मिलियन फोलियो जुड़े हैं जबकि लो ड्यूरेशन फंड से 9,36,000 फोलियो।
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