बीएसएनएल मामला: अदालत ने सीबीआई से नौ अगस्त को जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा


दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से बीएसएनएल के कुछ अधिकारियों के कारण खजाने को करीब 1,000 करोड़ रुपये के नुकसान को लेकर प्रारंभिक जांच रिपोर्ट देने को कहा। आरोप है कि बीएसएनएल के कुछ अधिकारियों ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर चीन की कंपनी की एक अनुषंगी इकाई को अनाधिकृत तरीके से भुगतान कर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया। 

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायाधीश सी हरि शंकर की पीठ ने सीबीआई को नौ अगस्त को रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। मामले की अगली सुनवाई इसी दिन होनी है।

अदालत गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) टेलीकॉम वाचडॉग की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है। याचिका में दावा किया गया कि यह 1,000 करोड़ रुपये से जुड़े भ्रष्टाचार का बड़ा मामला है। 

एनजीओ की तरफ से मामले में पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि भारत संचार निगम लि. (बीएसएनएल) के अधिकारियों ने चीनी ठेकेदार कंपनी मेसर्स जेडटीई टेलीकॉम इंडिया प्राइवेट लि. के साथ मिलकर बीएसएनएल का फर्जी आधिकारिक रिकार्ड बनाया ताकि कंपनी को बिना वजह 1,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा सके।

बीएसएनएल ने आरोपों से इनकार किया है। 

संक्षिप्त सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अदालत के समक्ष कहा कि प्रारंभिक जांच पूरी हो गयी है और यह एजेंसी में वरिष्ठ अधिकारियों के हस्ताक्षर के लिये लंबित है।

जांच एजेंसी ने अदालत को यह भी बताया कि उसने जनवरी और मई में बंद लिफाफे में जांच के संदर्भ में रिपोर्ट दी है।

हालांकि, पीठ को केवल जनवरी की रिपोर्ट मिली है और उसने एजेंसी से दोनों रिपोर्ट नौ अगस्त को पेश करने का कहा।

(साभार- पीटीआई भाषा)
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