खराब तरीके से संचालित एनबीएफसी को कर्ज देने वाले बैंकों को उठाना होगा अधिक नुकसान : दास


रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने आगाह किया है कि कामकाज के संचालन के मोर्चे खराब स्थिति वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को कर्ज देने वाले बैंकों को दबाव वाले ऋणों के निपटान में अधिक घाटा उठाना पड़ेगा।


दास ने बृहस्पतिवार को सरकार की 10 बैंकों की विलय की योजना पर कहा कि यह एकीकरण किसी अड़चन के बिना होगा। उन्होंने कहा कि इसे हासिल करने के लिए केंद्रीय बैंक पूरा सहयोग देगा।



दास का यह बयान ऐसे समय आया है जबकि बैंक दबाव वाली संपत्तियों के मामलों के समाधान का प्रयास कर रहे हैं। ये मामले बड़ी राशि के हैं। मॉर्गेज ऋणदाता डीएचएफएल पर ही 50,000 करोड रुपये का बकाया है। डीएचएफएल में पूर्व में कामकाज के संचालन में खामियां मिली हैं।



दास ने यहां शाम को ब्लूमबर्ग न्यूज द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जिन एनबीएफसी में संचालन के बड़े मुद्दे होंगे उनमें बैंकों को अधिक नुकसान उठाना पड़ेगा। ये कारोबारी विफलता का मामला है। साथ ही यह प्रशासनिक या कामकाज के संचालन में विफलता का भी मामला है।

(साभार- पीटीआई भाषा)
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