राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया ने अपने कर्मचारियों की पदोन्नति तथा नये कर्मचारियों की नियुक्ति रोक दी है। सरकार कर्ज के बोझ से दबी कंपनी के विनिवेश की तैयारी कर रही है जिसके मद्देनजर एयरलाइन ने यह कदम उठाया है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
सरकार द्वारा एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया जल्द शुरू किए जाने की उम्मीद है। एयर इंडिया पर 50,000 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज का बोझ है।
अधिकारी ने कहा कि विनिवेश प्रक्रिया के लिए एयरलाइन के 15 जुलाई तक बही खाते को बंद कर दिया गया है। बोलियां मंगाने के लिए इन्हीं वित्तीय ब्यौरों का इस्तेमाल किया जाएगा।
अधिकारी ने बताया कि एयर इंडिया की हिस्सेदारी बिक्री से पहले पदोन्नति और नयी नियुक्तियां रोक दी गई हैं।
एयरलाइन के स्थानीय कर्मचारियों की संख्या करीब 10,000 है। इस बारे में एयर इंडिया से तत्काल प्रतिक्रिया नहीं मिली है। नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला से भी इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं मिल पाई है। फिलहाल एयर इंडिया का प्रतिदिन का राजस्व 15 करोड़ रुपये है। सरकार ने 2018 में एयर इंडिया की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी के विनिवेश का प्रयास किया था लेकिन यह सफल नहीं हो पाया था।
वित्तीय लेनदेन सलाहकार ईवाई ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सरकार द्वारा अपने पास 24 प्रतिशत हिस्सेदारी और अधिकार रखने के फैसले और ऊंचे कर्ज के बोझ की वजह से विनिवेश प्रक्रिया विफल रही।
नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने तीन जुलाई को राज्यसभा को बताया कि सरकार एयर इंडिया के विनिवेश के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा था कि हिस्सेदारी बिक्री से पहले सरकार एयरलाइन को परिचालन की दृष्टि से अधिक व्यावहारिक बनाना चाहती है।
निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव अतनु चक्रवर्ती ने सात जुलाई को कहा था, ‘‘यदि पहले नहीं हो पाता है, तो भी हम एयरलाइन के विनिवेश की प्रक्रिया को दिवाली तक पूरा करने का प्रयास करेंगे।’’
(साभार- पीटीआई भाषा)
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