पूर्व तिथि से प्रभावी कर मुद्दे का समाधान होने पर भारत में फिर निवेश को तैयार केयर्न एनर्जी: सीईओ

ब्रिटेन की कंपनी केयर्न एनर्जी पीएलसी ने कहा है कि यदि पिछली तिथि से प्रभावी कर मुद्दे का समाधान हो जाता है तो वह भारत में फिर से निवेश करने को तैयार है। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने यह कहा।


केयर्न ने 1990 के दशक में कृष्णा गोदावरी घाटी में राव्या तेल एवं गैस क्षेत्र की खोज की। इसके बाद उसने राजस्थान के थार रेगिस्तान में भूक्षेत्र में सबसे बड़ी तेल खोज की। कंपनी ने भारत में निवेश के बाद कई साल पहले अपने भारतीय कारोबार की आंतरिक पुनर्संरचना की। उसकी इस पुनर्संरचना को लेकर आयकर विभाग ने 2014 में 10,247 करोड़ रुपये की कर मांग ठोक दी। कर विभाग ने कंपनी की लाभांश आय, कर रिफंड रोक दिया गया तथा कंपनी के शेयरों को अपने कब्जे में लेकर बाद में बेच दिया। 

आयकर विभाग ने वर्ष 2012 में पारित किये गये पिछली तिथि से लागू कर प्रावधान के तहत कंपनी से यह कर मांग की। 

केयर्न एनर्जी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) साइमन थॉमसन ने पीटीआई-भाषा से यहां कहा, ‘‘हम भारत में निवेश करने को तैयार हैं बशर्ते पूर्वप्रभावी कर के मुद्दे को सुलझा लिया जाए। भारत एक ऐसी जगह है जहां हम तेल एवं गैस खोज के लिये लाइसेंस पाना चाहेंगे।’’ 

उन्होंने कहा कि कंपनी के पास भारतीय तलछटी घाटी का विस्तृत ज्ञान है और यह यहां खोज करने के लिये सर्वाधिक उपयुक्त है।

केयर्न एनर्जी ने वर्ष 2011 में अपने भारतीय कारोबार (केयर्न इंडिया) को वेदांता लिमिटेड को बेच दिया था। उसने इस सौदे पर पिछली तिथि से कर लगाये जाने के मामले को अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत में चुनौती दी है। केयर्न एनर्जी से पिछली तिथि से कर मांग करने के बाद से अब तक भारत में तेल एवं गैस खोज क्षेत्रों के आवंटन की पांच नीलामियां की जा चुकी हैं। 

(साभार- पीटीआई भाषा)
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