भारत में 2019 में 52 अरब डॉलर के विलय एवं अधिग्रहण सौदे होने की संभावना है। बेकर मैकेंजी की एक नयी रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर की अड़चनों के बावजूद भारत में विलय एवं अधिग्रहण सौदों में स्थिरता रहेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक दिक्कतों के बावजूद भारत में विलय एवं अधिग्रहण बाजार के अगले कुछ साल तक स्थिर रहने की उम्मीद है। ‘‘अनुकूल कारोबारी माहौल के बीच निजी निवेश में सुधार हो रहा है।’’
आक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स के साथ संयुक्त रूप से जारी पांचवी वैश्विक सौदे अनुमान रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019- 22 के दौरान भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर सात प्रतिशत के करीब रहेगी। इस दौरान वैश्विक स्तर पर जीडीपी की औसत वृद्धि दर 2.8 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है।
रिपोर्ट कहती है कि 2020 में देश में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) से प्राप्ति घटकर 2.7 अरब डॉलर रह जाने का अनुमान है। वर्ष 2019 में यह करीब 3.4 अरब डॉलर रहेगा। हालांकि, 2021 में आईपीओ से प्राप्ति के बढ़कर 4.3 अरब डॉलर पर पहुंच जाने का अनुमान है।
रिपोर्ट के अनुसार भारत में विलय एवं अधिग्रहण बाजार के 2019 में ‘सामान्य’ स्थिति में पहुंच जाने का अनुमान है। इस दौरान विलय एवं अधिग्रहण सौदे 52.1 अरब डॉलर पर पहुंच सकते हैं।
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