भूमि अधिग्रहण में दिक्कत की वजह से भारत में कारखाना लगाने की योजना में पहले सफल नहीं हो पाई दक्षिण कोरियायी कंपनी पॉस्को एक बार फिर से भारतीय बाजार में उतरने की तैयारी कर रही है। लेकिन इस बार वह चुनिंदा स्थानीय कंपनीय के साथ हाथ में हाथ डाल कर उतरना चाहती है।
सूत्रों का कहना है कि पॉस्को विशाखापट्टनम में आरआईएनएल के साथ संयुक्त उद्यम लगाने की संभावना तलाश रही है। पिछले सप्ताह पॉस्को के अधिकारियों की संयुक्त उद्यम योजना के लिए राष्ट्रीय इस्पात निगम लि. (आरआईएनएल) के प्रबंधन के साथ बैठक हुई।
सूत्रों ने बताया कि दक्षिण कोरिया की कंपनी आरआईएनएल के साथ विशाखापट्टनम में मूल्यवर्धित ग्रेड के इस्पात के विनिर्माण का कारखाना लगाना चाहती है।
सूत्रों ने कहा कि जनवरी, 2019 से पॉस्को के अधिकारी तीन बार आरआईएनएल के कारखाने में जा चुके हैं।
भारत को लेकर पॉस्को ने पहली बार रुचि नहीं दिखाई है।इससे पहले पॉस्को ने ओड़िशा के जगतसिंहपुर में 52,000 करोड़ रुपये के निवेश से 1.2 करोड़ टन क्षमता का इस्पात कारखाना लगाने का प्रस्ताव किया था।
पॉस्को ने इस बारे में ओड़िशा सरकार के साथ 2005 में सहमति ज्ञापन (एमओयू) भी किया था। लेकिन पर्यावरण मंजूरी में देरी से लेकर स्थानीय लोगों के विरोध जैसे कारणों से पॉस्को की यह योजना आगे नहीं बढ़ पाई। अंतत: यह एमओयू 2010 में समाप्त हो गया और उसका नवीकरण नहीं किया गया।
इस्पात मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इस साल जुलाई में पॉस्को के अधिकारियों ने इस्पात सचिव विनय कुमार के साथ मुलाकात कर निवेश का प्रस्ताव सौंपा था।
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